बटला हॉउस, जामिया मिल्लिया और कांग्रेस

Publsihed: 28.Dec.2019, 09:04

अजय सेतिया / दिल्ली के करोलबाग, कनाट प्लेस, इंडिया गेट, और ग्रेटर कैलाश इलाके में 13 सितंबर 2008 को पांच बम धमाके हुए थे | इन धमाकों में 26 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुवे थे | स्पेशल सेल ने सुराग मिलने 19 सितम्बर को दिल्ली के  बटला हाउस के एल-18 मकान में छापा मारा था | आतंकी वहां छिपे हुए थे , इस लिए छापा पड़ते ही मुठभेड़ हुई | मुठभेड़ में आतिफ अमीन और साजिद नाम के दो आतंकवादी मारे गए | दो आतंकी आरिज और शहजाद भाग निकले थे | सैफ नाम का लड़का बाथरूम में पकड़ा गया था |

मुठभेड़ में मारा गया आतिफ जामिया मिल्लिया का एम ए ह्यूमन राइट का छात्र था | जामिया मिल्लिया के वीसी मुशीरुल हसन ने एक समिति बनाई थी जिस ने छात्रों के पक्ष में कोर्ट में केस लदा था | जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र और अध्यापक जैसे आज मानवतावादी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं , ये तब भी मारे गए आतंकियों और पकड़े गए आतंकियों को निर्दोष बता कर सड़कों पर उतर आए थे | वामपंथी तो हर साल विरोध दिवस मनाते रहे। जेएनयू छात्रसंघ की शहला, अरविंद केजरीवाल, आइसा, सीपीआई एम की कविता कृष्णन सब की नजर में मारे जाने वाले मासूम थे और पुलिस खलनायक |

जिस मुठभेड़ में आतंकवादी मारे जाते हैं , कांग्रेस की उसे फर्जी बताने की परम्परा रही है | दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन आती है और उस समय कांग्रेस की सरकार थी | इस के बावजूद जैसे कांग्रेस ने इशरत जहां , सोहराबुद्दीन आदि की मुठभेड़ को फर्जी बताया था , उसी तरह दिग्विजय सिंह से ले कर सलमान खुर्शीद तक सब ने बतला हॉउस की मुठभेड़ को फर्जी बताया | सोनिया गांधी दो आतंकियों के मारे जाने की खबर सुन कर फफक फफक कर रो पड़ी थी | यह बात सलमान खुशीद ने मीडिया को बताई थी |

इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा को दो गोलियां लगी थीं बाद में उनकी मौत हो गई  |  हवलदार बलवंत के हाथ में भी गोली लगी थी। मुठभेड़ के बाद कांग्रेस के अलावा ममता बेनर्जी , अम्र सिंह , सीताराम येचुरी और  मानवाधिकारवादी पुलिस को हत्यारा बताते रहे थे |

बाद में क्या हुआ | शहजाद अहमद को इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा मिली |

अब राजस्थान में 13 मई 2008 को हुए 8 बम धमाकों की बात | राजस्थान हाईकोर्ट ने उन 8 बम विस्फोटों में चार को फांसी की सजा सुनाई है | बटला हाउस मुठभेड़ में मारे गए आतिफ अमीन और साजिद को जयपुर के बम विस्फोटों में भी मुख्य साजिश कर्ता करार दिया गया है |  इन दोनों आतंकवादियों की मौत पर सोनिया गांधी फफक फफक कर रोई थी | हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, कांग्रेस, वामपंथियों, दिग्विजय सिंह, ममता बनर्जी, सलमान खुर्शीद, अरविंद केजरीवाल, सोनिया गांधी , जेएनयू छात्रसंघ आदि आदि चुप्पी साधे बैठे हैं |

अब ये सभी के सभी फिर उसी जामिया मिल्लिया के उन छात्रों के समर्थन में धरने प्रदर्शन कर रहे हैं, जिन्होंने नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ जेहाद का एलान करते हुए छीन कर लेंगे हिन्दुस्तान के नारे लगाए हैं | खिलाफत-1 में हजारों हिन्दुओं की हत्या करवाने की जिम्मेदार कांग्रेस जामिया मिल्लिया की खिलाफत-2 की चेतावनी देने वाले छात्रों के समर्थन में इंडिया गेट पर धरना दे रही हैं | खिलाफत-1 के पक्ष में गांधी धरना दे रहे थे , खिलाफत-2 के पक्ष में प्रियंका गांधी |

मुस्लिमों को सरकार के खिलाफ भडकाने के लिए कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन क़ानून , राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर पर अपना ही स्टेंड बदल लिया है | इन तीनों मुद्दों पर मोदी सरकार का स्टेंड पहले मनमोहन सरकार का स्टेंड था | लेकिन मुसलमानों को हिंसा करने के लिए भडकाना जरूरी है , इस लिए इन तीनों मुद्दों पर जो स्टेंड कांग्रेस के जमाने में संविधान के अनुकूल था , राष्ट्रहित में था, अब मोदी राज में वही स्टेंड संविधान विरोधी और देश विरोधी हो गया |

मुस्लिम इन के बहकावे में आ चुके हैं | देश के कुछ राज्यों में कांग्रेस, उसके समर्थकों, वामपंथी दलों के भड़काने के बाद हुए प्रदर्शनों में कुछ मौते हो चुकी हैं। आगजनी, हिंसा, तोड़फोड़, पुलिस पर फायरिंग के आरोप में बहुत से गिरफ्तार भी हो चुके हैं। कई फरार हैं। कुर्की और नुकसान की भरपाई के लिए जुर्माना वसूला जा रहा है। राजनेता फिर गायब हैं | जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की वीसी और अध्यापक छात्रों के साथ विरोध में खड़े हैं। जैसे वे आतिफ अमीन , साजिद और शहजाद अहमद के पक्ष में खडे थे ।

 

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