क्या मनमोहन ने भारत की पाक नीति के खिलाफ काम किया

Publsihed: 11.Dec.2017, 20:58

 अजय सेतिया / गुजरात विधानसभा चुनाव से अब विकास कहीं गुम हो गया है | सभी पार्टियां और उनके नेताओं के बयानों में विकास गायब है | गुजरात चुनाव में कश्मीर से लेकर पाकिस्तान तक चर्चा में है | पर गुजरात के अहम मुद्दों पर कोई बात नहीं कर रहा | कांग्रेस बीजेपी दोनों ने शुरुआत विकास के मुद्दे पर की थी | अब चुनाव का मुद्दा कश्मीर, अफजल गुरु के बाद पाकिस्तान पर आ गया है | रिपब्लिक न्यूज चेनेल ने मोदी को पाकिस्तान का मुद्दा सौप दिया | हुआ यह था कि मणिशंकर अय्यर ने जब नरेंद्र मोदी को नीच आदमी कहा | उस से ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद मुहम्मद कसूरी दिल्ली में थे | कसूरी और मणिशंकर भारत-पाक रिश्ते सुधारने की मुहीम में लगे रहते हैं | कसूरी भारत आते हैं, तो मणिशंकर इस तरह की बैठक बुलाते हैं | मणिशंकर पाक जाते हैं , तो कसूरी विचार-विमर्श की बैठक बुलाते हैं | इसी तरह की एक बैठक में मणिशंकर ने कहा था -" पहले मोदी को हटाना पडेगा | जब तक वह पीएम हैं भारत-पाक रिश्ते नहीं सुधर सकते | "  इसी पुरानी बात को मोदी ने पाकिस्तान को सुपारी देने की बात कह कर भुनाया है | मणिशंकर ने मोदी को हटाने की सुपारी दी है या नहीं , अपन नहीं जानते | पर मोदी ने काग्रेस के खिलाफ रिपब्लिक चेनेल को सुपारी दी हुई जरुर लगती है | कसूरी के आगमन पर मणिशंकर अय्यर ने विचार-विमर्श के लिए रात्रि भोज रखा | तो यह कोई षड्यंत्र नहीं हो सकता | कम से कम गुजरात के चुनाव से इस बैठक का कोई लिंक नहीं हो सकता | क्योंकि बैठक में पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर भी मौजूद थे | पाकिस्तान में हाई कमिश्नर रहे टीसीए राघवन , शरत सभ्रवाल , के शंकर बाजपेयी भी मौजूद थे | दो और पूर्व कूटनीतिज्ञ सलमान हैदर , चिन्मय घेरखान  भी मौजूद थे | पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी समेत कोई 19 लोग मौजूद थे | इन सभी ने बैठक में सिर्फ भारत पाक रिश्तों पर बात होने की बात कही है | अब कोई यह कहे कि इस रात्रिभोज में गुजरात के चुनाव पर चर्चा हुई होगी | कोई यह कहे कि अहमद पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने पर रणनीति बनी होगी | तो अपनी सामान्य राजनीतिक समझ यह नहीं मानती | पर यह भारत-पाक बातचीत मोदी सरकार की पाक नीति के खिलाफ है | मोदी सरकार की स्पष्ट नीति है- " जब तक पाक कश्मीर में  आतंकवाद नहीं रोकता , तब तक कोई बातचीत नहीं होगी |" वैसे इस के बावजूद ट्रेक-टू बातचीत चलती रहती है | पाकिस्तान का हाई कमिश्नर और मनमोहन सिंह मीटिंग में न होते तो यह इतना गंभीर मुद्दा न बनता | भले ही हल्का-फुल्का चुनावी मुद्दा जरुर बनता | पर मोदी ने इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया | प्रधानमंत्री मोदी ने रिपब्लिक की खबर आते ही पालनपुर की रैली में कहा-" पाकिस्तान कांग्रेस पर दबाव बना रहा है कि अहमद पटेल को गुजरात का सीएम बनाया जाए | कांग्रेस पाकिस्तान के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है | मणिशंकर अय्यर के घर पर पाक के पूर्व विदेश मंत्री और हाई कमिश्नर के साथ कांग्रेस नेताओं की गुप्त मीटिंग हुई है |" कांग्रेस बहुत कन्फूज रहती है | जब सीमा पर चीन से तनाव चल रहा था , तब राहुल गांधी ने चीन के राजदूत से मुलाक़ात की | कांग्रेस तब तक खबर का खंडन करती रही , जब तक खुद चीन दूतावास ने पुष्टि नहीं की | इसी तरह कांग्रेस ने इस बार भी मीटिंग में पाक हाई कमिश्नर की मौजूदगी का खंडन किया | हद तो तब हो गई जब मनमोहन सिंह अपनी शराफत भुनाने के लिए सामने आ गए | सोमवार को मनमोहन सिंह ने मोदी पर हमला बोलते हुए उन से माफी मांगने को कहा | तो देश की राजनीति में उबाल आ गया | उन्होंने कहा -" मोदी के बयान पर हमें दुख और गुस्सा है | मणिशंकर के घर पर किसी से गुजरात चुनाव पर बात नहीं हुई | चुनावों में अपनी हार की आशंका से मोदी बौखला गए हैं | " गुजरात के चुनाव में एक एक कदम अहम हो गया है | शह-मात का खेल चल रहा है |  शाम होते होते मनमोहन का हमला उलटा पड गया | अरुण जेटली ने मनमोहन सिंह पर पलटवार किया | उन ने कहा -" भारत सरकार की साफ़ नीति है, जब तक आतंकवाद चलेगा, तब तक पाक से बातचीत नहीं होगी | मणिशंकर अय्यर तो आतंकवाद और बातचीत साथ साथ चलाने के हिमायती हैं | जिन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता | मनमोहन सिंह भारत सरकार की नीति के खिलाफ उस बैठक में क्यों गए | उन से उम्मींद की जाती है कि वह सरकार की नीति के अनुकूल कार्य करें | उन का बैठक में जाना सरकार की राष्ट्रीय नीति का उलंघन है | और खुद माफी मांगने की बजाए वह प्रधानमंत्री से माफी मांगने को कह रहे हैं |" जेटली के तेवर तीखे थे | उन ने शरमल-शेख में हुई मनमोहन की गलती भी याद करवाई | जहां साझा बयान से पाक की जमीन से आतंकवाद नहीं होने देने की बात तो निकाल दी गई थी | बलूचिस्तान के आतंकवाद पर चिंता जोड़ दी गई थी | अब जाते जाते मोदी की सरकार पर पकड की बात | नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं | पूरा सूचनातंत्र उन के पास है | आईबी ने खुशीद महमूद कसूरी के भारत दौरे की खबर तो दी होगी | वीजा भी तो भारत के हाई कमिशन ने दिया होगा | कसूरी का आना एक महीना पहले तय हुआ था | मणिशंकर ने सब को न्योता भी एक महीना पहले दे दिया था | अगर किसी सूचना तन्त्र ने मोदी को रिपोर्ट नहीं दी | रिपब्लिक न्यूज चेनेल की खबर से ही मोदी को खबर मिली | तो मोदी को सरकार पर पकड़ की खुद ही समीक्षा करनी चाहिए | जो ब्यूरोक्रेसी को सर आँखों पर बिठा कर अपनी सरकार का बंटाधार कर रहे हैं | 
 

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