गाय के दूध से रोज़ा छोड़ने की मिसाल 

Publsihed: 01.Jun.2017, 12:37

केंद्र सरकार की एक अधिसूचना पर आजकल बड़ा बवाल है | अधिसूचना यह थी कि पशु मेलों में बूचडखानों के लिए पशुओं की बिक्री नहीं होगी | यह अधिसूचना 2016 में आए सुप्रीमकोर्ट के फैसले के कारण जारी हुई है | सुप्रीम कोर्ट ने एक पीआईएल पर यह फैसला हुआ था | असल में नेपाल के एक धार्मिक कार्यक्रमों में पशु बलि दी जाती है | उस के लिए सीमान्त इलाकों की पशु मंडियों से पशु खरीदे जाते हैं | उन्हें स्मगल कर के नेपाल ले जाया जाता है | नई अधिसूचना उस स्मगलिंग को रोकने के लिए है | यह सिर्फ गाय का मामला नहीं है | गाय के अलावा बैल, सांड,बछिया,बछड़े, भैंस और ऊंट भी लिस्ट में शामिल है | वैसे भी बूचडखानों के अलावा कहीं पशु वध भारत में बैन है | यह बात 2001 के बूचडखाना नियमावली में स्पष्ट  है | इस का उलंघन करने पर 3 महीने की कैओद है | इस के बावजूद केरल में कांग्रेस के नेताओं ने सड़क पर गाय का बछडा काटा | उन पर ऍफ़आईआर हो गई है | वामपंथियों ने अपनी आदत के अनुसार इसे हिन्दू मुस्लिम का मुद्दा बनाया | बाकायदा प्रेस नोट में लिखा कि रमजान के महीने में मुसलमानों को टार्गेट कर के नई अधिसूचना जारी की | केरल की वामपंथी सरकार के मुखिया पी.विजयन ने इसे संवैधानिक ढाँचे पर प्रहार कहा है | कहा कि राज्यों के अधिकारों का हनन हुआ है | उन ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों को विरोध करने की चिठ्ठी लिखी  | नकारात्मक राजनीति करने वाली बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने भी विरोध किया है | फिलहाल केंद्र को नोटिस दे कर मद्रास हाई कोर्ट ने अधिसूचना पर रोक लगाई है | राजस्थान हाई कोर्ट का फैसला मद्रास हाईकोर्ट के नोटिस से एकदम उल्ट है | गाय के सम्बन्ध में जज महेश शर्मा ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया | हाई कोर्ट ने कहा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए | कोर्ट ने गोहत्या करने वाले को उम्र कैद का क़ानून बनाने की भी सिफारिश की है | राजस्थान में फिलहाल गौहत्या पर तीन साल की सजा का प्रावधान है | राजस्थान हाईकोर्ट के इस फैसले और सिफारिश ने मुग़ल काल की याद ताज़ा कर दी | इतिहास में उल्लेख मिलता है कि पहेल मुगल बादशाह बाबर ने गौहत्या पर रोक लगाई हुई थी | बाबर ने अपने बेटे हुमायूं को भी मरते वक्त गौ हत्या पर रोक नसीयत की थी | इस मुल्क के लोगों का दिल जीतना हो तो गौहत्या पर रोक लगाना | अबुल फजल ने आईने-अकबरी में लिखा है कि अकबर ने गौ हत्या पर प्रतिबन्ध लगाया था | बर्नियर ने अपने यात्रा विवरण में इस बात का जिक्र किया है कि जहांगीर के शासन काल में भी गौ हत्या पर रोक थी | ज्यादातर मुगल बादशाहों के समय गौ हत्या पूरी तरह बंद थी | दक्षिण में हैदर अली और टीपू सुल्तान तथा अवध में नबाब वाजिद अली शाह के समय भी गौ हत्या प्रतिबंधित थी | भारत के ऋषि-मुनियों ने गाय को माता का दर्जा दिया था | गाय इस देश के प्राण हैं | इस बात को मुगलों ने भली-भाँति समझा था | अंग्रेजों के आगमन तक भारत में गौहत्या नहीं होती थी | अंग्रेजों ने हिन्दुओं और मुसलमानों को लड़ाने के लिए मुसलमानों को गौहत्या के लिए उकसाया | यहाँ गौहत्या को मां की हत्या के अनुरूप माना जाता है | 1857 का पहला स्वतंत्रता संग्राम ही इसी कारण शुरू हुआ था कि अंग्रेजों ने हथगोले पर गौमांस लगा दिया था | हथगोले की पिन मुहं से खोलनी पड़ती थी | अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर अंग्रेजों की चाल समझ गए थे | उनने  हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए गौहत्या पर मौत की सजा सूना दी थी | 28 जुलाई 1857 को बकरीद के मौके पर गाय की कुरबानी नहीं करने का फरमान जारी किया था | भारत के मुसलमान देश पर राज करने की बातें तो फख्र से सुनाते हैं | पर मुग़ल राज़ कैसे कर गए, यह नहीं जानते | अंग्रेज सिर्फ गौमांस का  चस्का नहीं लगा गए | अलबत्ता हिन्दू-मुस्लिमों में हमेशा के लिए दुश्मनी के बीज बौ गए | फूट की लड़ाई को अब वामपंथी हवा दे रहे हैं | केरल में कांग्रेस भी मुसलमानों को गौहत्या के लिए उकसाती हुई रंगे हाथों पकड़ी गई | लेकिन मुरादाबाद के मेहंदी हसन ने गंगा-जमुनी मिसाल पेश की है | वह मुरादाबाद के मोहल्ला जाहिद नगर में रहते हैं | मेहंदी हसन अंसारी ने अपने परिवार के साथ रमजान के पहले रोजे का इफ्तार गाय के दूध के साथ किया | मेहंदी हसन से इस मौके पर कहा -" हम हिंदू-मुस्लिम बेवजह की लड़ाई में फंसकर अपने मुल्क को बर्बाद कर रहे है | " मेहंदी हसन ने  बादशाह बहादुर शाह जफर और हुमायूं की याद दिलाई | जिन ने हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए गाय की कुर्बानी पर रोक लगाई थी |  

 

आपकी प्रतिक्रिया