हटाए जाने की खबर के बाद शास्त्री बनने का नाटक 

Publsihed: 23.Aug.2017, 17:47

रेलवे ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा के चाहे जितने दावे करे | रेल हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे | एक हफ्ते में तीन रेल दुर्घटनाओं की खबरें आ गई |  उत्तर प्रदेश में ही दूसरा ट्रेन हादसा हो गया | इस बार आजमगढ़ से दिल्ली आ रही कैफियत एक्सप्रेस में हादसा हुआ | औरैया के पास ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई | इस  रेल हादसे की खबर गुरूवार सुबह आई थी | तो शाम होते-होते एक और हादसे की खबर आ गई | औरैया की दुर्घटना मानव रहित फाटक पर हुई थी | तो शाम को तमिलनाडु की दुर्घटना भी मानवरहित क्रॉसिंग पर हुई |  सलेम से विरुधाचलम जा रही एक लोकल ट्रेन  ट्रैक्टर ट्रॉली से जा टकराई | मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस के 23 यात्रियों की मौत हुई | औरैया के पास डंपर में ट्रेन के टकराने से 12 डिब्बे पटरी से उतर गए | इस हादसे में 100 लोग जख्मी हुए हैं | गुरूवार शाम की तमिलनाडू वाली दुर्घटना में रेल का नुकसान किया | मानव हानि नहीं हुई | मोदी रेलवे में बडे बदलाव के लिए सुरेश प्रभु को लाए थे | वह भाजपा के मैम्बर तक नहीं थे | सांसद भी नहीं थे | रलवे का कोई तुजुर्बा भी नहीं था | इंजीनियर पास भी नहीं थे | वह एक चार्टर अकाऊटेंट हैं | जिस का टेक्नीकल किस्म के रेल मंत्रालय से कोई लेना देना नहीं | वह ममता, नीतीश, लालू की तरह जनता से जुड़े भी नहीं | हालांकि 1998 में शिवसेना की टिकट पर जीत कर लोकसभा में जरुर आए थे | वाजपेयी की सरकार में छह साल मंत्री रहे | पर ऊर्जा मंत्रालय के सिवा कहीं कामयाब नहीं रहे | उन्हें वाजपेयी ने छह मंत्रालयों में आजमाया था | करीब करीब सब जगह निक्कमे साबित हुए | पता नहीं मोदी पिटे हुए मोहरे को कहाँ से उठा लाए और चुनी हुई सरकार पर थोंप दिया | वह मंत्रालय को चार्टर अकाऊटेंट की तरह ही चलाते हैं | इसलिए उनने तीन साल में सुरक्षा के नाम पर किराए में लूट के सिवा कुछ नहीं किया | हर रोज किराए बढा कर चमड़े के सिक्के चलाने वाली बेवकूफी भरी शुरुआत की | तीन साल में ट्रेन का सफ़र महंगा हो गया | करीब करीब हवाई जहाज के बराबर हो गया | दिल्ली से गोवा जाने के लिए राजधानी ट्रेन का सेकिंड एसी का किराया सुरेश प्रभु ने कम से कम 3815 रूपए कर दिया है | शेयर मार्केट की तरह किराया 5435 रूपए भी देना पड सकता है | पर 4000 रूपए में तीन घंटे में हवाई जहाज पर गोवा  पहुंच सकते हैं | इसलिए मोदी ने रेलवे बोर्ड का चेयरमैन अब एयर इंडिया के अश्विनी लोहानी को बनाया है | क्या रेलवे का भट्टा बिठाने के लिए सुरेश प्रभु को लाया गया था | मोदी उसे ही ढूंढ कर क्यों लाए | क्या इस लिए कि वाजपेयी राज के दोनों रेलमंत्री ममता औत नीतीश गैर भाजपाई थे | इस लिए उन्हें गैरभाजपाई ही लाना था | क्या वह साबित करना चाहते हैं कि भाजपा में सारे निक्कमे हैं | नीतिन गडकरी को  रेलमंत्री क्यों नहीं बनाया गया | वैसे सुरेश प्रभु के खिलाफ भाजपा में कई दिनों से गुस्सा चल रहा था | मोदी इस गुस्से के दबाव में आ चुके थे | इसलिए उन्हें रेल मंत्रालय से हटाने की खबर पहले ही आ चुकी थी | सुरेश प्रभु को भी हटाए जाने का पता था | इसलिए हफ्ते  भर की तीन दुर्घटनाओं के बाद उन्हें भी लाल बहादुर शास्त्री बनने की सूझी | हटाए जाने की खबर आने के बाद इस्तीफे की पेशकश से कोई शास्त्री नहीं बन सकता | नरेंद्र मोदी ने जब आप को इन्तजार करने के लिए कहा | तो साफ़ हो गया कि आप को हटाने की खबरें ठीक थी | मोदी ने आप को शास्त्री नहीं बनने दिया | लाल बहादुर शास्त्री बनने के लिए तपस्या और त्याग करना पड़ता है | आप त्याग करना चाहते हैं , तो मन से करिए | अलबत्ता त्याग नहीं , पश्चाताप करिए | आप यह कहने से मुक्त नहीं हो सकते कि आप को मौतों से बहुत दुःख है | आप ने सुरक्षा के नाम पर पिछले तीन साल यात्रियों का बहुत शोषण किया है | तीन साल में मानव रहित फाटक तक खत्म नहीं करवा सके | गुरूवार की दोनों दुर्घटनाएं मानव रहित फाटकों के कारण हुई | आप चार्टर अकाऊटेंट की तरह नोटों का जमा घटाओ ही करते रहे | आप ने जो पसीना बहाया है , वह सब जानते हैं | किसी सांसद से ही पूछ कर देख लीजिए | कोई एक भी आप से खुश नहीं है | मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे कर घर जाईए | जैसे रलवे बोर्ड के चैयरमैन ए.के.मित्तल नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे कर घर गए | शास्त्री तो आप क्या बनेंगे | कम से कम मित्तल से ही सीखिए | ऊर्जा मंत्रालय पर निगाह टिका कर मत बैठिए | सुनते हैं मोदी पहले आप को वित्त मंत्री बनाने की सोच रहे थे | अब उस की कोई संभावना नहीं लगती | सुरेश प्रभु जी आप अयोग्य साबित हुए हैं | आप रेलवे पर बोझ भी साबित हुए हैं | वाजपेयी के शासनकाल में भी अयोग्य साबित हुए थे | इस लिए वाजपेयी को बार बार आप का विभाग बदलना पडा था | 

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