तीन तलाक पर हो सकता है ज्वाईंट सेशन 

Publsihed: 04.Jan.2018, 20:27

अजय सेतिया / संसद के शीत सत्र का आज सत्रावसान हो जाएगा | सत्रावसान से एक दिन पहले गुरूवार को सरकार ने तीन तलाक पर गुगली मारी | लोकसभा में बिल आसानी से पास हो गया था | जिस में इंस्टैंट ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी घोषित किया गया है | बिल में इंस्टैंट तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की कैद की सज़ा का प्रावधान है | तब कांग्रेस ने न तो अपने संशोधनों पर वोटिंग माँगी | न बिल का विरोध किया | लोकसभा में स्टेंडिंग कमेटी में बिल जाता | तो भूपेन्द्र यादव की रहनुमाई वाली कमेटी में बिल जाता | पर राज्यसभा में नई सलेक्ट कमेटी बनती है | पर जैसी उम्मींद थी कांग्रेस ने राज्यसभा में गुगली मार दी | कांग्रेस की बड़ी मांग यह है कि तीन तलाक को क्रिमनल न बनाया जाए | इसे सिविल अपराध रखा जाए | पर सरकार की दलील है कि सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बावजूद तीन तलाक हो रहे हैं | रविशंकर प्रशाद ने यह बात संसद में रखी | उन का तर्क है कि सजा का डर नहीं होगा तो तीन तलाक जारी रहेगा | सरकार के पास तीन इंस्टैंट तलाकों के 73 उदाहरण मौजूद हैं | कांग्रेस चाहती है बिल में सजा की बजाए जुर्माना भले ही रख दिया जाए | जबकि मुस्लिम नेताओं का तर्क दूसरा है | उनका कहना है कि क्रिमिनल क़ानून एक समुदाय के लिए नहीं बन सकता | मुसलमानों का दूसरा तर्क यह है कि जब सुप्रीमकोर्ट के मुताबिक़ इंस्टेंट तलाक गैकानूनी है | एक बार तीन तलाक कहे जाने को तलाक माना ही नहीं जाएगा |  जब तलाक हुआ ही नहीं,  तो सजा किस बात की | खैर लोकसभा में पास बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस ने राज्यसभा में सलेक्ट कमेटी की मांग रख दी | राज्यसभा में विपक्ष का बहुमत है | सो कमेटी में भी बहुमत होगा | भाजपा को पहला झटका तब लगा , जब शिव सेना ने भी सलेक्ट कमेटी की मांग की | दूसरा झटका तब लगा जब तेलगू देशम ने सलेक्ट कमेटी की मांग रख दी | इतना ही नहीं सरकार में शामिल तेलुगु देशम ने बाकायदा कांग्रेस के साथ मीटिंग की | तेलगू देशम के सांसदों को बाकायदा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्र बाबू नायडू से हरी झंडी मिली थी | कांग्रेस के उप नेता आनन्द शर्मा ने बुधवार को सलेक्ट कमेटी का प्रस्ताव पेश किया | तो उनके प्रस्ताव में विपक्ष के हर दल के नेता का नाम था | जिस में तेलगू देशम का सांसद भी शामिल था | आखिर में आनन्द शर्मा ने कहा कि भाजपा इस में सरकारी पक्ष के मेंबर जोड़ ले | पर अरुण जेटली ने आनन्द शर्मा की सलेक्ट कमेटी को एक तरफ़ा बता कर खारिज कर दिया था | पर राज्यसभा की बैठक उठने के बाद सरकारी संकेत सलेक्ट कमेटी बनाने के थे | क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रशाद ने खुद ऐसे संकेत दिए थे कि सरकार खुद सलेक्ट कमेटी बना देगी | उम्मींद थी कि सरकार गुरूवार को सलेक्ट कमेटी का अपना प्रस्ताव लाएगी | तब भाजपा के अंदरुनी सूत्र बता रहे थे - " सरकार कर्नाटक विधानसभा चुनाव तक तीन तलाक को घसीटेगी | इस लिए सलेक्ट कमेटी उसे भी सूट करती है |" पर गुरूवार को सरकार की रणनीति बदली हुई थी | यह मोदी सरकार की नई गुगली है | वह सलेक्ट कमेटी बनाने की रणनीति से पीछे हट गई | अपन को भनक लगी है कि अब वह राज्यसभा में बिल पर वोटिंग चाहती है | ताकि विपक्ष के बहुमत वाली राज्यसभा में तीन तलाक का बिल गिर जाए | और भाजपा को कुछ दिन कांग्रेस को बेनकाब करने का मौक़ा मिले | फिर भाजपा तीन तलाक का बिल पास करवाने के लिए संसद का ज्वाईंट सेशन बुला लेगी | कर्नाटक विधानसभा चुनाव तो अप्रेल में है | संसद का ज्वाईंट सेशन बजट सत्र से पहले कभी भी हो सकता है | शायद यह रणनीति गुरूवार को बनी होगी | सुबह गुरूवार के एजेंडे में तीन तलाक शामिल ही नहीं था | उस की जगह पर जीएसटी का बिल था | पर शाम पांच बजे सरकार ने तीन तलाक का बिल बहस के लिए पेश कर दिया | कांग्रेस के सांसद और उप- सभापति पीजे कुरियन मुश्किल में फंसे | वह पीठासीन अधिकारी थे | उन के सामने दो चुनौतियां थी | पहली यह कि जीएसटी की जगह तीन तलाक पर बहस करवाना | दूसरा आनन्द शर्मा के सलेक्ट कमेटी वाले प्रस्ताव से निपटना | वह प्रस्ताव बाकायदा सदन में रखा जा चुका था | बिल पास करने का प्रस्ताव भी सदन पटल पर है | अब सवाल यह है कि सलेक्ट कमेटी के  प्रस्ताव पर पहले फैसला होगा | जब तक उस पर फैसला नहीं होगा | तब तक बिल पर बहस कैसे हो सकती है | गुरूवार को राज्यसभा में इसी बात पर फच्चर फंस गया | पीजे कुरियन इस पहेली को नहीं सुलझा पाए | वह सरकारी लाईन पर चल रहे थे | बिल पर बहस शुरू करवा रहे थे | सो विपक्ष के सांसद हंगामा मचाते हुए वेळ में आ गए | और सदन शुक्रवार के लिए उठ गया | अब देखना होगा कि आज शुक्रवार को सरकार सलेक्ट कमेटी के प्रस्ताव से कैसे निपटेगी | तीन तलाक का बिल राज्यसभा से नामंजूर न हुआ तो ज्वाईंट सेशन कैसे होगा | 

 

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