क्या “लव जिहाद” क़ानून फ्लाप होगा

Publsihed: 24.Nov.2020, 20:02

अजय सेतिया / भाजपाई राज्य सरकारें मुस्लिम पहचान छुपा कर हिन्दू लडकी को प्रेम जाल में फंसाने और फिर धर्म परिवर्तन करवा कर शादी करवाने को “लव जिहाद” करार देते हुए उस के खिलाफ क़ानून बना रही हैं | यह क़ानून हिन्दू समाज के दबाव में बन रहा है | योगी आदित्यनाथ मुस्लिम कट्टरवाद और आतंकवाद से निपटने के लिए भाजपाई राज्य सरकारों का मार्गदर्शन करते रहे हैं | नागरिकता संशोधन क़ानून और नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ हुए दंगों के दंगाईयों को सबक सिखाने के लिए योगी सरकार ने दंगाईयों के फोटो चौराहों पर लगा कर उन से दंगों में हुए नुक्सान की पाई पाई वसूल कर के उदाहरण पेश किया था | वैसे उत्तराखंड में लव जिहाद को रोकने वाला क़ानून 2018 में पास हो गया था | लेकिन अब “लव जिहाद” के खिलाफ वातावरण बना कर अध्यादेश पास कर के भाजपाई सरकारों को मार्गदर्शन करने का काम योगी ने किया है | आने वाले एक आध दिन में राज्यपाल के दस्तखत होते ही यूपी में “लव जिहाद” के खिलाफ क़ानून अम्ल में आ जाएगा |

हालांकि भाजपा की इन दोनों राज्य सरकारों यानी यूपी और उत्तराखंड में अंतर्धार्मिक विवाह को प्रोत्साहन के लिए अनुदान की योजना भी चल रही थी | ऐसी शादी करने वाले दम्पत्ति को 50 हजार रूपए का अनुदान दिया जाता है | हैरानी है कि लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश जारी करने वाले यूपी के इस साल के बजट में में अंतर्धार्मिक विवाह को प्रोत्साहन के लिए 10 लाख रूपए का प्रावधान रखा गया था | उत्तराखंड में , जहां “लव जिहाद” के खिलाफ दो साल पहले क़ानून बन गया था  , अंतर्धार्मिक शादी पर 50 हजार का अनुदान भी जारी है | समाज कल्याण विभाग ने इस योजना को स्थगित नहीं किया , विभाग ने बाकायदा यह विज्ञापन दे कर सरकार की किरकिरी करा दी है कि इस साल भी 18 जोड़ों को 50-50 हजार का अनुदान दिया गया | इस विज्ञापन के बाद सरकार जागी और अब इस योजना को बंद करने का एलान किया गया है |

देश भर में अभियान चलाने वाले भाजपाई नेताओं ने कभी अपनी ही सरकारों की इन आत्मघाती योजनाओं पर विचार नहीं किया , काग्रेसी सरकारों की हिन्दू विरोधी योजनाओं की फाईलों पर ही मक्खी मारते रहे | यह एक उदाहरण है कि ब्यूरोक्रेसी कैसे गुमराह करती है और भाजपा के मुख्यमंत्री कैसे आँख मूँद कर कांग्रेस सरकार की योजनाएं चलाते रहते हैं | हाल ही में संघ परिवार की ओर से हुए दो दिन के जयपुर डायलाग में इतिहासकारों और शिक्षाविदों का शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के खिलाफ गुस्सा फूटा , जब उन्होंने कहा कि साढे छह साल बाद भी इतिहास की उन पुस्तकों को नहीं बदला गया , जिन में तुर्कों और मुगलों के गुणगान किए गए हैं | वेबीनार में ऐसी पुस्तकों के उदाहरण भी दिए गए , संघ की तरफ से वेबीनार में बैठे रतन शारदा उन के हमलों का जवाब नहीं दे सके |

पर अपन “लव जिहाद” पर लौटते हैं | योगी सरकार ने उस दिन अध्यादेश पारित किया है , जिस दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले कि खबर आई कि जिस में कोर्ट ने “लव जिहाद” की थ्योरी को नकारते हुए कहा कि वह हिन्दू लडकी और मुस्लिम लडके की “लव मेरिज” को हिन्दू मुस्लिम नजरिए से नहीं देखते | कुशीनगर की प्रियंका खरवार और सलामत अंसारी का मामला कोर्ट में था | प्रियंका के घर वालों ने इसे लव जिहाद कहा था क्योंकि निकाह से पहले प्रियंका को मुस्लिम बना कर आलिया बना दिया गया था , लेकिन कोर्ट ने लव जिहाद की थ्योरी को यह कहते हुए नकार दिया कि  " व्यक्तिगत संबंध में हस्तक्षेप करना दो लोगों की पंसद की स्वतंत्रता के अधिकार पर अतिक्रमण होगा |" हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता को बनाए रखना कोर्ट का दायित्व है |

सवाल पैदा होता है कि क्या मुस्लिम संगठन और कांग्रेस संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला दे कर लव जिहाद के खिलाफ बने कानूनों को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देगी | राजस्थान के कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि लव जिहाद भाजपा के दिमाग की ऊपज है और इस सम्बद्ध में बने क़ानून कोर्ट में टिक नहीं पाएंगे | हालांकि राजस्थान के ही दो आईएएस अफसरों टीना डाबी और अतहर खान का विवाह टूटने की खबर भी उसी दिन आई जिस दिन गहलोत का बयान आया | मजेदार बात यह कि इन दोनों ने जब शादी की थी तो सेक्यूलर जमात ने गंगा जमुनी तहजीब कहा था , लेकिन जब दो ही साल में टीना डाबी को अक्ल आई और शादी टूटी तो वही सेक्यूलर गैंग इसे व्यक्तिगत मामला बता रहा है |

 

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