इटली से सबक लेने की जरूरत

Publsihed: 23.Mar.2020, 19:04

अजय सेतिया / इटली में कोरोनावायरस से सब से ज्यादा लोग मरे हैं | चीन के वुहान प्रांत से भी ज्यादा , जहां से कोरोनावायरस शुरू हुआ था | वुहान में कोरोनावायरस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है , जबकि दुनिया के सब से विकसित देशों में से एक इटली में अभी कोरोनावायरस से मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है | पंजाब के एक पत्रकार ने अपने न्यूज चेनल के लिए इटली में रह रहे अपने एक पंजाबी दोस्त से यह जानने के लिए बात की कि इटली में इतनी ज्यादा मौतें क्यों हो रही हैं , जबकि इटली तो विकसित देश है , जहां हर तरह की मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं |

इटली में रह रहे इस पंजाबी ने सब से पहली बात यह कही कि सरकार जो पाबंदियां लगा रही है उस का अक्षरश पालन किया जाना चाहिए | उस का कहना था कि इटली की सब से बड़ी गलती यह थी कि उस ने शुरू में सम्पूर्ण लाक डाउन की बजाए यह कह दिया था कि कुछ लिमिटेड लोग बाहर आ सकते हैं , अगर इटली की सरकार शुरू में सम्पूर्ण लाक डाउन कर देती तो शायद यह हालात पैदा नहीं होते | आज हालात यह है कि इटली के लगभग सभी स्कूलों को अस्पताल में परिवर्तित किया जा चुका है , मेडिकल के छात्रों को ड्यूटी पर लगाया जा चुका है , यहाँ तक कि 20- 20 साल पहले रिटायर हुए मेडिकल कर्मचारियों को भी दुबारा ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है |

इटली में ज्यादातर लोग ईसाई हैं , जो लाशों को जलाते नहीं बल्कि सुपुर्दे ख़ाक करते हैं , इस के बावजूद वहां रह रहे हिन्दुओं और सिखों के लिए लाशों को जलाने के लिए 10 इलेक्ट्रिक मशीनें हैं , लेकिन कोरोना वायरस से मरने वाले ईसाईयों को भी इलेक्ट्रिक मशीनों से जलाया जा रहा है | जितने लोग मर रहे हैं , उस के लिए वे 10 मशीनें पर्याप्त नहीं हैं , क्योंकि एक मशीन दिन में 25 लाशों को जला सकती है , यानी मशीनों की क्षमता हर रोज 250 लाशों को जलाने की है | इस लिए अब उन्हें लकड़ियों के साथ भी जलाया जा रहा है | रिश्ते नातेदार भी दाह संस्कारों में शामिल नहीं हो रहे | लाशों को ठिकाने लगाने के लिए सेना को लगाया गया है | 

इटली में रह रहा यह पंजाबी इस बात पर हैरान था कि भारत में कोरोना वायरस को गम्भीरता से नहीं लिया जा रहा , सोशल मीडिया पर मजाक बनाया जा रहा है | उस का कहना है कि इटली में भले ही मजाक नहीं बनाया गया था लेकिन पहले सरकार ने गम्भीरता से नहीं लिया , फिर जनता ने गंभीरता से सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया | यही गलती भारत में हो रही है , नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को लोगों से खुद पर कर्फ्यू लागू करने की अपील की थी , उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि शाम पांच बजे अपने दरवाजों या बाल्कानियों में आ कर उन लोगों का आभार प्रकट करें , जो इस संकट की घड़ी में खुद की जान की परवाह किए बगैर मान्वावता की सेवा में लगे हुए हैं |

लेकिन मोदी भक्तों ने पता नहीं शाम पांच बजे तक कैसे सब्र किया , जैसे ही पांच बजे वे सडकों पर जश्न मनाने के लिए निकल आए | कितने ही शहरों के वीडियो सामने आ चुके हैं , जहां शाम पांच बजे लोगों ने सडकों पर निकल कर बाकायदा जुलुस निकाले , जुलूसों में तालियाँ कम और थालियाँ ज्यादा बज रहीं थी | कोरोना वायरस मरा तो क्या होगा , इतना शोर-शराबा सुन कर बहरा जरुर हो गया होगा | भारत दुनिया का ऐसा अनोखा देश बन गया है , जो विपदा को सामने देख कर भी जश्न मना रहा है | अज्ञानता इतनी है कि कोरोना वायरस का जुलुस निकालने वालों को विपदा की समझ ही नहीं आ रही | कुछ दूसरे किस्म के सनकी भी हैं जिन्हें यह मोदी सरकार की साजिश लगती है | महामारी की इस वेला में भी शाहीन बाग की अनपढ़ औरतें कह रही हैं कि मोदी ने उन्हें धरने से हटाने के लिए कोरोनावायरस की अफवाह उडाई है |

शाहीन बाग़ ही नहीं , पूरे देश में सख्ती बरतने का वक्त आ गया है | ऐसी सख्ती जो वक्त निकलने के बाद अब इटली की सरकार को करनी पड़ी है | अब इतना सख्त लाक डाउन किया गया है कि किसी को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा | इटली के एक वीडियो को बॉलीवुड के एक्टर ऋषि कपूर ने शेयर किया है , जिस में लाक डाउन का उलंघन कर सडक पर घूम एक व्यक्ति को पुलिस पीट रही है | ऋषि कपूर ने लिखा है कि भारत में ऐसे ही अनुशासन की जरूरत है | भारत में कुछ लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे , जिस का खामियाजा देश को भुगतना पड़ेगा |  

 

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