पेलेट गन न थमाई ,तो मिट्टी में मिल जाएगी 

Publsihed: 29.Apr.2017, 00:09

कश्मीर समस्या के मौजूदा "पत्थर युग" की जड़ में भी  जेएनयू ही हैं |  जब जेएनयू में कश्मीर मांगे आज़ादी के नारे नहीं लगे थे | तब सडकों पर इस तरह की बगावत नहीं दिखती थी |  कन्हैया और खालिद ने कश्मीर में आज़ादी की मांग करने का सन्देश भेजा | घाटी के छोटे से इलाके के कश्मीरी तब तक हुर्रियत के प्रभाव में थे | जो आज़ादी नहीं कश्मीर का "हल" चाहते थे | कन्हैया और खालिद ने उन्हें- "हम क्या चाहते -आज़ादी", सिखाया | सेक्यूलर बुद्धिजीवियों ने आज़ादी के नारों की जमीन पहले से तैयार कर ली थी | जब पूरे देश में पेलेट गन को लेकर बवाल खडा किया गया | मीडिया में बैठे वामपंथी देश के टुकडे करने वालों की साजिश का टूल बने | पेलेट गन को कश्मीर के मुसलमान के साथ जोड़ने की गहरी साजिश रची गई | अख़लाक़ के बहाने पुरस्कार वापिसी का नाटक हुआ | तो मोदी के खिलाफ माहौल बनाने की रणनीति का हिस्सा था | रोहित वेमूला के बहाने दलितों को भड़काने का मामला ठंडा पड गया था | तब पेलेट गन को मुसलमानों के खिलाफ बताना शुरू हुआ | देश भर के मुसलमानों को भड़काया गया | उत्तरप्रदेश , केरल और हैदराबाद के मुसलमान भी खुल्लम खुल्ला पेलेट गन के खिलाफ बोलने लगे | हालात ऐसे बना दिए गए जैसे कश्मीर में मोदी मुसलमानों की आँखे फोड़ रहे हों | कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानने वाले मुसलमान भी भड़क गए | देश के मुसलमानों को सरकार और सेना के खिलाफ खडा कर दिया गया | ठीक इसी तरह इस गैंग ने पहले पोटा के खिलाफ मुहिम चलाई थी | पोटा को मुस्लिम विरोधी बताया गया था | जब कि सेक्यूलर  देश का कोई क़ानून किसी सम्प्रदाय के खिलाफ क्यों होगा | पोटा आतंकवाद के खिलाफ था | अब उस में ज्यादा मुसलमान पकडे जा रहे थे ,तो इस में क़ानून का क्या कसूर | जब आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता | तो आतंकवाद विरोधी क़ानून का कोई धर्म कैसे हो सकता है | मुसलमानों के पकडे जाने पर वह धर्म का मुद्दा कैसे बन गया | पर इन्ही सेक्यूलर बुद्धिजीवियों ने , इसी सेक्यूलर मीडिया ने पोटा को धर्म के साथ जोड़ दिया | डरपोक नरसिंह राव ने आतंकवाद विरोधी क़ानून पोटा ही वापस ले लिया | पोटा की तरह ही सेक्यूलर बुद्धिजीवियों ने देश भर में पेलेट गन के खिलाफ माहौल बनाया | तो किसी के दबाव में न आने वाली मोदी सरकार भी दबाव में आ गई | इसी दबाव के चलते मोदी सरकार ने पेलेट गन के इस्तेमाल की समीक्षा के लिए जुलाई 2016 में एक कमेटी बना दी | जम्मू कश्मीर बार एसोसिएशन की हिम्मत बढी | बार एसोसिएशन पेलेट गन के खिलाफ हाई कोर्ट में चली गई | बार एसोसिएशन एक तरह से आर्मी के खिलाफ खडी थी | एसोसिएशन का मकसद हुर्रियत की सहानुभूति पाना था | हाई कोर्ट ने बार एसोसिएशन की अपील ठुकरा दी | कोर्ट ने कहा -यह सुरक्षा बलों का मामला है | वह हालात के मुताबिक़ फैसला करते हैं | बार