तो क्या गुजरात चुनाव के बाद विपक्ष मजबूत होगा

Publsihed: 26.Oct.2017, 20:45

अजय सेतिया / लानत-मलानत के बाद चुनाव आयोग ने गुजरात में चुनावों का एलान कर दिया | गुजरात में 9 और 14 दिसम्बर को चुनाव होंगे | वैसे गुजरात में चुनाव नहीं हो रहा | गुजरात में महाभारत हो रहा है | अभी तो यह तय हो रहा है कौरव कौन है, पांडव कौन | यह निर्भर करेगा कि कौन किस के साथ जाएगा | चुनाव को पहली बार जातियां प्रभावित करेंगी | ओबीसी के नेता के रूप में उभरे अल्पेश ठाकोर कांग्रेस के साथ चले गए हैं | पाटीदारों के नेता के रूप में उभरे हार्दिक पटेल अभी दुविधा में हैं | कांग्रेस ने उन्हें न्योता दिया हुआ है | पर वह महाभारत के योद्धा हो सकते है,  चुनाव नहीं लड़ सकते | चुनाव लड़ने के लिए 25 साल की उम्र चाहिए होती है | हार्दिक पटेल का जन्म 20 जुलाई 1993 को हुआ था | वह 20 जुलाई 2018 को 25 साल के होंगे | भारत में ऐसे बहुत कम ही युवा हुए  | जो इस उम्र में अपने बूते बड़े बड़े नेताओं को चने चबाने वाले नेता बन गए हों | वह पाटीदारों के नेता हैं और पटेलों को ओबीसी कोटे से आरक्षण दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं | अल्पेश ठाकोर ओबीसी के नेता हैं, वह पटेलों को ओबीसी का दर्जा देने के खिलाफ हैं | यानि आरक्षण के मुद्दे पर दोनों एक  दूसरे के खिलाफ हैं | समझ नहीं आ रही महाभारत में दोनों एक तरफ कैसे होंगे | सब को साथ लाने के चक्कर में कांग्रेस कौरव सेना बन रही है | कांग्रेस के रणनीतिकारों को यही समझ नहीं आ रहा | गुजरात में 51 फीसदी ओबीसी हैं | ओबीसी का लीडर कांग्रेस के साथ आ गया है | कांग्रेस को ओबीसी का कार्ड ही खेलना चाहिए | ओबीसी में सेंध लगाने वाले हार्दिक को साथ लिया तो कौरव सेना बन जाएगी | उना कांड के बाद गुजरात में दलित आंदोलन का भी उभार हुआ है | इस दलित आन्दोलन ने जिग्नेश मेवाणी जैसा युवा नेता दिया है | जो कमर कस कर भाजपा के खिलाफ है | बीजेपी को हराने के लिए वह भी कांग्रेस के साथ है | वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ें या विपक्ष के साझा उम्मीन्द्वार के तौर पर | उस का विधायक बनना तय है | यह दलित राजनीति से ढलती नेता मायावती का स्थान ले सकते हैं | जिग्नेश मेंवाणी राष्ट्रीय स्तर पर उभरने की क्षमता रखते हैं | पर कांग्रेस में तो अ[पना राजनीतिक भविष्य बर्बाद ही करेंगे | खैर अब ऑपिनियन पोल की बात | गुजरात के 52 फीसदी लोगों का कहना है कि यह तिकड़ी अगर कांग्रेस में शामिल होती है | तो भी वे बीजेपी को वोट करेंगे | सिर्फ 37 फीसदी लोगों का कहना है कि वे ऐसी स्थिति में कांग्रेस को वोट करेंगे | इस ऑपिनियन पोल के मुताबिक़ बीजेपी को 118-134 सीटें मिलेंगी | जबकि मौजूदा विधानसभा में 115 सीटें हैं | यानि बीजेपी की सीटें बढ़ रही हैं | कांग्रेस को 49-61 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है | कांग्रेस की मौजूदा सीटें 61 हैं | यानि तीनों अगर कांग्रेस के साथ न होते , तो कांग्रेस 25-30 में निपटती |  अन्य के खाते में ज्यादा से ज्यादा 3 सीटें आने का अनुमान है | इस ऑपिनियन पोल में 'ब्रैंड मोदी' का जलवा भी कायम है | पर फिलहाल गुजरात की राजनीति जुमलेबाजी के इर्दगिर्द है | राहुल गांधी का गब्बर सिंह टेक्स वाला जुमला खूब चर्चित हुआ है | राहुल गांधी ने अपनी नई सोशल मीडिया टीम बनाई है | पुरानी टीम की छुट्टी हो गई है | जिस में लड़कों की भरमार थी | नई टीम की कमान लड़कियों के पास है | इस लिए राहुल के ट्विटर में हिंगलिश का जम कर प्रयोग हो रहा है | ढूंढ ढूंढ कर जुमलेबाजी हो रही है | गब्बर सिंह वाले जुमले के जवाब में अरुण जेटली ने टू जी और कोयला घोटाले का ताना मारा था | तो धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा था - नई जूती भी तीन दिन चुभती है | मोदी ने गुजरात में बार बार आर्थिक सुधारों को कड़वी दवाई बताया है | तो राहुल गांधी का जवाबी जुमला उसी तर्ज आया | राहुल ने लिखा - '' डॉ जेटली, नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था आईसीयू में है | आप कहते हैं कि आप किसी से कम नहीं, मगर आपकी दवा में दम नहीं |'' खैर जुमलों की बरसात होना अभी बाकी हैं | पर मजेदार टिप्पणी महाराष्ट्र से आई है | जहां से राज ठाकरे ने कहा कि गुजरात चुनाव के बाद विपक्ष मजबूत होगा | अपन को लगता है कि या तो राज ठाकरे ने ओपिनियन पोल देखे नहीं | या फिर वह भी कांग्रेस के साथ जाने की तैयारी कर रहे हैं | पर एक बात तय है- अगर सारे ओपिनियन पोलों को दरकिनार कर कांग्रेस 80 सीटें भी ले गई | तो गुजरात चुनाव के बाद विपक्ष मजबूत होगा | 

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