लोकपाल ना बनाने पर सुप्रीमकोर्ट खफा

Publsihed: 27.Apr.2017, 23:55

सुप्रीमकोर्ट ने लोकपाल पर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया | लोकपाल क़ानून बने चार साल हो चुके | अन्ना हजारे के दिल्ली वाले धरने ने दो बड़े काम किए थे | एक तो 1968 से लटक रहे लोकपाल बिल को पास करवा दिया | दूसरा "आम आदमी पार्टी" बनवा दी | केजरीवाल की आम आदमी पार्टी दिल्ली पर बोझ बन चुकी है | लोकपाल क़ानून केंद्र सरकार पर बोझ बन चुका है | बिल 2013 में पास हुआ था | अब तक तो पहले लोकपाल की रिटायरमेंट का वक्त आ चुका होता | न मनमोहन सिंह साल भर लोकपाल नियुक्त कर पाए | न मोदी अब तक लोकपाल नियुक्त कर पाए हैं | लोकपाल क़ानून में क्या है ., उस पर जिक्र करेंगे | पहले लोकपाल का इतिहास जान लें | लोकपाल शब्द का जिक्र सब से पहले 1963 में कांग्रेस के सांसद एल.एम. सिंघवी ने किया था | जवाहर लाल नेहरू के जमाने में भ्रष्टाचार की शुरुआत हुई | भारत-चीन जंग के दौरान खरीदी गई जीपों में भ्रष्टाचार उजागर हुआ था | तब भ्रष्टाचार की जांच के लिए निष्पक्ष लोकपाल की बात उठी | पांच साल बाद इंदिरा गांधी के जमाने में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचना शुरू हो गया था | तब जन दबाव में पहली बार 1968 में चौथी लोकसभा में लोकपाल बिल पेश हुआ था | क़ानून का आईडिया हांगकांग से लिया गया था | सत्तर के दशक में हांगकांग में भ्रष्टाचार चरम पर था | तब भ्रष्टाचार पर नकेल डालने के लिए क़ानून बना | क़ानून का नाम था-" इंडिपेंडेंट कमीशन एगेंस्ट करप्शन |" हांगकांग के कमीशन ने काम करना शुरू किया तो पहले ही हल्ले में 180 में से 119 पुलिस अफसरों को सस्पेंड कर दिया था | अपने यहाँ 1968 में जब बिल पेश हुआ | तब तक संसद में आज़ादी के आन्दोलन से निकली आदर्शवादी और ईमानदार पीढी थी | नतीजतन बिल उसी साल पास भी हो गया | बिल राज्यसभा में पेंडिंग पडा था, तभी लोकसभा भंग हो गई | संविधान के अनुच्छेद 107 और संसद के  नियम अनुसार बिल लेप्स हो गया | इस के बाद तो लगा तार 1977, 1985, 1989 , 1996, 1998  और 2001 में बिल पेश हुए |  इन में से चार बार तो बिल तब पेश हुआ , जब गैर कांग्रेस सरकार थी | वाजपेयी के वक्त ही तीन बार पेश हुआ | तब वाजपेयी चाहते थे प्रधानमंत्री भी लोकपाल के दायरे में हो | उन ने जितनी बार बिल पेश करवाया | हर बार प्रधानमंत्री को जांच के दायरे में रखवाया | कांग्रेस को यह बात कभी मंजूर नहीं हुई | इसलिए बिल में अड़ंगे डाले जाते रहे | कांग्रेस का इरादा कभी लोकपाल बिल पास करने का नहीं था | ऐसा बिल पास करने का तो बिलकुल इरादा नहीं था, जिस के दायरे में पीएम भी हो | कांग्रेस यह मान कर चल रही थी, जैसे पीएम पद हमेशा उसी के पास रहेगा | वह सीबीआई और सीवीसी होने का बहाना बनाती रही | आखिर अन्ना हजारे जब जन लोकपाल की मांग लेकर 2011 में दिल्ली आ धमके | रामलीला मैदान ,जंग-ए-मैदान बन गया | तब जा कर 