ट्रंप ने सौ जूते भी खाए , प्याज भी

Publsihed: 07.Jan.2021, 20:40

अजय सेतिया / डोनाल्ड ट्रंप को मुहं की कहानी पड़ी है | अपने यहाँ कहावत है सौ प्याज भी खाए , सौ जूते भी खाए | संसद के संयुक्त सत्र में ट्रंप के सारे आरोप खारिज कर दिए गए | संसद ने जो बाइडेन के राष्ट्रपति पद पर और कमला हैरिस के उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचन की पुष्टि कर दी | डोनाल्ड ट्रंप मुहं लटका कर बाहर निकले क्योंकि सांसदों ने पार्टी लाइन से हटकर जो डोनाल्ड ट्रंप मुहं लटका कर बाहर निकले क्योंकि सांसदों ने पार्टी लाइन से हटकर जो बाइडेन की जीत का समर्थन किया | यहां तक कि डोनाल्ड ट्रंप की दो राज्यों- एरिजोना एवं पेनसिल्वेनिया - में निर्वाचन संबंधी आपत्तियों को भी खारिज कर दिया गया | तब बाहर निकलते हुए ट्रंप ने झक मार कर कहा कि 20 जनवरी को व्यवस्थित ढंग से सत्ता हस्तांत्रण होगा | इसे सौ जूते खा कर प्याज खाना ही तो कहेंगे |

जो बाइडेन के नए राष्ट्रपति पद पर निर्वाचन की पुष्टि के लिए बुलाए गए संयुक्त सत्र से ठीक पहले ट्रंप ने अपने हजारों समर्थकों को भडकाते हुए कहा था कि वह हार नहीं मानेंगे | यह बिलकुल वैसा ही था , जैसे भारत में राजनीतिक नेता अपने समर्थकों को भडका कर हिंसा फैलाते हैं और अपना उल्लू सीधा करते हैं | ट्रंप भी अपने समर्थकों को भडका कर अंदर घुस गए | ट्रंप समर्थक भीड़ ने कैपिटल हिल का घेराव करके अमेरिकी संसद में हमला कर दिया | कैपिटल पुलिस और ट्रंप समर्थकों में हिंसक झडप हुई | जिसमें चार लोग मारे गए | यह खबर जब अंदर पहुंची तो कैपिटल परिसर को लाक डाउन कर दिया गया | यानी बाहर निकलने और अंदर जाने के सारे रास्ते बंद कर दिए गए | वाशिंगटन में पब्लिक इमरजेंसी का ऐलान कर दिया गया |

अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जितना बवाल इस बार हुआ , शायद पहले कभी नहीं हुआ था | क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में अधिक वोट पाने वाले जो बाइडेन की जीत को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे | आशंका व्यक्त की जा रही थी कि कहीं डोनाल्ड ट्रंप कोई बड़ा कदम उठा कर अमेरिका के लोकतंत्र से ही खिलवाड़ न कर दें | शायद इसी कारण डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक जबरन संसद कैपिटल हिल में घुस होंगे , लेकिन कैपिटल पुलिस ने फायरिंग कर के हिंसक भीड़ को नाकाम कर दिया |

अमेरिका में करीब 200 साल के बाद इतिहास ने खुद को दोहराया है | डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने जिस तरह कैपिटल हिल पर कब्जे की कोशिश की है, ऐसा ही एक हमला करीब 200 साल पहले इसी बिल्डिंग पर अंग्रेजों ने किया था | तब ब्रिटिश घुसपैठियों ने वाशिंगटन को जला दिया था और अमेरिकी संसद को तबाह करने की कोशिश की थ | अमेरिका भी शुरुआत में ब्रिटेन के अधीन ही था , लेकिन आजादी के बाद जब अमेरिका अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रहा था तब 1812 में ब्रिटेन-अमेरिका के बीच एक युद्ध हुआ, जिसमें ब्रिटेन ने अपनी ताकत का अहसास कराया था | उसी वक्त 1814 में एक मौका ऐसा आया था, जब ब्रिटिश घुसपैठियों ने वाशिंगटन स्थित अमेरिकी संसद पर कब्जा करने की कोशिश की थी |

इतिहासकारों के मुताबिक 24 अगस्त 1814 को ब्रिटिश घुसपैठियों ने वाशिंगटन का रुख किया था | जिसके बाद ब्रिटिश घुसपैठियों ने सब से पहले अमेरिकी संसद में मौजूद फर्निचर को आग लगा दी थी , जिसके बाद पूरी बिल्डिंग में आग फैल गई थी | कैपिटल हिल को आग के हवाले करने के बाद ब्रिटेन के हमलावरों ने व्हाइट हाउस का रुख किया था और राष्ट्रपति के दफ्तर पर हमला बोला था | 18 जून 1812 को शुरू हुई ब्रिटेन और अमेरिका के बीच की जंग करीब तीन साल तक चली और 1815 में जाकर खत्म हुई थी | दोनों देशों ने एक संधि के जरिए युद्ध समाप्ति का ऐलान किया था |

 

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