फर्जी ईवीएम से अनार्की फैलाने की कोशिश 

Publsihed: 09.May.2017, 23:39

केजरीवाल ने चुनाव आयोग को बदनाम करने के लिए विधानसभा का दुरूपयोग किया | इस से पहले किसी विधानसभा ने किसी अन्य संवैधानिक संस्था को इस तरह चुनौती नहीं दी | अरविंद केजरीवाल जो कहते थे , वह उन्होंने कर के दिखा दिया | उनने खुद को अनार्किस्ट कहा था | मंगलवार को उनने विधानसभा में जो किया ,वह देश में अनार्की फैलाने की दिशा में उठाया कदम है | अपन एक ही वक्त में दो अनार्की देख रहे हैं | एक अनार्की दिल्ली का मुख्यमंत्री बन बैठा है , दूसरा कोलकात्ता हाईकोर्ट का जज बन बैठा है | हाईकोर्ट के जज कनन्न ने कई दिन से तमाशा खड़ा कर रखा है | अपनी सनक से उस ने न्यायपालिका को दलित , गैर दलित में बाँट दिया है | सनक ऐसी कि सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस को अपने घर में कोर्ट लगा कर सजा सुना रहा है | सुप्रीमकोर्ट को उसे बहुत पहले बर्खास्त करना चाहिए था | पानी सर से गुजर गया , तो सुप्रीमकोर्ट जागी | अब जा कर उसे छह महीने कैद की सजा सुनाई है | एक संवैधानिक संस्था किसी अन्य संवैधानिक संस्था को इस तरह चुनौती दे ,तो क्या होगा | संविधान में ऐसी स्थिति से निपटने का कोई बंदोबस्त नहीं | दूसरा मामला केजरीवाल का है | वह हर रोज सविधान को चुनौती दे रहा है | कन्नन और केजरीवाल में कोइ फर्क नहीं | दोनों संविधान के लिए चुनौती बने हुए हैं |  वह प्रधानमंत्री को साईकी कह चुके हैं | वह सर्जीकल स्ट्राईक को चुनौती दे चुके हैं | वह जेएनयूं में खड़े हो कर भारत तेरे टुकडे होंगे कहने वालों की पीठ थपथपा चुके हैं | वह अपने बच्चों की झूठी कसमें खा चुके हैं | अब पंजाब में चुनाव हार गए, तो देश की चुनाव व्यवस्था पर ही सवाल उठा दिया | इसी चुनाव व्यवस्था ने जब दिल्ली की 70 में से 67 सीटें दिलाईं थी , तब मशीनें ठीक थीं | हार गए, तो मशीनें खराब | नाच न जाने, आंगन टेढा वाली बात कर दी | आप का आरोप है चुनाव में ईवीएम मशीनों को टेम्पर किया गया | आप एक राजनीतिक दल है | विधानसभा में बहुमत है, तो क्या विधानसभा को पार्टी फोरम बना देंगे | क्या कोई सरकार या विधानसभा पार्टी फोरम बन सकते हैं | अब तक सभी राजनीतिक दल संवैधानिक मर्यादा का पालन करते थे | कांग्रेस , सपा,बसपा, भाजपा, माकपा, भाकपा किसी ने मर्यादा भंग नहीं की | अपने यहाँ पुरानी कहावत है | जैसी सोहबत हो , आदमी भी वैसा ही हो जाता है | माकपा, राजद. जेडीयू. टीएमसी ये चार दल भी आज इस असंविधानिकता के गवाह बने | खरबूजे को देख कर खरबूजा रंग बदलता है | असंवैधानिक काम देखने के लिए निलोत्पल बसु, मनोज झा ने केजरीवाल के न्यौते को कबूल किया | इन्होने चुनाव आयोग का न्यौता कबूल नहीं किया , जिस ने कहा है, आओ ईवीएम टेम्पर कर के दिखाओ | क्या इन पुरानी स्थापित पार्टियों को इस असवैधानिक पाप का भागीदार बनाना चाहिए था ?  