2011 में बिल पेश हुआ और 2013 में पास हुआ | अपनी जिद्द के मुताबिक़ कांग्रेस ने पीएम को लोकपाल के दायरे में नहीं रखा | अन्ना हजारे चाहते थे सीबीआई और सीवीसी भी लोकपाल के दायरे में आए | कांग्रेस का राज था | जो हमेशा सीबीआई का दुरुपयोग किया करती थी | कभी मायावती को सीबीआई का डर दिखा कर इस्तेमाल करती थी | कभी मुलायम को सीबीआई का डर दिखा कर इस्तेमाल करती थी | इन दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की आमदनी से ज्यादा सम्पत्ती दो दशक से सब को पता है | सुप्रीम कोर्ट में केस भी लटका है | पर सीबीआई कभी कोर्ट में कहती है इन दोनों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं | कभी कहती है , इन के खिलाफ कोई सबूत नहीं | अब इस नए क़ानून में सीबीआई और सीवीसी भी लोकपाल के नियन्त्रण में होगी | यह क़ानून भ्रष्टाचार के मामले सुनेगा | नागरिकों की शिकायतों का निपटारा करेगा | भ्रष्टाचार की शिकायतें करने वालों की सुरक्षा करेगा |  क़ानून 2013 से बना पडा है | न मनमोहन सिंह ने लोकपाल के गठन की प्रक्रिया शुरू की | न तीन साल से नरेंद्र मोदी ने | असल में ब्यूरोक्रेसी नहीं चाहती कि सीबीआई और सीवीसी लोकपाल के दायरे में आए | पहले मनमोहन सिंह ब्यूरोक्रेसी के शिकंजे में थे | मोदी का भी अभी ब्यूरोक्रेसी से पूरी तरह मोह भंग नहीं हुआ है | इस लिए किसी न किसी बहाने से लोकपाल की तैनाती टाल रही है | क़ानून में संशोधन बिल संसद में रखा हुआ है | संशोधन यह है कि विपक्ष का नेता सब से बड़े दल के नेता को माना जाएगा | क़ानून में नियुक्ति करने वाली कमेटी का एक सदस्य नेता विपक्ष को भी बनाया था | मौजूदा लोकसभा में विपक्ष का नेता ही नहीं है | कांग्रेस के 55 सांसद जीतते तो मल्लिकार्जुन खडगे को विपक्ष के नेता का दर्जा मिलता | कांग्रेस सिर्फ 44 सीटें जीती थी | सो स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विपक्ष के नेता का दर्जा नहीं दिया | गुरूवार को सुप्रीमकोर्ट ने अटार्नी जनरल की दलील नहीं मानी | अटार्नी जनरल ने कहा था -सरकार अभी लोकपाल नहीं बना सकती | कोर्ट ने कहा है- हमें नहीं पता , क़ानून में संशोधन के बिना ही लोकपाल बनाओ | तुरंत बनाओ | अब मोदी को तुरंत कुछ करना होगा | लोकपाल बनाना होगा | अब जाते जाते जन लोकपाल के नायक की बात | केजरीवाल की इंडिया एगेंस्ट करप्शन ने संसद से पास क़ानून को नामंजूर कर दिया था | उन ने आम आदमी नाम से अपनी पार्टी बनाई | पार्टी का एजेंडा "जन लोकपाल" था | इसी एजेंडे पर सवार हो कर केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए | पर मुख्यमंत्री बनते ही जन लोकपाल को भूल गए | बिल आज तक पास नहीं हुआ | नतीजा यह निकला कि अन्ना हजारे तक ने केजरीवाल को महाझूठा कह दिया | दिल्ली की जनता ने केजरीवाल के माथे पर"झूठा" टैग चिपका कर एमसीडी के चुनावों में हरा दिया है |  

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