जम्मू से भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं

Publsihed: 23.Dec.2020, 15:47

अजय सेतिया हैरानी यह है कि जम्मू कश्मीर की जिला परिषदों के चुनाव नतीजों को भाजपा और गुपकार गठजोड़ अपनी अपनी जीत बता रहे हैं | पहले यह समझ लें कि गुपकार किस चिड़िया का नाम है , यह असल में एक सडक का नाम है , जिस में सरकारी और कुछ गैर सरकारी कोठियां बनी हुई हैं | इन्हीं में से एक अपनी कोठी में बैठ कर फारुख अब्दुल्ला ने कश्मीर के कुछ राजनीतिक नेताओं के साथ मीटिंग कर के 370 को फिर से भाल करवाने के लिए घोषणा पत्र जारी किया था | महबूबा मुफ्ती जब जेल से रिहा हुई तो बाप बेटा यानी फारुख और उमर उन्हें मिलने गए और गुपकार गठबंधन का हिस्सा बनने का आग्रह किया , जिसे उन्होंने तुरंत मंजूर कर लिया |

इस तरह नेशनल कांफ्रेंस , पीडीपी , सीपीएम , सीपीआई और तीन और छोटे दलों का गुपकार गठजोड़ बना | पहले इस गठबंधन ने 370 की बहाली तक चुनावों में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया था , लेकिन जब लगा कि जिला परिषद के चुनावों में भाजपा –कांग्रेस अपनी ताकत दिखा देगी , तो गठबंधन ने चुनाव लड़ने का फैसला किया , कांग्रेस भी इस गठबंधन में शामिल हो गई , लेकिन जैसे ही भारतीय जनता पार्टी ने सोनिया गांधी से सवाल किया कि वह बताएं कि कांग्रेस 370 और 35ए को बहाल  किए जाने के पक्ष में है या नहीं , तो कांग्रेस दुविधा में फंस गई थी , क्योंकि कांग्रेस में इस मुद्दे पर गहरे मतभेद हैं | तब कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विट कर के स्पष्टीकरण दिया कि कांग्रेस गुपकार गठबंधन का हिस्सा नहीं है | हालांकि कांग्रेस का गुपकार गठबंधन के साथ गोपनीय गठजोड़ बना हुआ था | अब जब चुनाव नतीजे आ गए हैं तो जम्मू कश्मीर कांग्रेस के प्रवक्ता ने साफ़ साफ़ कह दिया कि कांग्रेस और गुपकार गठजोड़ ने मिल कर चुनाव लडा था और अब जम्मू की चार जिला परिषदों में कांग्रेस गुपकार कांग्रेस के साथ मिल कर जिला परिषदों का गठन करेगी |

कांग्रेस को 26 सीटें मिली हैं, तो अगर अपन कांग्रेस को भी मिला लें तो गुपकार गठबंधन को को कुल 136, भाजपा को 74 , मोदी समर्थक अपनी पार्टी को 12 और अन्य को 55 सीटें  मिली , दो जगह पर चुनाव नतीजा रोका गया क्योंकि उम्मीन्द्वार पाकिस्तानी थे | राज्य में कुल 20 जिला परिषदों का चुनाव हुआ था , जिस में से जम्मू क्षेत्र की 6 परिषदों डोडा, कठुआ , सांबा , उधमसिंह नगर , रियासी और जम्मू में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है | भाजपा के लिए शर्मिन्दगी वाली बात यह है कि जम्मू क्षेत्र की चार जिला परिषदों राजौरी , रामबन , किश्तवाड़ और पुंछ में उसे बहुमत नहीं मिला , जबकि यह उस के प्रभाव वाला क्षेत्र है | हालांकि भाजपा उम्मींद लगाए हुए कि इन चार परिषदों में निर्दलीय उन्हें समर्थन देंगे क्योंकि निर्दलियों ने गुपकार गठबंधन के खिलाफ चुनाव लडा है , 49 सीटें और 13.6 फीसदी वोट पा कर निर्दलीय बड़ी ताकत के रूप में उभरे हैं | भाजपा का दावा है कि भाजपा के 38.74 फीसदी और निर्दलियों के 13.6 फीसदी वोट जोड़ लें , तो राज्य के 52.3 फीसदी वोटरों ने गुपकार गठबंधन को ठुकरा दिया है , लेकिन उमर अब्दुल्ला चुनावों का अपना ही विश्लेष्ण करते हैं , उन का कहना है कि कश्मीर ने 370 हटाने के फैसले को पुरी तरह नकार दिया है और जम्मू क्षेत्र में भी गठबंधन को 35 सीटें मिली हैं , जबकि भाजपा को घाटी में सिर्फ तीन सीटें मिली हैं |

जम्मू के दस जिलों में 140 सीटें थी , भाजपा 72 ही जीत पाई | गुपकार गठबंधन को जम्मू क्षेत्र में भी 35 सीटों पर सफलता मिली है , उस में कांग्रेस की जम्मू क्षेत्र की 17/26 भी जोड़ लें , तो भाजपा की 72 के मुकाबले गठबंधन भी 52 सीटों पर जीता है | दूसरी तरफ गुपकार गठबंधन को घाटी में काग्रेस समेत 8 सीटें और 10 में से 9 परिषदों अनंतनाग, बांदीपुरा, बारामूला , बडगांव , गान्दरबल , कुलगाम , कूपवाडा , पुलवामा और शौन्फिया में स्पष्ट बहुमत मिला है , उसे सिर्फ श्रीनगर में बहुमत नहीं मिला जहां 14 में से 7 सीटें निर्दलियों ने और एक भाजपा ने जीती है |

जिला परिषद के चुनावों में सब से बुरा हाल उस महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी का हुआ है , जिस ने कहा था कि कश्मीर घाटी में कोई भारत के झंडे को कंधा देने वाला नहीं मिलेगा | पीडीपी को सिर्फ 4.4 प्रतिशत वोट और  280 में से सिर्फ 27 सीटें मिली | भारतीय जनता पार्टी ने हालांकि अपनी 75 सीटों में से 72 जम्मू रीजन से हासिल की हैं , लेकिन 38.74 फीसदी वोट पा कर केंद्र शासित राज्य में पहले नम्बर पर रही | उसे 4 लाख 87 हजार 364 वोट मिले , जबकि दूसरे नम्बर पर रही नेशनल कांफ्रेंस को 67 सीटें 2 लाख 82 हजार 514 वोट मिले | गुपकार गठबंधन घाटी के तीन जिलों में भाजपा की ओर से एक एक सीट जीते जाने को ज्यादा महत्व नहीं दे रहा , लेकिन भाजपा इसे बड़ी उपलब्धि मानती है , क्योंकि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उस की जरा भी दाल नहीं गली थी | वोट प्रतिशत के हिसाब से देखें तो 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 23 प्रतिशत वोट ही मिले थे , जबकि अब 38.74 फीसदी वोट मिले हैं |

 

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