तीन तलाक पर मोदी के मन की बात 

Publsihed: 30.Apr.2017, 07:26

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिर तीन तलाक के मुद्दे पर मन की बात कही  | वैसे मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना मुहं पहले ही खोल चुकी थी | सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील ने कहा था कि मोदी सरकार तीन तलाक का विरोध करती है | मोदी ने शनिवार को कर्नाटक में जा कर पैंतरा बदला है | उनने यह नहीं बताया कि उन की सरकार ने कोर्ट को क्या बताया है | सिर्फ इतना बताया कि मेनका गांधी के मंत्रालय ने कोर्ट में अपनी राय रख दी है | यों यह अखबारों में छप चुका , मीडिया पर आ चुका | अब मोदी ने मुस्लिम समाज से कहा कि वे खुद मसले को सुलझाएं | इस मसले में राजनीति न आने दें | साथ ही मोदी ने मुस्लिम समाज को सीख दी कि वे तीन तलाक से बर्बाद हो रही मुस्लिम औरतों की जिंदगी बचाएं | लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे कर्नाटक के हैं | उनने मोदी के बयान में फ़ौरन राजनीति ढूंढ ली | कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे | खडगे ने मोदी के इस बयान को  विधानसभा चुनाव से जोड़ा | यूपी चुनाव के बाद से राजनीति के बाज़ार में चर्चा है कि तीन तलाक मुद्दे से भाजपा को फायदा हुआ | अपन इस अफवाह की सच्चाई नहीं जानते | अपन ने भाजपा  नेताओं को दबी जुबान से यह कहते जरुर सुना कि 10 फीसदी मुस्लिम औरतों के वोट मिले | हालांकि रविशंकर प्रशाद ने हाल ही में इसे गलत ठहराया | उनने एक इंटरव्यू में कहा कि मुस्लिम भाजपा को वोट नहीं देते | अपन असल सवाल पर आएं | मोदी सरकार जब कोर्ट में तीन तलाक का विरोध कर चुकी ,तो उन ने फैसला मुस्लिम समाज पर क्यों छोड़ा | कहीं ऐसा तो नहीं कि भाजपा में इस मुद्दे पर मतभेद हों | कहीं ऐसा तो नहीं कि इस मुद्दे में हाथ डालने से सब का साथ,सबका विकास कमजोर पड़ता हो | या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि मुस्लिम समाज में बहस को तेज करवाने की रणनीति हो | ताकि कल को कोर्ट का फैसला आए, तो सरकार के हाथ होम में न जलें | जैसे शाहबानों के फैसले पर राजीव गांधी के हाथ होम में जल गए थे | राजीव गांधी को कट्टरपंथियों के दबाव में कोर्ट के फैसले को पलटने वाला क़ानून बनाना पडा था | वैसे बकौल रविशंकर प्रशाद भाजपा सरकार हिन्दुओं के वोट ले कर बनी है | सो मोदी मुस्लिम कट्टरपंथियों के दबाव में आने से रहे | यों भी अब 1986 जैसे हालात नहीं हैं | न तो कांग्रेस तीन तलाक का समर्थन कर रही है , न बाकी राजनीतिक दल | सिवा ओवेसी की पार्टी के कोई खुल्लम खुला समर्थन नहीं कर रहा | बुद्धिजीवियों में भी तीन तलाक के पैरवीकार नहीं हैं | हाँ ये ठीक है कि जैसे वे संघ के खिलाफ गला फाड़ कर बोलते लिखते हैं , वैसे तीन तलाक पर नहीं बोलते | अलबता उन की कलम की धार भौंथरी है, बोलती बंद है | अपन को सोशल मीडिया पर भी कोई सेक्यूलर तीन तलाक पर विरोध करता नहीं दिखता | शाहबानों के वक्त सोशल मीडिया नहीं था , न ही दिन रात बहस करने वाले टीवी चैनल थे | आज 65 फीसदी वोटर 35 साल से कम उम्र का है | इस पीढी का आजादी के आन्दोलन से वासता नहीं | कांग्रेस की कुरबानिया बताने वाला परिवार में बूढा भी नहीं बचा | इस लिए मोदी को कांग्रेस मुक्त भारत का यह मौक़ा मुफीद लगता है | शाहबानों केस को भी 30 साल बीत चुके | साठ-पैंसठ फीसदी वोटर शाहबानों केस भी नहीं जानते | सो अपन आगे बढ़ने से पहले थोड़ा सा बता दें | शाह बानो एक 62 साल की मुसलमान औरत थी | वह पाँच बच्चों की माँ थीं  | शाहबानों को उस के पति ने 1978 में तलाक दे दिया था | तलाक तलाक तलाक , बस तीन बार ऐसा ही बोला था | मुस्लिम पारिवारिक कानून के मुताबिक़ पति पत्नी की मर्ज़ी के खिलाफ़ ऐसा कर सकता है | अब ताज़ा झगड़ा यही है कि मुस्लिम पति ऐसा कर सकता है या नहीं | पर तब मामला शाहबानों के गुजारा भत्ते का था | शाहबानों कोर्ट गई | सात साल बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने आईपीसी की धारा 125 के तहत फैसला दिया |  यह हर किसी पर लागू होता है चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय का हो | कोर्ट ने शाह बानो के हक में फैसला दिया | जिस पर कट्टरपंथी  मुस्लिम खफा हो गए | उन के अनुसार वह फैसला उनकी संस्कृति और कानूनों में बेजा  दखल था | कट्टरपंथियों ने मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड बनाया और आन्दोलन खडा कर दिया | तब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे | राजीव गांधी को उन के सलाहकारों ने बताया कि मुस्लिम वोट बैंक खिसक रहा है | राजीव गांधी ने कट्टरपंथियों की मांगें मान लीं और इसे "धर्म-निरपेक्षता" के उदाहरण के रूप में पेश किया | अब फिर वही मामला कोर्ट में है, तब तलाक के बाद का मामला था | अब तलाक का मामला है | कट्टरपंथी मुसलमान 30 साल बाद भी वहीं के वहीं खड़े हैं | यों अगर कोर्ट तीन तलाक को गलत ठहरा देगा , तो मोदी सरकार किसी दबाव में नहीं आएगी | वह तो तीन तलाक के खिलाफ है ही | कांग्रेस कोई स्टैंड नहीं ले रही | यों तो तीन तलाक का मामला मुस्लिम महिला ही कोर्ट में ले कर गई है | पर खडगे ने शनिवार को कहा कि यह मुद्दा आरएसएस -बीजेपी का उछाला हुआ है | कांग्रेस ने शाहबानों केस में अपने हाथ जलाए थे | अब कांग्रेस को न उगलते बन रहा है, न निगलते | मुस्लिम महिलाओं का साथ दे, या पुरुषों का | भाजपा के साथ तो मुस्लिम वोट बैंक है ही नहीं | तीन तलाक का विरोध कर के दस फीसदी मुस्लिमों के वोट भी मिल जाएं, तो भागते चोर की लंगोटी ही सही | कई मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक को चुनौती दे रखी है | मुस्लिम समाज की  खुला, हलाला और मर्दों को चार शादियों  के हक को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है | यों सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों का बेंच 2007 में भी तीन तलाक को गैर संविधानिक और कुरान के खिलाफ बता चुका है | फैसला नजदीक है,| इस लिए बहस तेज हो गई है | मोदी ने सही वक्त पर मुस्लिम समाज को कुरूतियों से पिंड छुडाने की सलाह दी है | अब विरोधी इस में राजनीति ढूंढें तो ढूंढें | मोदी तो मन की बात कह कर निकल लिए | 

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