बोफोर्स घोटाला और नीतीश का आदर्शवाद 

Publsihed: 14.Jul.2017, 22:21

कांग्रेस के लिए भ्रष्टाचार कभी मुद्दा नहीं रहा | अलबत्ता भ्रष्टाचार पर पर्दा डालना कांग्रेस का मुद्दा रहा है | नीतीश बाबू उम्मींद कर रहे हैं कि लालू परिवार के भ्रष्टाचार पर कांग्रेस उन का साथ दे | क्या नीतीश कुमार को कांग्रेस से यह उम्मींद पालनी चाहिए | 2004 में कांग्रेस ने सत्ता में आते ही सब से पहले बोफोर्स घोटाले की फाईल बंद करवाई थी | क़ानून मंत्री हंस राज भारद्वाज ने डंके की चोट पर हाई कोर्ट से बंदोबस्त कर लिया था | फिर सुप्रीम कोर्ट जाने की इजाजत न सीबीआई ने माँगी | न मनमोहन सरकार को खुद-बी-खुद देनी थी | इस तरह बड़ा घोटाला दबा दिया गया | गुरुवार को संसद की लोक लेखा समिति में बोफोर्स का जिन्न फिर निकल आया | रक्षा मामलों की लोकलेखा उप-समिति की बैठक थी | सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा कटघरे में थे | उप समिति के सदस्यों ने उन से पूछा कि बोफोर्स मामले में सीबीआई सुप्रीमकोर्ट क्यों नहीं गई | आलोक वर्मा के पास कोई जवाब नहीं था | खबर आई है कि उनने जान छुडाने के लिए कहा-"सरकार की हरी झंडी का इंतज़ार कर रहे थे |" वैसे अपनी जानकारी है कि यह झूठ है | सीबीआई ने मनमोहन सरकार से पूछा ही नहीं था | उप समिति ने बोफोर्स का जिन्न फिर निकाल लिया है | सीबीआई से कहा है कि वह सरकार से इजाजत ले कर सुप्रीम कोर्ट जाए | सीबीआई को दो हफ्ते का वक्त दिया है | मोदी सरकार के 38 महीने निकल गए | 22 महीने बाकी बचे हैं | अगर सीबीआई को फिर सक्रिय कर भी दिया, तो 22 महीनों में कुछ होना-जाना नहीं | वैसे जब कोयला और 2जी के लाखों करोड़ के घोटाले हो गए हों, तो बोफोर्स घोटाले की क्या औकात बनती है | अलबत्ता मोदी सरकार का मज़ाक और उड़ेगा | कांग्रेस सहानुभूति बटोरेगी कि मृतक राजीव गांधी को भी नहीं छोड़ रहे | पर एक बात है- बोफोर्स घोटाला लालू और कांग्रेस गठबंधन को मजबूती देगा | नीतीश बाबू भी एक वक्त बोफोर्स घोटाले को मुद्दा बनाते रहे हैं | इधर बोफोर्स घोटाला फिर से खुलने के आसार बन रहे हैं | उधर लालू यादव के यूपीए-पार्ट वन में रेलमंत्री रहते हुए घोटालों की बखियां उधड रही हैं | नीतीश को अब दोनों मुद्दों पर एक जैसा स्टैंड लेना पडेगा | गठबंधन बनाए रखने के लिए अगर वह बोफोर्स पर जांच को फालतू-फंड की बता कर खारिज करते हैं | तो लालू यादव के बेटे तेजस्वी के इस्तीफे की मांग से भी पीछे हटना पडेगा | पर अब वह इतना आगे बढ़ गए हैं कि किस मुहं से पीछे हटेंगे | उन ने शनिवार शाम तक का वक्त दिया हुआ था | पर नीतीश फैसले के लिए खुद तैयार नहीं | कम से 23 जुलाई को राष्ट्रीय बैठक तक कोई फैसला नहीं करेंगे | बैठक दिल्ली में है | सोनिया गांधी को मुलाक़ात का सन्देश भेज दिया है | वैसे सोनिया ने शुक्रवार को भी नीतीश को फोन किया | राहुल गांधी खुलकर तेजस्वी की पैरवी कर रहे हैं | लालू  भी अड़ गए हैं कि तेजस्वी का इस्तीफा नहीं करवाएंगे | इस से खुश तेजस्वी ने शुक्रवार को मीडिया की खिल्ली उड़ाते हुए ट्विट किया  -" भूंजा खाओ, मस्‍त रहो |"  वैसे राजनीति के जानकार बताते है कि आखिर में सहमति हो जाएगी | तेजस्वी की जगह तेजपाल को डिप्टी सीएम बनाने पर सहमति होगी | ऐसा हुआ, तो नीतीश कुमार की और भी जगहंसाई होगी | तेजपाल उज्जड किस्म के हैं | तेजस्वी ने तो अपने सुरक्षा कर्मियों से पत्रकारों की धुनाई करवाई | तेजपाल तो मंत्री रहते ही कईयों को खुद ठोक चुके हैं | बड़ा बेटा तेजपाल इतना ही लायक होता, तो लालू उसी को डिप्टी सीएम न बनवाते |  नीतीश कुमार परिवारवाद की राजनीति नहीं करते | वह दो परिवारवादी दलों में फंस गए हैं | छटपटा रहे हैं | समझ नहीं आ रही कि अपने आदर्शवाद को कैसे ज़िंदा रखें | नीतीश खुद को लालू-सोनिया के गठबंधन में मिसफिट पा रहे हैं | राजद की बिहार इकाई के प्रमुख राम चंद्र पूर्वे ने 80 विधायकों का दंभ भरा था | जनता दल यूं के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने शुक्रवार को मुहं तोड़ जवाब दिया | उन ने कहा  कि लालू 80 विधायकों का घमंड न दिखाएं | वह नितीश के चेहरे पर इतनी सीटें जीते हैं |  वरना तो  2010 में  राजद 22 विधायकों पर आ गई थी |  आगे तो गठबंधन टूटने वाली भाषा थी | संजय सिंह ने कहा-" सीमाओं  में रहिए और जल्द से जल्द (तेजस्वी के खिलाफ) आरोपों पर स्पष्टीकरण दीजिए | " शुक्रवार को नीतीश कुमार के कम से कम चार प्रवक्ताओं ने ताबड़तोड़ हमले किए | साफ़ कहा कि नीतीश राजनितिक शुचिता और आदर्शों से समझौता नहीं करेंगे | सार्वजनिक जीवन में बताना पडेगा कि इतनी सम्पत्ति आई कहाँ से | बताते जाएं 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में जद के 80, जदयू के 71, कांग्रेस के 27 और  भाजपा के 53 विधायक हैं | यानि नीतीश गठबंधन से बाहर आए , तो भाजपा के साथ सरकार चल जाएगी | 

 

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