सुप्रीम कोर्ट आ गई | बार एसोसिएशन का एफिडेविट झूठ से भरा है | जिस में लिखा है --" सुरक्षा बालों ने स्कूलों कालेजों में घुस कर लड़कों  को मारा | उस के बाद लड़कों ने पत्थराव शुरू किया | " अपन को डर है कि कहीं यही लाईन अपने दिल्ली वाले बुद्धिजीवी न अपना लें कहीं | बार एसोसिएशन एक बड़े एजेंडे के साथ कोर्ट आई है | बार ने कहा--" केंद्र सरकार ने कश्मीर के लोगों से बात करना बंद कर दिया है | लोग बिना किसी शर्त के बिना बाधा बातचीत चाहते हैं |" मुकुल रोहतगी ने बार एसोसिएशन की पोल खोली | उन ने पिटीशनर का हल्फिया बयान कोर्ट में पढ़ा | जिस में लिखा था कि कश्मीर में शान्ति भारत पाक बातचीत के माध्यम से ही आएगी | हल्फिया बयान में कश्मीर के विलय को भी विवादास्पद बताया गया था | यह पूरी तरह पाकिस्तान की भाषा है | मुकुल रोहतगी ने साफ़ किया कि केंद्र सरकार अलगाववादियों से कोई बात नहीं करेगी | आज़ादी के नारे लगाने वालों से तो बिलकुल नहीं | और बात बिना शर्त भी नहीं होगी | संविधान के दायरे में ही होगी | रोहतगी ने कहा , इन्हें मुख्यमंत्री और , प्रधानमंत्री से मिल कर बात करने से किस ने रोका है | बातचीत राजनीतिक माध्यम से ही होगी | कोर्ट के माध्यम से नहीं |  हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिन ही बार एसोसिएशन से भी कहा था कि यह उस का काम नहीं है | पर शुक्रवार को कोर्ट ने साफ़ किया- पत्थराव होगा, तो पेलेट गन से कैसे रोक सकते हैं | कोर्ट ने बार एसोसिएशन से कहा,  पहले आप पत्थराव बंद करवाइए | स्टूडेंट स्कूलों कालेजों में अपनी क्लासों में जाएं |  जिन्हें आप स्टेक होल्डर बता रहे हो, 9 मई तक उन का हल्फिया बयान लाईए कि हिंसा नहीं होगी | फिर कोर्ट सरकार से कहेगी कि 15 दिन के लिए सुरक्षा बलों को हटा लें | फिर हम सरकार से कहेंगे कि स्टेक होल्डरों से बात करे |  लेकिन कोर्ट ने साफ़ कर दिया कि बातचीत संविधान के दायरे में ही होगी | अदालत का रूख देख बार एसोसिएशंन की घिग्घी बांध गई | एसोसिएशन ने कहा कि वे अलगावावादियों से बात करेंगे | इस पर जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि आप तो खुद बातचीत करने आए थे, अब किसी और पर बात टाल रहे हैं | अपन सब जानते हैं कि हालात अब ज्यादा बिगड़ चुके | पहले तो लडके सिर्फ तब सेना पर पत्थर फैंकते थे ,जब मुठभेड़ हो रही होती थी | वे आतंकी को भागने का रास्ते दिलाते थे | आतंकवादियों को यह नया हथियार मिल गया | आतंकियों को यह हथियार जेएनयूवादियों ने दिया है | आतंकियों ने लड़कों को उकसाना शुरू किया | शायद लालच के साथ डराना भी | अब तो राह चलते सैनिक पर पत्थर फैंकने लगे हैं | इस हफ्ते आतंकियों ने ग्यारवी , बारहवीं की लड़कियों को भी इस्तेमाल किया | सेना पर पत्थर फैंकने वे भी मैदान में उतर आई हैं | मोदी ने अब सेनिकों को पेलेट गन न थमाई, तो बनी बनाई सब मिट्टी में मिल जाएगी | 

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