अजय सेतिया / जब से कोरोनावायरस शुरू हुआ है , शायद ही कोई ऐसा दिन गया होगा , जब उस पर राजनीति नहीं हुई हो | याद करो वे दिन जब जनता कर्फ्यू का मजाक उड़ाया गया था | ताली और थाली का मजाक बनाया गया था कि पूरी दुनिया जिस महामारी से जूझ रही है , नरेंद्र मोदी उसे ताली-थाली और दीए जला कर भगाना चाहते हैं | जबकि ताली-थाली का मकसद डाक्टरों , नर्सों और सफाई कर्मचारियों का हौंसला बढाना था और यह कोई भारत में नहीं हुआ , दुनिया के अनेक देशों में इसी तरह ही हौंसला अफजाई की गई थी | फिर कुछ ख़ास समुदाओं के मुहल्लों में डाक्टरों और नर्सों पर किस तरह हमले हुए , कोरोनावायरस को फैलाने की मूर्खतापूर्ण घटनाएं भी सामने आई थीं , जिस कारण मुहल्ला कमेटियों को रेहडी वालों के प्रवेश पर रोक लगानी पड़ी | विपक्षी दलों और ख़ास किस्म के मीडिया ने लाकडाउन और सारे बंदोबस्तों के लिए भी मोदी सरकार को नहीं बख्शा , लाकडाउन के कारण दुनिया भर में मंदी आनी ही थी , भारत में भी आई, लेकिन विपक्ष ने इसे भी राजनीतिक मुद्दा बनाया |
फिर वेक्सीन आई तो उस पर भी बेहूदा सवाल उठाए गए , लेकिन विपक्ष के नकारात्मक रवैए के बावजूद भारत ने दुनिया के विकसित देशों से बेहतर बन्दोबस्त दिखा कर अपनी साख बढाई | वेक्सीन निर्माण के बाद जब भारत से दुनिया के देशों में निर्यात शुरू हुआ , तो विपक्ष उस की आलोचना करने लगा | लेकिन मोदी सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था वेक्सीन मानवता के लिए है , भारत पूरी दुनिया को सप्लाई करेगा | स्वदेशी वैक्सीन सामने आने के बाद भारत ने अपनी कही इस बात को निभाया भी है | भारत अब तक दुनिया के 76 देशों को करोना वैक्सीन की सात करोड़ खुराक मुहैया करवा चुका है | भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी अब एक नई ऊंचाई पर जाने वाली है | पिछले दिनों ही क्वाड की बैठक में ये तय किया गया है कि भारत को कोरोना वैक्सीन के उत्पादन में मदद की जाएगी | इसके तहत वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया जाएगा | वैक्सीन डिप्लोमेसी में भारत ने अपना दायरा काफी बढ़ाया है | नेपाल के साथ चल रहे सीमा विवाद के बावजूद भारत ने मानवता धर्म निभाते हुए सब से पहले नेपाल को मुफ्त में वैक्सीन सप्लाई की |
वैक्सीन डिप्लोमेसी में पड़ोसी देश पाकिस्तान शामिल नहीं था, लेकिन अब परिस्थितियां बदलती हुई दिखाई दे रही हैं | पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के चीन की वेक्सीन लेने के बाद कोरोनावायरस हो जाने के बाद पाकिस्तान में चीन की साख घटी है , लोग चीन की वेक्सीन लगवाने में परहेज करने लगे हैं | विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवैक्स योजना के तहत पाकिस्तान को भी वैक्सीन की सप्लाई काफी हद तक भारत से ही होगी | इस तरह भारत सीधे नहीं तो दूसरे रास्ते से कहीं न कहीं पाकिस्तान की मदद ही कर रहा है | पूरे विश्व और संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक इकाई ने भी भारत की तारीफ़ की है | भारत खुद भी वैक्सीनेशन के मामले में कई देशों से काफी आगे है | भारत ने सात लाख खुराक विदेशों में भेजी है , तो भारत में भी छह करोड़ से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है | लेकिन इस बीच महाराष्ट्र और पंजाब में कोरोनावायरस फिर से विस्फोटक रूप ले रहा है | पहले भी इन्हीं दो राज्यों में कोरोनावायरस का फैलाव बाकी राज्यों से ज्यादा था | महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 28,699 मामले सामने आए हैं | पंजाब भी अपनी जनसंख्या के अनुपात में बड़ी संख्या में कोरोना के मामलों की रिपोर्ट कर रहा है |
देश शीर्ष दस जिलों में से 9 महाराष्ट्र के है, दसवां जिला कर्नाटक का बेंगलुरु है | महाराष्ट्र और पंजाब के बाद गुजरात के सात और मध्यप्रदेश के पांच जिलों में भी चिंता का विषय बना है | गुजरात में कोरोना के रोजाना लगभग 1700 मामले सामने आ रहे हैं और मध्य प्रदेश में रोजाना लगभग 1500 मामले सामने आ रहे हैं | सिर्फ भारत नहीं अलबत्ता के दुनिया के सभी देशों में कोरोनावायरस का दूसरा दौर शुरू हो चुका है | फर्क सिर्फ यह है कि एक साल के बाद अब दुनिया के पास भारत , ब्रिटेन, रूस और चीन की बनाई वेक्सीन मौजूद है , जिसे बड़ी तेजी से लगाया जा रहा है | नतीजतन दुनिया बड़ी तेजी से वैक्सीनेशन का काम चल रहा है | जैसा कि सरकार ने घोषणा की है कि पहली अप्रेल से 45 साल के ऊपर आयु वाले वैक्सीन लगा सकेंगे | लेकिन बेहतर हो कि भारत एक महीने के लिए विदेशों में सप्लाई बंद कर के भारत में आयु सीमा हटा कर दो-ढाई महीनों में सभी को वेक्सीन लगाने का लक्ष्य तय करे , ताकि दूसरे दौर के कोरोनावायरस को थामा जा सके |
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