अजय सेतिया / लगभग सभी एग्जिट पोल्स ने भारतीय जनता पार्टी की हवा निकाल दी है | भारतीय जनता पार्टी के करीबी रिपब्लिक भारत , टाईम्स नाऊ और सुदर्शन चेनलों ने भी आम आदमी पार्टी को बम्पर जीत का एग्जिट पोल दिया है | कई न्यूज चेनलों ने तो इन्हीं तीन चेनलों का बार बार हवाला दे कर कहा कि अगर ये भाजपा की हार मान रहे हैं , तो फिर भाजपा 8-10 पर ही निपट जाएगी | रिपब्लिक भारत पर सर्वेक्षण और एग्जिट पोल देने वाले प्रदीप भंडारी हरियाणा , छतीसगढ़ और झारखंड में फेल हुई भविष्यवानियों से भयभीत थे , वह अपनी विश्वसनीयता और ज्यादा दाव पर नहीं लगा सकते थे | बाकी एग्जिट पोल्स भी काफी सावधान थे | एग्जिट पोल्स को भेडचाल भी नहीं कहा जा सकता |
खैर करीब करीब सभी एग्जिट पोल आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत और सीटें घटा रहे हैं | भाजपा का वोट प्रतिशत और सीटें बढा रहे हैं | सिर्फ इंडिया टूडे आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत बढा रहा है , लेकिन सीटों के बारे में उस का झौल बहुत बड़ा है | उस का कहना है कि 9-10 सीटें घट भी सकती हैं या एक आध बढ़ भी सकती है | तो सारे एग्जिट पोल आम आदमी पार्टी को जिताने के बावजूद सीटों को लेकर एक मत नहीं हैं | कोई 44 दे रहा है , तो कोई 68 , पर इस बात पर सारे एक मत हैं कि भाजपा की सीटें 26 से ज्यादा नहीं हो सकती | इंडिया टुडे ने तो यहाँ तक कहा है कि पिछली बार की तीन सीटों से घट कर 2 भी हो सकती हैं | यानी भाजपा 2 और 26 के बीच कहीं अटकेगी |
एग्जिट पोल फेल भी हो सकते हैं | 2004 और 2009 लोकसभा चुनावों में लगभग सभी न्यूज चेनलों और कम्पनियों के एग्जिट पोल फेल हुए थे | अब हम आप के सामने 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल्स रखते हैं , जिन का ट्रेंड तो ठीक था , लेकिन सभी एग्जिट पोल्स गलत साबित हुए थे | सब से पहले इंडिया टुडे का एग्जिट पोल देखते हैं , उस ने आम आदमी पार्टी को 42 प्रतिशत वोट और 38-46 सीटों की भविश्यवाणी की थी , भाजपा को 36 प्रतिशत वोट और 19-27 सीटों की भविश्यवाणी की थी , कांग्रेस को 15 प्रतिशत वोट और 3-5 सीटों की भविश्यवाणी की थी | आप को 54.3 प्रतिशत ,भाजपा को 32.8 और कांग्रेस 9 प्रतिशत वोट मिला | कांग्रेस को एक सीट भी नहीं मिली , भाजपा को सिर्फ तीन मिली और आप को 67 सीटें | एबीपी ने आप को 43 और भाजपा को 26 सीटें दी थीं | किसी एग्जिट पोल ने भाजपा को 19 से कम सीटें नहीं दी थीं और आप को 53 से ज्यादा नहीं दी थीं | इसलिए एग्जिट पोल के फेल होने की सम्भावना 60-70 प्रतिशत है |
एग्जिट पोल सीटों और वोट प्रतिशत में पूरी तरह गलत साबित होंगे , लेकिन ट्रेंड यही रहेगा | इस की सब से बड़ी वजह यह है कि भाजपा या तो वोटरों का ट्रेंड समझ नहीं रही , या जानबूझ कर इस जिद्द पर अड़ी है कि प्रदेशों के नेताओं और प्रदेशों के मुद्दों को नजरअंदाज करते रहना है | हाल ही के विधानसभा चुनावों से एक बात साफ़ उभर कर आई थी कि राज्य बिधानसभाओं के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय एजेंडा नहीं चला था | ऊपर से थोंपे गए नेता भी नहीं चले | भारतीय जनता पार्टी ने उन चुनाव नतीजों से कोई सबक नहीं सीखा था | यह चुनाव भी उस ने राष्ट्रीय नेतृत्व और राष्ट्रीय एजेंडे पर ही लड़ा , जबकि राज्यों की अपनी समस्याएं और मांगे होती हैं , जिन का समाधान वोटरों के सामने रखा जाना चाहिए | भारतीय जनता पार्टी इस में पूरी तरह विफल रही |
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