मां बेटे में शीशे की दीवार खडी कर दी पाकिस्तान ने 

Publsihed: 25.Dec.2017, 21:55

अजय सेतिया / पाकिस्तान अपने स्यानेपन में ज्यादा ही बेवकूफियां करने लगता है | उन्हीं बेवकूफियों में मात खा जाता है | कुलभूषण जाधव के मामले में उस के साथ शुरू से ही यही हो रहा है | जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं | जो अपने बिजनेस के सिलसिले में ईरान , दुबई आदि जगहों पर जाया करते थे | ईरान मेंआतंकवादियों ने जाधव का अपहरण कर पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी को बेच दिया | जिसे पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में पकड़ा हुआ बता कर सेना को सौंप दिया | भारत सरकार ने 23 बार काऊंसलर एक्सेस माँगा | पर पाकिस्तान ने काउंसलर एक्सेस देने से इनकार कर दिया | पाक सेना ने उसे भारत का जासूस बता कर पाक में हुए आतंकी हमलों का जिम्मेदार ठहराया | पर उसे कोई सबूत नहीं मिले | तो उसे मार पीट कर मनमाना कबूलनामा करवाया गया | इसी आधार पर पकिस्तान की सैनिक अदालत ने जाधव को सजा-ए-मौत दे दी | भारत जाधव के मामले को आईसीजे यानी हेग की अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट में ले गया था | अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में जाने का नरेंद्र मोदी का बड़ा कूटनीतिक फैसला था | जो नेहरू के जमाने से चली आ रही परम्परागत कूटनीति से हट कर था | कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र में जा कर भारत फंस गया था | भारत का कूटनीतिक अमला तब से अंतर्राष्ट्रीय मंचों से डरा हुआ था | कूटनीतिक अमला देश के राजनेताओं को भी  डराता रहता था | पाकिस्तान ने कितने ही भारतीय बेगुनाहों को फांसी पर चढ़ा दिया | इन्हीं डरपोक कूटनीतिज्ञों के कारण हमारी सरकारे उन्हें बचा नहीं सकी | हेग की अदालत में पाक के वकील पाक मूल के ही खावर कुरैशी थे | भारत के वकील हरीश साल्वे ने पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा कर रख दी | कोर्ट ने जाधव की फांसी पर रोक लगाते हुए कहा कि अंतिम फैसले तक उसे सुरक्षित रखा जाए | तब से पाकिस्तान स्यानेपन में गलतियां करता जा रहा है | पाकिस्तान ने आईसीजे को लिख कर दिया कि अंतिम फैसले तक जाधव को फांसी नहीं दी जाएगी | संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की बुनियाद पर टिका है | यह मुख्यत: मानवाधिकार का मामला है | भारत ने इसी आधार पर दलीलें दी थीं | पाकिस्तान अब अगली सुनवाई में मानवाधिकार की दलील को खारिज करना चाहता है | इस लिए उस ने कुलभूषण जाधव को उस की मां और पत्नी से मिलवा दिया | यह मुलाक़ात सोमवार 25 दिसम्बर को हुई | पाकिस्तान ने कहा कि यह दिन जिन्ना का जन्मदिन होने के कारण चुना गया | वैसे 25 दिसम्बर को अटल बिहारी वाजपेई का जन्म दिन भी होता है | जो अभी 93वें जन्मदिन पर बीमारी की हालत में हैं | ख़बरें हैं कि वाजपेयी को बोले हुए तो बहुत महीने हो गए | वाजपेयी खाने पीने के कितने शौक़ीन हुआ करते थे | जिस के कई किस्से हैं | पर अब वह लम्बे समय से तरल पदार्थों पर ही हैं | खैर बात जिन्ना और वाजपेयी के जन्मदिन की नहीं | बात जाधव के मुद्दे पर अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट में घिर गए पाकिस्तान की | जो अब इस भंवर से निकलने के रास्ते ढूंढ रहा है | सोमवार को शीशे की दीवार के आर-पार बिठा कर जाधव को उस की मां और पत्नी से मिलाया गया | इस मुलाक़ात के बाद जारी किए गए जाधव के वीडियो से पाक के स्यानेपन की पोल खुल गई | इस वीडियों में जाधव को यह कहता हुआ दिखाया गया -" मैंने पाकिस्तान सरकार से अपने परिवार से मिलने की गुहार लगाई थी | अब मैं पाकिस्तान सरकार के इस कदम के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहूंगा |" मुलाक़ात के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने प्रेस कांफ्रेंस की |  जिस में बताया गया कि मुलाक़ात मानवता के आधार पर करवाई गई है | जाधव के वीडियो और फैजल के बयान को सुन साफ़ हो गया कि यह मुलाक़ात कैसे और क्यों हुई | यानी संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार पहलू की भरपाई करने के लिए मुलाक़ात करवाई | इस से अपना शक है कि यह मुलाक़ात सिर्फ आईसीजे में दिखाने के लिए थी | इसी लिए सारी मुलाक़ात और बातचीत की वीडियोग्राफी की गई | मुलाक़ात जेल या कमरे में नहीं , अलबत्ता एक कंटेनर में करवाई गई | मां और  बेटे को अकेले में मिलने नहीं दिया गया | मां को अपने बेटे के सिर पर हाथ तक नहीं रखने दिया गया | पत्नी को हाथ से छूने नहीं दिया गया | शीशे की दीवार खडी कर के कभी पारिवारिक मुलाक़ात हुआ करती है | यह एक भद्दी नाटकीयता थी | जब पूछा गया कि शीशे की दीवार क्यों थी | तो मोहम्मद फैजल का जवाब हास्यस्पद भी था , शर्मनाक भी | उन ने कहा-" सुरक्षा के कारण |" यानी मां बेटे को मार सकती थी, या बेटा मां को मार सकता था | यानी पाकिस्तानियों की सोच अपने पूर्वज मुगलों वाली ही है | जहां बेटा बाप को मार कर सत्ता पर कब्जा करता था | सारी कार्यवाही अंगरेजी में करवाना भी साजिश थी | जाधव से अंगरेजी में कहलवाया गया कि उस ने मुलाक़ात करवाने की गुहार लगाई थी | और तो और जाधव और उसकी मां और पत्नी से कहा गया कि वे अंगरेजी में ही बात करेंगे | अगर वे अपनी मातृभाषा मराठी में बात करते तो पाकिस्तान का मकसद पूरा नहीं होता | यानी मकसद मां बेटे की मुलाक़ात करवाना नहीं अलबता राजनीतिक था | अब अपने इसी स्यानेपन में हेग की अदालत में मात खाएगा पकिस्तान | हरीश साल्वे ने बखियां उधेड़ने का इशारा कर दिया है | 
 

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