अजय सेतिया / शरद पवार के इस खुलासे के बाद भाजपा के नेता बेचैन हो गए हैं , जिस में उन्होंने बताया है कि जब वह नरेंद्र मोदी से किसानों की समस्याओं के लिए मिलने गए थे तो मोदी ने उन्हें दो तरह के लालच दिए थे | महाराष्ट्र के भाजपा नेता सुधीर मुगंतीवार ने शरद पवार के खुलासे के बाद कहा है कि दो राजनीतिज्ञों की बंद कमरे में हुई बातचीत का खुलासा अनैतिक है | पहले यह दलील उस समय दी गई थी , जब शिवसेना ने कहा था कि अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से हुई बातचीत में फीफ्टी फीफ्टी का वायदा किया था | यानी राजनीतिक सौदेबाजी का देश को पता नहीं चलना चाहिए | हो सकता है कि भाजपा के बड़े नेता शरद पवार के खुलासे को मनघडंत बता कर खारिज कर दें | लेकिन यह सब को पता है कि 20 नवम्बर को शरद पवार जब संसद भवन स्थित प्रधानमंत्री के कक्ष में मिले थे तो 40 मिनट तक क्या हुआ होगा | ख़ास तौर पर जब भाजपा के रणनीतिकार अमित शाह भी बैठक में मौजूद हों |
अपन लगातार इस मुद्दे पर लिखते रहे हैं कि 20 नवम्बर की बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बात हुई थी | यह भी लिखा था कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें केंद्र में सुप्रिय सुले के लिए मंत्री पद और महाराष्ट्र में साझा सरकार की पेशकश की गई थी और शरद पवार ने मना कर दिया | लेकिन शरद पवार इस से इनकार करते रहे थे | अब शरद पवार ने जितना खुलासा किया है , वह भी एकतरफा है , उन्होंने आधी बात बताई है , आधी नहीं बताई , वैसे राजनीति में ऐसा ही होता है | हर राजनीतिग्य अपने पक्ष वाली बात ही बताता है , लेकिन दूसरे पक्ष की बात नहीं बताता और शरद पवार तो राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी हैं | उन्होंने इन खबरों के बाद मोदी की पेशकश का खुलासा किया है जिन में कहा गया है कि केंद्र सरकार अब शरद पवार और अजित पवार के खिलाफ केन्द्रीय जांच एजेंसियों को सक्रिय करेगी |
पहले यह समझ लें कि शरद पवार ने पुणे में मराठी न्यूज चेनल एबीपी को दिए इंटरव्यू में कहा क्या | उन्होंने कहा कि वह तो मोदी से किसानों की समस्याओं को लेकर मिलने गए थे , जब किसानों के मुद्दे पर बात खत्म हो गई तो वह चलने के लिए उठ गए थे , तब मोदी ने उन्हें बैठने और मिल कर काम करने के लिए कहा | मोदी ने कहा कि वह उन के राजनीतिक अनुभव का देश के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं | केंद्र और राज्य दोब्नों जगह भागेदारी हो सकती है | शरद पवार के मुताबिक़ मोदी ने सीधे सीधे सुप्रिया सुले को केंद्र में मंत्री पद और महाराष्ट्र में साझा सरकार की पेशकश की थी , लेकिन उन्होंने यह कह कर असमर्थता प्रकट कर दी कि उन की राजनीतिक प्रतिबद्धता दूसरी ओर है | शरद पवार ने इस मौके पर मोदी से यह भी कहा कि उन के व्यक्तिगत सम्बन्ध अपनी जगह है | शरद पवार ने यह कह कर मोदी पर तंज कसा था क्योंकि चुनावों के दौरान मोदी ने अपने भाषणों में सिर्फ और सिर्फ पवार को ही निशाने पर रखा था | चुनाव के दौरान ही उन्हें ईडी जांच की सूची में भी शामिल किया गया था |
शरद पवार ने जो बात नहीं बताई वह महाराष्ट्र में हर राजनीतिग्य जानता है कि शरद पवार अपनी बेटी के लिए कृषि मंत्रालय और केबिनेट रैंक चाहते थे , इसी तरह महाराष्ट्र में भी उन की शर्त फडणविस की जगह किसी मराठा को मुख्यमंत्री बनाने की थी | मोदी और अमित शाह ने सही समय पर जवाब देने की बजाए दो दिन बाद उन के भतीजे अजित पवार को पटा कर सरकार बना ली , यह एक तरह से शरद पवार को चुनौती थी | इस चुनौती को स्वीकार करते हुए शरद पवार ने हर हालत में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनवाने की ठान ली और सोनिया गांधी को राजी किया | अब अगर केंद्र सरकार उन के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई तेज करवाती है , तो उसे राजनीतिक विद्वेष ही माना जाएगा | शरद पवार ने भी महाराष्ट्र सरकार से मोदी और अमित शाह पर हमले तेज करवा दिए हैं , पहला हमला फडणविस सरकार की ओर से गुजरात की एक कम्पनी को दिए गए 321 करोड़ रूपए के कांट्रेक्ट को रद्द करवाना है | दूसरा हमला जस्टिस लोया की मौत की जांच नए सिरे से करवाने का होगा |
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