रिजवी चले थे अपना समाज सुधारने

Publsihed: 12.Apr.2021, 17:46

अजय सेतिया / भारत का सुप्रीमकोर्ट किसी की याचिका की सुनवाई अपने दायरे में न समझ कर स्वीकार न करे , यह हो सकता है | इस में न तो कोई हैरानी वाली बात होगी , न गुस्से वाली | अपन को पहले से अनुमान था कि भारत की सुप्रीमकोर्ट ऐसा कोई सेक्यूलरिज्म का कदम नहीं उठा सकती ,जिस से दुनिया भर में उस की वाहवाही हो | सेक्यूलरिज्म संविधान में दिखावटी चीज बना रहना ही शोभा देता है या सिर्फ राजनीतिक दलों को चुनावी मुद्दे के तौर पर उछालना अच्छा लगता है | अपना यह पक्का विशवास है कि हिन्दू सेक्यूलर है पर 1975 में भारत के संविधान में लिख दिए जाने के बावजूद संविधान सेक्यूलर नहीं है | संविधान सेक्यूलर होता तो 1975 में संविधान में लिखते समय ही धर्म के आधार पर पारित सभी क़ानून खारिज किए जाते और भारत में  समान आचार संहिता लागू की जाती |

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी किसी और ही दुनिया में रहते थे , जो सुप्रीमकोर्ट में कुरआन की 26 आयतें खारिज करवाने चले गए | किसी धार्मिक किताब में दखल देना भारतीय अदालतों का काम नहीं | जिन 26 आयतों में मुसलमानों को दुनिया के गैर मुसलमानों से श्रेष्ठ , गैर मुसलमानों को काफिर और उनके खिलाफ जेहाद को जायज बताया जाता है , उस से सिर्फ भारत के गैर मुसलमान ही प्रभावित नहीं है , दुनिया के सारे गैर मुसलमान प्रभावित हैं | पाकिस्तान , बांग्लादेश और अफगानिस्तान में तो अपन गैर मुसलमानों का हश्र देख ही चुके हैं | यूरोप में लंबे समय से बहस चल रही है , जैसे वसीम रिजवी ने कुरआन की 26 आयतों को नफरत की जड बताया है , ऐसा दुनिया के कई समझदार मुसलमान पहले से ही शिनाख्त कर चुके हैं | आप यूट्यूब खोल कर देखिए दुनिया भर में खुद हजारों मुसलमान धार्मिक सुधारों की बात करते दिख जाएंगे , लेकिन उन का हश्र भी वही हुया है और हो रहा है , जो वसीम रिजवी का हुआ है |

पिछले दिनों अपन को एक्समुस्लिम नाम से एक किशोर पाकिस्तानी सुन्नी मुस्लिम की यूट्यूब देखने का मौक़ा मिला , उन की आप बीती सुन कर रोंगटे खड़े हो गए | वह तर्क करता था , कुरआन की आयतों पर सवाल उठाता था | अपनी आँखों में तो आंसू निकाल आए जब उस ने अपनी आप बीती सुनाते हुए कहा कि किस तरह उस की मां ने ही उस का अपहरण करवाया और अपहणकर्ताओं ने उसे सेक्सुअली अब्यूज किया | और फिर वह कैसे उन के चंगुल से निकल कर भागा , अनेकों दिन भूखा रहा और फिर कैसे फर्जी पासपोर्ट पर पाकिस्तान से बाहर निकल सका | यूट्यूब के उस लिंक के बाद अपन मुस्लिम लडकों और लडकियों के दर्जनों यूट्यूब वीडियो देख चुके हैं , जो तार्किक सवाल उठा रहे हैं | सवाल उठाने पर उन के साथ जो हश्र हो रहा है ,उस के मुकाबले वसीम रिजवी के साथ तो कुछ भी नहीं हुआ | 

वसीम रिज़वी ने याचिका दाखिल कर दावा किया था कि इन 26 आयतों का हवाला दे कर दुनिया के लोग आतंकी बनाए जाते हैं | याचिका के बाद शिया और सुन्नियों के उलेमाओं ने रिजवी को इस्‍लाम से खारिज कर दिया और फरमान जारी किया कि मुल्‍क के किसी क्रबिस्‍तान में रिज़वी को दफन नहीं होने दिया जाएगा | इस फतवे के बाद वही हुआ , जिस की जनूनी लोगों से उम्मींद की जाती है | उनके भाई ने वीडियो जारी कर कहा कि वसीम से परिवार का संबंध नहीं है क्योंकि वे इस्‍लाम विरोधी हो गए हैं | फतवे के बाद पन्द्रह मार्च रात को लखनऊ के तालकटोरा की करबला में, जहां रिजवी ने एडवांस में कब्र बुक कराई है, उसे तोड़ कर तहश नहश कर दिया गया | बहुत सारे मुस्लिम अपने मरने से पहले किसी कब्रिस्‍तान या करबला में अपने पसंद की जगह खरीद लेते हैं | वहां अपने नाम का पत्‍थर भी लगा देते हैं, इस कब्र का रिप्लिका बना देते हैं, जहां बाद में दफनाए जाते  हैं | इसे हयाती कब्र कहते हैं | वसीम रिजवी की हयाती कब्र पर लगे उन के नाम के पत्‍थर को कुछ लोगों की भीड़ ने ने तोड़ दिया है | अपन को उम्मींद ही नहीं , अपना दावा है कि कांग्रेस ,कम्युनिस्ट या अन्य कोई सेक्यूलर पार्टी कट्टरपंथियों की इस हिंसक वारदात की निंदा नहीं करेंगी और रिजवी का बचाव नहीं करेंगी | उन्होंने तसलीमा नसरीन और सलमान रश्दी पर फतवे का भी विरोध नहीं किया था |

वसीम रिजवी इस समय अंडरग्राउंड हैं | उन्‍होंने कहा है कि परिवार ने मेरा साथ छोड़ दिया, पत्‍नी, बच्‍चों, भाई सबने साथ छोड़ दिया है | और उधर देश में व्यक्तिगत स्वतन्त्रता की सब से बड़ी पहरेदार सुप्रीमकोर्ट ने भी सोमवार को वसीम रिजवी का साथ छोड़ दिया | सुप्रीमकोर्ट उन की याचिका स्वीकार न करती , कोई गम नहीं था , खारिज करेगी , ऐसी ही उम्मींद अपन को पहले से थी | कहती कि सुप्रीमकोर्ट को भारतीय संविधान और संसद से पारित कानूनों की समीक्षा करने का अधिकार है , किसी धार्मिक किताब की समीक्षा करने का नहीं | लेकिन जस्टिस फली नरीमन, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने याचिका को तुच्छ बता कर वसीम रिजवी पर 50 हजार का जुर्माना ठोक दिया , यह ठीक नहीं किया | अब कोई कैसे किसी भी समाज में सुधार की बात उठाएगा |

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