कांग्रेस ने मीन-मेख निकालना बंद किया

Publsihed: 26.Mar.2020, 19:14

अजय सेतिया / कांग्रेस को शायद अब एहसास हो गया है कि यह वक्त राजनीतिक बयानबाजी का नहीं है | न ही राजनीतिक आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर कदम पर मीन-मेख निकालने का वक्त है | इस लिए 22 मार्च के जनता कर्फ्यू से दूरी बनाने और खिल्ली उड़ाने के दो दिन बाद राहुल गांधी ने ट्विट कर के सरकार के आदेशों का पालन करने की अपील की और 26 मार्च को जब मोदी सरकार ने गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग के लिए 1,70,000 करोड़ के पॅकेज का एलान किया तो राहुल गांधी ने उस का स्वागत किया | राष्ट्र के प्रति कांग्रेस की इस सकारात्मक सोच का स्वागत किया जाना चाहिए | राष्ट्रीय स्वय सेवक संघ की तरह कांग्रेस सेवा दल भी अभावग्रस्त लोगों की सेवा में जुट जाए तो संकट की इस घड़ी में राष्ट्र एकजुट दिखाई ही नहीं देगा , विजय भी हासिल करेगा |

 

यह एक अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री ने पांच साल पहले ही स्वच्छ भारत की मुहीम शुरू कर दी थी , सोचो इस बीच अगर 4.5 करोड नए शौचालय नहीं बने होते तो भारत कोरोना वायरस का कैसे मुकाबला करता | अक्टूबर 2014 से पहले सिर्फ 38.7 फ़ीसदी घरों में ही शौचालय थे | मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन से 96.25 फ़ीसदी घरों में शौचालय बनाने का काम पूरा हो चुका है | देश भर के 36 में से 27 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश खुले में शौच मुक्त हो गए हैं, जबकि 2015-16 में सिर्फ सिक्किम ही एकमात्र ऐसा राज्य था, जो खुले में शौच मुक्त था | स्वास्थ्य और स्वच्छता के मामले में खुद को दुनिया को नम्बर दो पर रखने वाले इटली का बुरा हाल है , जहां 7500 से ज्यादा लोग मर चुके हैं , तो सोचो पांच साल मोदी का स्वच्छ भारत मिशन न चला होता तो भारत का क्या हाल होता |

 

अमिताभ बच्चन के उस वीडियो को नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हेंडल पर साझा किया है , जिस में अमिताभ बच्चन ने बताया कि कोरोना वायरस मानव मल से भी फ़ैल रहा है | प्रधानमंत्री की 22 मार्च की जनता कर्फ्यू की अपील का उद्देश्य सिर्फ सोशल डिस्टेंस यानी कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक दुसरे से दूरी बनाने के लिए लोगों को जागृत करना था | मोदी के इस जनता कर्फ्यू का हालांकि कई जगह पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने ही मजाक बना दिया था , लेकिन मोदी की सोशल डिस्टेंस की यह मुहिम विश्व स्वास्थ्य सन्गठन की कई दिन पहले दी गई सलाह पर आधारित थी  | इस के बाद से अमिताभ बच्चन सहित अनेक फ़िल्मी और अन्य हस्तियों ने सोशल डिस्टेंस का गम्भीरता से प्रचार शुरू किया | जबकि राहुल गांधी का उस समय का ट्विट मोदी की खिल्ली उड़ाने वाला था | उन्होंने ट्विट में लिखा-“छोटे, मध्यम व्यवसायी और दिहाड़ी मजदूर इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं | ताली बजाने से उन्हें मदद नहीं मिलेगी |

 

राहुल गांधी ने उस दिन अपने ट्विट में हालांकि यह भी लिखा था-“ आज नकद मदद, टैक्स ब्रेक और कर्ज अदायगी पर रोक जैसे एक बड़े आर्थिक पैकेज की जरुरत है | तुरतं कदम उठाये! “ लोग इसे सरकार को समय रहते चेतावनी के रूप में प्रचारित कर रहे हैं , लेकिन नरेंद्र मोदी ने उन के इस ट्विट से पहले ही राहत पैकेज के लिए वित्त मंत्री की रहनुमाई में टास्क फ़ोर्स बना दी थी , जिस ने 26 मार्च को 1,70,00 करोड़ की राहत पैकेज का एलान भी कर दिया है | इसी राहत पैकेज का राहुल गांधी ने बिना कोई मीन मेख निकाले “पहली बार” स्वागत किया है | मोदी ने न तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों का पालन करने में ज्यादा देरी की , न ही गरीबों को राहत पैकेज देने में ज्यादा देरी की | ज्यादा देरी नहीं की अपन इस लिए कह रहे हैं क्योंकि कुछ देरी तो हुई है , अगर विश्व स्वास्थ्य सन्गठन की सलाह मान कर एक हफ्ता पहले ही सभी वीजा रद्द कर दिए जाते ,  अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की लेंडिंग रोक दी जाती और विदेशों से आने वाले सभी भारतीयों को 14 दिन ने कोरोटाईन पीरियड के बाद ही घरों में जाने दिया जाता तो आज कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या साढे छह सौ और मरने वालों की संख्या 13 से ज्यादा नहीं होती |

 

 

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