या केजरीवाल को कहना चाहिए था कि चलो चुनाव आयोग चल कर टेम्पर कर के दिखाओ | विधानसभा में जिस मशीन पर ड्रामा किया गया , वह असली नहीं थी | एक फर्जी मशीन पर ड्रामा किया गया | अपने ड्रामा कहने का कारण है | कारण यह है कि पहली बात तो मशीन चुनाव आयोग वाली नहीं | दूसरी बात यह कि मशीन का मदर बोर्ड बदला गया | मशीन का मदर बोर्ड बदलना टेम्परिंग नहीं होता | वह तो सारी मशीन ही बदली गयी | देश की चुनाव प्रणाली को विधानसभा में चुनौती देने का यह ड्रामा एक एमएलए सौरभ भारद्वाज ने किया | भारद्वाज ने सदन में बताया कुछ और, किया कुछ और | उन ने सदन को बताया कि जिस भी पार्टी को जितवाना होता है, उसका एक कोड होता है. उसी का इस्तेमाल किया जाता है | सौरभ ने कहा कि भाजपा का कोइ वर्कर वोट करते वक्त कोड बदल सकता है | पर उन्होंने अपनी फर्जी मशीन में मदर बोर्ड बदलने के बाद वह कर के दिखाया | यानी पूरा फर्जीवाड़ा |  फिर भी वह अपनी इंजीनिरिंग की डिग्री पर विधानसभा में इतराए | बोले-- पिताजी कहते थे कि तेरी इंजीनियरिंग का क्या फायदा | वह कहते थे कि मुझे खुलवाने तो सीवर ही हैं, लेकिन आज मैं इसका इस्तेमाल कर पा रहा हूं | सवैधानिक संस्था को कलंकित करने पर इतराते हुए सौरभ भारद्वाज ने केजरीवाल की आरती उतारते हुए कहा - -' मैं तुम्हारे कारण ही इंजीनियरिंग छोड़कर राजनीति में आया था | आज मैं फिर इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर पा रहा हूं | '  अपन फिर याद दिला दें , सौरभ भारद्वाज ने वह मशीन इस्तेमाल नहीं की , जो चुनाव आयोग करता है | सौरभ भारद्वाज ने ईवीएम को टेम्पर नहीं किया, ईवीएम का मदरबोर्ड बदला | जीवीएल कृष्णामूर्ती मुख्य चनाव आयुक्त रहे हैं | जब सौरभ भारद्वाज विधानसभा में ड्रामा कर रहे थे , तभी कृष्णामूर्ती ने इस की खिल्ली उडाई | उन ने बताया कि पहले भी एक सज्जन ऐसी ही मशीन लेकर सुप्रीमकोर्ट गए थे | सुप्रीमकोर्ट ने उसे नामंजूर कर दिया था | सुप्रीमकोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग में जा कर आयोग की मशीन टेम्पर करके दिखाओ | जिसे सुप्रीमकोर्ट रद्द कर चुका है, उसे केजरीवाल ने विधानसभा में कर के दिखाया | केजरीवाल ने बाहर आ कर कहा कि 90 सेंकिंड में मदरबोर्ड बदल सकते हैं | चुनाव आयोग अपनी मशीनें दे, हम बदल कर दिखा देंगे | तो हिचक क्या है | केजरीवाल चुनाव आयोग में सौरभ को लेकर जाते क्यों नहीं | क्या यह ड्रामा कपिल मिश्रा से ध्यान हटाने के लिए था | कपिल मिश्रा का तो यही कहना है | वह मंगलवार को केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामले सीबीआई को सौंप आए | ऍफ़आईआर -1 केजरीवाल के रिश्तेदार की 50 करोड़ की लैंड डील | ऍफ़आईआर -2 आप नेताओं के विदेशी दौरे | ऍफ़आईआर -3 केजरीवाल का सत्येन्द्र जैन से 2 करोड़ नकद लेना |  इस मामले पर कपिल मिश्रा ने कुछ और ट्वीट भी किए | उन ने  लिखा है कि कुछ नेताओं ने बीसियों विदेश यात्राएं की  | चंदे के पैसों से , सरकारी पैसों से , और अवैध कैश से भी विदेश यात्राएं की गई हैं | इन सब की जानकारी सार्वजनिक की जाए | कहां-कहां गए, कहां रुके, किन लोगों से मिले, क्या डीलिंग हुई ?  कितने दिनों तक किस देश में रहे. ? पैसा कहां से आया ? पासपोर्ट की डिटेल्स ? वैसे सीबीआई को सीधे  केस लेने के अधिकार नहीं | या तो वह कोर्ट के आदेश पर कोई केस ले सकती है  | या फिर कोई राज्य सरकार उसके पास कोई मामला जांच के लिए भेजे | यहाँ दोनों मामले नहीं बनाते | सीबीआई ने कपिल मिश्रा की शिकायत तो ले ली | अब इसके कानूनी पहलुओं पर केंद्र सरकार से विचार होगा | 

 

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