दिया जब रंज बुत्तो ने, तो खुदा याद आया 

Publsihed: 24.Oct.2017, 22:51

अजय सेतिया / गुजरात के चुनाव ने मोदी सरकार की आँखें खोल दी हैं | अब तक सरकार सपनों में थी | यूपी,उत्तराखंड ने चुनाव जितना आसान बना दिया था | गुजरात ने उतना ही मुश्किल बना दिया है | सरकार अब विकास का माडल ले कर आई है | या कहें नया सपना ले कर आई है | हालांकि जीएसटी पर अभी भी असमंजस बरकरार है | सरकार जीएसटी से टेक्स वसूली को ही सफलता मान रही है | पर सफलता तब होगी , जब गुजरात में 150 सीटें जीतने का दावा पूरा हो | अमित शाह ने यही टारगेट तय किया है | पर चुनावों का एलान नहीं हो रहा | सरकार देश की अर्थव्यवस्था पर चौतरफा हमला झेल रही है | सोशल मीडिया ने हवा बना दी है कि अर्थव्यवस्था डगमगा गई है | राहुल गांधी की सोशल मीडिया टीम ने भी जुमले उगलने शुरू कर दिए हैं | जुमलों का मुकाबला जुमलों से हो रहा है | जिस दिन मोदी गुजरात में गए थे , उस दिन राहुल की टीम ने ट्विटर पर कटाक्ष फैंका-"आज गुजरात में जुमलों की बरसात होगी | "जुमला" तब तक मोदी के खिलाफ उन के विरोधियों की तानाकशी थी | इस ट्विटर के बाद "जुमला" मोदी को चिपक गया है | जीएसटी को गब्बर सिंह टेक्स कहना मोदी स्टाईल में राहुल का जुमला है | जिस का जवाब अरुण जेटली ने गम्भीर किस्म से दिया | संकट की घड़ी में "वन लाईनर" वाले जेटली भी नहले पर वैसा ही दहला मारना भूल गए | उन का गंभीर जवाब था-" टू जी, कोयला घोटाले वालों को कानूनी टेक्स की समझ नहीं आएगी |" यानी जीएसटी का बचाव | जबकि मोदी खुद गुजरात में सफाई दे रहे हैं कि अकेले हम जीएसटी नहीं ले कर आए | गब्बर सिंह वाले जुमले पर धर्मेन्द्र प्रधान का जवाब भी बचाव मुद्रा वाला ही था | वह बोले-"नई जूती भी तीन दिन चुभती है|" पर मोदी की चिंता है कि गुजरात के चुनाव आ गए और जीएसटी की  जूती अभी भी चुभ रही है | तो अब वह कह रहे हैं कि जूती कांग्रेस ने बनाई थी | खैर फिलहाल तो फ़िक्र किसी तरह गुजरात को जीतने की है | सो सरकार ने सारे घोड़े खोल दिए हैं | मंगलवार को हनुमान जी को याद कर केबिनेट मीटिंग हुई | जिस में विचार हुआ कि अर्थव्यवस्था पर बिगड़ी हवा को कैसे सुधारा जाए | कैसे यकीन दिलाया जाए कि अर्थव्यवस्था गड़बड़ाई नहीं है, विकास पागल नहीं हुआ है | अलबत्ता तीव्र गति से दौड़ रहा है | सो अरुण जेटली ने बड़ी प्रेस कांफ्रेंस की | प्रेस कांफ्रेंस में कई मंत्रालयों के सचिव थे | जिन ने मीडिया के सामने अर्थव्यवस्था के मजबूत होने का प्रजेंटेशन दिया | इस से अपनी इस बात की फिर पुष्टि हुई कि मोदी ब्यूरोक्रेसी पर भरोसा किए हुए हैं | अपने मंत्रियों पर नहीं | यही उन की सरकार की सब से बड़ी खामी है | जिस का एहसास उन्हें बाद में होगा | खैर जेटली की मौजूदगी में सचिवों ने दावा किया है कि भारत की अर्थव्यवस्था का ढांचा मजबूत है | और हर चुनौती से निपटने में सक्षम है | अरुण जेटली ने तो यहाँ तक कहा कि तीन साल में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बन गया है | यों उन ने माना कि बैंकों का बंटाधार हुआ पडा है | भले इस का ठीकरा यूपीए सरकार के सर फोड़ा | पर उन ने कहा कि बैंकों को उभरने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा | वित्त सचिव ने नितिन गडकरी के महकमें की योजनाएं बताईं | वैसे हर कोई जानता है कि इस सरकार में कोई कायदे से काम कर रहा है तो वह गडकरी ही है | यानि अब गडकरी ही गुजरात में चुनाव की नैया पार करेंगे |  वित्त सचिव ने बताया-"अगले पांच सालों में 83,677 किलोमीटर के राजमार्गों का निर्माण होगा |" जिस से "अधिक रोजगार, अधिक विकास" होगा | वैसे नितिन गडकरी बुधवार को विस्तार से जानकारियाँ देंगे | संघ परिवार में लघु और माध्यम उद्योगों की अनदेखी चिंता का विषय रही है | यह सरसंघ चालक भी कह चुके हैं | पर मोदी का सारा जोर अम्बानी,अदानी,टाटा,बिरला, पेटीएम को चमकाने पर ही था | अब जा कर लघु और मध्यम उद्योगों और स्टार्ट अप पर जोर देने की बात हुई है | उस का रोड मैप भी प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया | यानि दिया जब रंज बुत्तो ने तो खुदा याद आया | जीडीपी को लेकर भी भ्रम दूर करने या भ्रम फैलाने का प्रयास हुआ | यह अपन इस लिए लिख रहे हैं क्योंकि अपन को आर्थिक मामलों की समझ नहीं | पता नहीं कल को पी.चिदम्बरम इस पर क्या बयान दें | आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा -" वास्तविक जीडीपी विकास की औसत दर पिछले तीन वर्षों में 7.5 फीसदी रही है |"  उन का दावा था कि कि बुरा दौर खत्म हो गया है | अब भारत  उच्च विकास के रास्ते पर चल रहा हैं | अगली की तिमाहियों में आर्थिक विकास दर में वृद्धि जारी रहेगी | तो यह गुजरात के व्यापारियों को निराशा से उबारने की कोशिश है | जो लठ्ठ ले कर पीछे पड गया है | सुभाष चंद्र गर्ग का यह भी दावा था कि  मुद्रास्फीति कम है, महंगाई काबू में है | विदेशी मुद्रा का भंडार 400 अरब डॉलर से अधिक पर पहुंच गया है | 

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