“लव जिहाद” नहीं है तो क़ानून का विरोध क्यों

Publsihed: 18.Nov.2020, 19:51

अजय सेतिया / भारत के बाद यूरोपीय देशों में भी “लव जिहाद” चिंता का विषय बन गया है | मुस्लिम युवाओं की ओर से गैर-मुस्लिम युवतियों को इस्लाम में धर्म परिवर्तन करवाने का उद्देश्य सामने रख कर प्रेम के ढोंग को “लव जिहाद” कहते हैं | मुस्लिम “ लव जिहाद “  का खुलासा सब से पहले 2009 में केरल और कर्नाटक की घटनाओं से हुआ था | केरल की चर्च ने हाल ही में दावा किया है कि ईसाई लडकियों को लव जिहाद में फंसा कर आतंकवादी बनाया जा रहा है | कार्डिनल जॉर्ज ऐलनचैरी की अध्‍यक्षता वाली पादरियों की एक संस्‍था ने केरल की कम्युनिस्ट सरकार पर आरोप लगाया है कि वह 'लव जिहाद' के मामलों को गंभीरता से नहीं ले रही |

केरल हाईकोर्ट ने एक फैसले में “लव जेहाद”को सत्य पाया था | नवंबर 2009 में डीजीपी केरल जैकब पुन्नोज ने लव जेहाद को झूठा बताते हुए कहा था कि कोई भी ऐसा संगठन नहीं है जिसके सदस्य केरल में लड़कियों को मुस्लिम बनाने के इरादे से प्यार करते हैं | लेकिन दिसम्बर 2009 में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति के.टी. शंकरन ने पुन्नोज की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि जबरदस्ती धर्मांतरण के संकेत है | अदालत ने "लव जिहाद" मामलों में दो अभियुक्तों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पिछले चार सालों में इस तरह के 3,000-4,000 सामने आये थे |

2017 में केरल हाईकोर्ट ने “लव जिहाद” के आधार पर एक मुस्लिम पुरुष से हिंदू महिला के विवाह को रद्द घोषित किया | मुस्लिम पति ने सुप्रीमकोर्ट में अपील दायर की , जिस पर सुप्रीमकोर्ट ने लव जिहाद के पैटर्न की पहचान के लिए सभी मामलों की जांच करने के लिए एनआईए को निर्देश दिया है | हिन्दू, सिख और ईसाई संगठन 2009 से भारत में लव जिहाद को लेकर चिंता जता रहे हैं | जबकि मुस्लिम संगठन लव जिहाद के आरोपों को खारिज कर रहे हैं | कम्युनिस्ट विचारधारा के सोशल एक्टिविस्ट और कम्युनिस्ट, कांग्रेस पार्टियां भी “लव जिहाद” को खारिज कर रही हैं | सवाल यह है कि मुस्लिम संगठन और वामपंथी एक्टिविस्ट इन आरोपों को खारिज करने की बजाए निष्पक्ष जांच का समर्थन क्यों नहीं कर रहे |

इसी महीने हरियाणा के वल्लभगढ की घटना ने सेक्यूलिरिस्टो की इस थ्योरी को बेनकाब कर दिया कि मुसलमानों की ओर से कोई “लव जिहाद” नहीं चलाया जा रहा | पिछले दस बारह साल से लव जेहाद के सैंकड़ों मामले सामने आ चुके हैं , जिन में मुस्लिम युवक खुद को हिन्दू बता कर किसी हिन्दू लडकी से प्रेम सम्बन्ध बनाते हैं | धोखा देने के लिए वे हाथ में कलावा भी बाँध लेते हैं और शादी के बाद लडकी को पता चलता ही कि वह तो मुस्लिम था | मुस्लिम युवकों की ओर से हिन्दू लडकी को थोखे से प्रेम जाल में फंसाने को ही “लव जिहाद” कहा जा रहा है | जहां हिन्दू लडकी को पहले से युवक की मुस्लिम पहचान पता हो , उसे “लव जिहाद” नहीं कहा जा रहा | सवाल यह है कि अगर यह लव जिहाद नहीं है , तो मुस्लिम युवा अपनी पहचान को छुपाते क्यों हैं | लव जिहाद को मनघडंत बताने वाली स्वरा भास्कर जैसी लडकियों के पास इस का कोई जवाब नहीं |

सम्भवत: भारत में मुस्लिमों की आबादी बढाने के लिए लव जिहाद का कुचक्र बहुत पहले से चल रहा होगा , तभी आज़ादी के बाद उन का अनुपात इतना बधा है , लेकिन 2009 में पहली बार धोखा खाई हिन्दू लडकी सामने आई , तब से लव जिहाद का खुलासा होना शुरू हुआ | अब तो सैंकड़ों मामले सामने आ चुके हैं | हिन्दुओं में बढ़ते आक्रोश के बाद विभिन्न राज्यों की भाजपा सरकारें “लव जिहाद” को रोकने के लिए सख्त क़ानून बना रही हैं | मध्यप्रदेश सरकार ने भी जल्द ही “लव जिहाद” विरोधी कानून लाने का एलान किया है | गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को इस सम्बन्ध में एलान किया था | बड़ी बात यह है कि पिछले 70 सालों से मुस्लिमों के मुद्दे पर जुबान बंद कर लेने वाले नेता अब खुल कर बोलने लगे हैं , क्योंकि उन्हें देश में मुस्लिम आबादी का बढ़ता अनुपात साफ़ दिखाई दे रहा है |

बुधवार को मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा का यह बयानबी आक्रोश का प्रकटिकरण  है कि हिन्दू कब तक सीता को रुबिया बनने देंगे ? सीएए और एनआरसी के खिलाफ मुस्लिमों का हिंसक विरोध इस बात का सबूत है कि वे पाकिस्तान , बांग्लादेश और अफगानिस्तान की हिन्दू , सिख और ईसाई लडकियों के साथ हो रहे अत्याचारों, उन के अपहरण , बलात्कारों, जबरी निकाह और धर्म परिवर्तन का समर्थन करते हैं , और भारत में लव जिहाद का समर्थन करते हैं | अपन देख रहे हैं कि धोखे से चलाए जा रहे “लव जिहाद” का विरोध करने की बजाए सभी तथाकथित सेक्यूलर राजनीतिक दलों के मुस्लिम नेता और फ़िल्मी दुनिया के जीशान अयूब जैसे मुस्लिम अभिनेता “ लव जिहाद” के खिलाफ क़ानून बनाने का विरोध कर रहे हैं |

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