अजय सेतिया /अंगरेजी वाले शब्दों का कैसे कैसे इस्तेमाल करते हैं , कई बार समझ से परे होता है | अंगरेजी के शब्द हौउडी का शाब्दिक अर्थ है –“ कैसे हो “ | इस रविवार अमेरिका के टेक्सास में जो हौउडी मोदी शौ हुआ हुआ , उस का मतलब है “ कैसे हो मोदी |“ खैर खचाखाच भरे टेक्सास के स्टेडियम में हुए हौउडी मोदी जलसे के अपन दो मतलब निकालते हैं | पहला तो यह कि मोदी ने ट्रम्प को इस्तेमाल किया और ट्रम्प ने मोदी को इस्तेमाल किया | दोनों ने एक दूसरे की तारीफ़ में कसीदे पढ़े , जैसे अपन हिन्दी में कहते हैं –तुम मुझे पन्त कहो , मैं तुम्हें निराला ( हिन्दी के गौरव कवि सुमित्रानंदन पन्त और सूर्य कान्त त्रिपाठी निराला ) |
एक दूसरे की वाहवाही से सब से बड़ा नुकसान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का हुआ है , जो संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में अकेले पड़ जाएंगे या ज्यादा से ज्यादा चीन का साथ मिलेगा | ट्रम्प ने अपना चुनाव प्रचार शुरू करने के लिए हौउडी मोदी का इस्तेमाल किया , मोदी ने राष्ट्रपति पद पर ट्रम्प की उम्मीन्द्वारी का समर्थन कर के अमेरिकी राजनीति में दखल की नई शुरुआत की है , जिस का भारत में कई लोग विरोध कर सकते हैं | अब डेमोक्रेट्स को भी पूरा हक बन जाता है कि वे भारत में कांग्रेस पार्टी का समर्थन करें | इस लिए अपन इसे ठीक नहीं मानते | मोदी को किसी उमीन्द्वार का प्रचार नहीं करना चाहिए था , यह भारतीय परम्परा नहीं रही है | आनन्द शर्मा ने बिना समय गवाए तुरंत ट्विट कर के अमेरिकी राजनीति में दखल देने के लिए मोदी की आलोचना की |
बदले में नरेंद्र मोदी ने भी 370 पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का समर्थन हासिल कर लिया , जिसे पाकिस्तान इस बार संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में अहम मुदा बनाने जा रहा है | मोदी ने अपने भाषण में 370 का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प को स्टेंडिंग ओवेशन करने को मजबूर किया , जब उन्होंने भारतीय समुदाय को हिन्दी में सम्बोधित करते हुए 370 हटाने के लिए भारत के सांसदों को स्टेंडिंग ओवेशन देने का आग्रह किया | पता नहीं ट्रम्प हिन्दी में दिए जा रहे भाषण का अर्थ समझ रहे होंगे या नहीं , लेकिन उन्होंने स्टेंडिंग ओवेशन दे कर 370 हटाए जाने के लिए भारतीय सांसदों के समर्थन में तालियाँ बजाई |
हौउडी मोदी का दूसरा मतलब अपन यह निकालते हैं कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने का संकल्प लेते हुए “इस्लामिक आतंकवाद” शब्द का इस्तेमाल किया , तो नरेंद्र मोदी ने उन्हें स्टेंडिंग ओवेशन दिया | भारत में नरेंद्र मोदी इस्लामिक आतंकवाद शब्द से परहेज करते हैं | भारत में कम्यूनिस्ट पार्टियों और कांग्रेस ने आतंकवाद की ऐसी परिभाषा बना रखी है जिस में कहा जाता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता | जबकि सारी दुनिया अब इस नतीजे पर पहुंच चुकी है कि आतंकवाद की जड़ में कौन लोग और कौन सी विचारधारा है | इस लिए यूरोपियन देश भी अब मानवाधिकार के नाम पर शरणार्थियों को शरण देने में परहेज करने लगे हैं | ट्रम्प ने इस्लामिक आतंकवाद का मिल कर मुकाबला करने की बात कही तो मोदी समेत स्टेडियम में मौजूद 50 हजार भारतीयों ने खड़े हो कर उन का समर्थन किया | मोदी ने ट्रम्प की हाँ में हाँ मिलाते हुए न्यूयार्क पर हुए 9/11 और मुम्बई में हुए 26/11 के आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा कर के संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में आतंकवाद के खिलाफ माहौल बनाने की शुरुआत कर दी |
अपना मानना है कि संयुक्त राष्ट्र की सालाना आम सभा से पहले मोदी और ट्रम्प की केमिस्ट्री ने दोनों देशों में नए कूटनीतिक सम्बन्धों का आगाज कर दिया है | हालांकि मोदी की पांच साल की रणनीति से पाकिस्तान कूटनीतिक तौर पर दूनिया से अलग थलग हो ही चुका है , जिस का प्रमाण 370 के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उस का मात खाना है , लेकिन मोदी –ट्रम्प की ताज़ा केमिस्ट्री पाकिस्तान को कश्मीर के मसले पर अलग थलग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी | रही सही कसर अमेरिका-भारत के आर्थिक समझौतों और ट्रम्प के इसी साल के आखिर में ट्रम्प के भारत दौरे से पूरी होगी |
आपकी प्रतिक्रिया