कोर्ट में हारी कांग्रेस लोकसभा में रोई 

Publsihed: 14.Mar.2017, 21:28

राहुल गांधी ने मान लिया है कि पंजाब में उनके कारण नहीं जीती कांग्रेस | साथ में यह भी कह दिया कि उत्तराखंड में मेरे कारण नहीं हारी कांग्रेस | यानि पंजाब में अमरेन्द्र सिंह ने पार्टी को जिताया | उत्तराखंड में पार्टी हरीश रावत के कारण हारी | अब अमरेन्द्र सिंह को ताज मिलेगा और हरीश रावत को बनवास | पर उत्तरप्रदेश का ठीकरा किस के सर फूटना चाहिए | अपन कुछ नहीं कह रहे | आप खुद अंदाजा लगाईए | वहां दो लडके प्रचार की जिम्मेदारी संभाले थे | पर सवाल यूपी,उत्तराखंड और पंजाब का है ही नहीं | इन तीनों राज्यों में तो जनता ने स्पष्ट बहुमत दे दिया था | अब असली राजनीतिक झगड़ा गोवा और मणिपुर का | जहां जनता ने किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया | दो महिला राज्यपालों नजमा हेपतुल्ला और मृदुल सिन्हा ने भाजपा की सरकारें बनवा दी | राहुल गांधी का गुस्सा इन दोनों महिलाओं पर उत्तरा | बोले- भाजपा ने राजनीतिक राज्यपालों का दुरूपयोग कर जनादेश चुरा लिया | राहुल को राजनीतिक जवाब देने का मोर्चा किरन रिजीजू ने सम्भाला | अरुण जेटली के बाद अब किरन रिजीजू भाजपा का तेज तर्रार चेहरा उभर आया है | पी.ए.संगमा के बाद रिजीजू केंद्र की राजनीति में नार्थ-ईस्ट का नया चेहरा उभरा है | तर्कों में बड़े-बड़ों के कान काटने में माहिर | अरुण जेटली और किरण रिजीजू ने दिल्ली का मोर्चा सम्भाला | जेटली ने कांग्रेस के मुन्निअप्पा को आड़े हाथों लिया | स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस को गोवा-मणिपुर का मुददा नहीं उठाने दिया था |  पर मुन्निअप्पा ने सदन में किसी अन्य बहस में ही मुद्दा उठा लिया | मुनियप्पा ने कहा कि हमें जनादेश का सम्मान करना चाहिए । दुर्भाग्य से आज (मंगलवार) का दिन सदन के लिए एक काला दिन है । मुनियप्पा ने कहा, “अगर मोदी इन दो राज्यों के जनादेश का सम्मान करते , तो मैं उनकी सराहना करता । लेकिन ऐसा नहीं हुआ ।” जेटली और रिजीजू ने दोनों राज्यपालों का खुल कर बचाव किया | कांग्रेस ने अपना राजनीतिक केस खुद ही कमजोर कर लिया था | राजनीतिक लड़ाई लड़ने की बजाए वह सुप्रीम कोर्ट चली गई | अभिषेक मनु सिंघवी ने सोचा था जैसे उत्तराखंड में काठ की हांडी चढ़ गई थी | वैसे ही गोवा-मणिपुर में भी चढ़ जाएगी | पर काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती | अपन ने उत्तराखंड के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत बताया था | असल में कांग्रेस अपने वकीलों के चक्कर में राजनीति करना भूल गई | तब सिब्बल-सिंघवी के चक्कर में न पड कर कांग्रेस उत्तराखंड में चुनाव करवा देती | तो हरीश रावत और कांग्रेस की यह हालत न होती | पर बात गोवा और मणिपुर की |  गोवा में भाजपा 13 सीटें जीती थी, कांग्रेस सत्रह  | कांग्रेस को बहुमत के लिए 4 विधायक चाहिए थे, भाजपा को आठ | पर कांग्रेस न अपना नेता चुना, न विधायकों से सम्पर्क किया, न बहुमत का दावा पेश किया | दावा पेश करना तो दूर | राज्यपाल से मिलने का वक्त तक नहीं माँगा | उधर भाजपा ने कुछ घंटों में ही आठ विधायकों का जुगाड़ कर किया | उन आठ विधायकों की पर्रीकर को सीएम बनाने की शर्त भी मान ली | पर्रीकर का रक्षा मंत्री से इस्तीफा भी करवा दिया |  जब सब कुछ हो गया, तो कांग्रेस जागी | जागी , तो सीधे सुप्रीम कोर्ट जा पहुँची | कोर्ट ने सिर्फ इतना कहा-बहुमत 15 दिन में नहीं 48 घंटों में साबित हो | काठ की हांडी दुबारा नहीं चढी | कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी से वही आसान से सवाल पूछे | आप के पास संख्या कहाँ है, क्या आप ने बहुमत का दावा पेश किया था | अब सिंघवी को यह तो पता ही था कि कोर्ट पूछेगी  | पर कांग्रेस ने तो नेता ही नहीं चुना था | सो सिंघवी ने रात को गोवा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से राज्यपाल के नाम चिट्ठी लिखवाई | रात के डेढ़ बज चुके थे | गवर्नर हॉउस में चिट्ठी कौन रीसिव करता | तो रात डेढ़ बजे चिट्ठी राजभवन के  दरवाजे से अन्दर फैक  दी गई | सुबह सुप्रीम कोर्ट ने पूछा , तो अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- राज्यपाल से मिलने का वक्त माँगा था  | राज्यपाल ने वक्त नहीं दिया | पर तब तक राज्यपाल उस फैंकी गई चिट्ठी के आधार पर मिलने का वक्त दे चुकी थी | सुप्रीम कोर्ट ने सिंगल लार्जेस्ट को पहले सरकार बनाने के हक को नहीं माना | वैसे 1998 में राष्ट्रपति के.आर.नारायण ही इस सिद्धांत को नामंजूर कर गए थे | उन ने सिंगल लार्जेस्ट के आधार पर वाजपेयी को न्योता नहीं दिया था | उन ने वाजपेयी से पूछा था - बाकी संख्या कहाँ से लाओगे | वाजपेयी ने चिट्ठियाँ जुटाई थी | नारायण ने खुद बाकी दलों से पूछा था, तब जा कर वाजपेयी को न्योता दिया था | सिंगल लार्जेस्ट का सिद्धांत झारखंड,दिल्ली,जम्मू कश्मीर में कांग्रेस खुद भंग कर चुकी थी | कोर्ट में मात खा कर कांग्रेस लोकसभा में रोई | कांग्रेस दिल्ली में रो रही थी, तब तक गोवा में पर्रीकर दो और एमएलए जुगाड़ चुके थे | अभी एक विधायक तो पर्रीकर के लिए इस्तीफा भी देगा | इधर जैसे ही कोर्ट में कांग्रेस की हांडी फूटी | मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने भी भाजपा को न्योता दे दिया | अन बुधवार को मणिपुर में भी बीजेपी की सरकार बन जाएगी | 
 

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