न्यूज़ीलैंड से आतंकवाद की नई शुरुआत

Publsihed: 04.Sep.2021, 09:37

अजय सेतिया / अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद पूरी दुनिया के इस्लामिक कट्टरपंथियों के हौंसले बुलंद हो गए हैं | ताज़ा घटना न्यूजीलैंड की है, जहां तीन सितंबर को सुबह आईएस आईएस के एक आतंकवादी ने एक माल में घुस कर छुरे से छह लोगों को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया , जिन में से एक की मौत हो गई और दो मौत से जूझ रहे हैं | जब न्यूजीलेंड जैसे यूरोप के दूर दराज देश में मुस्लिम कट्टरपंथियों के होंसले बुलंद हो चुके हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि एशियाई देशों में आंतकवादी आने वाले दिनों में कैसा कहर बरपाएंगे | न्यूजीलैंड की घटना से पूरे यूरोप में मुस्लिम कट्टरपंथियों की ओर से आतंकवादी वारदातें बढने की आशंका व्यक्त की जा रही है | न्यूजीलेंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने शुक्रवार सुबह खुद मीडिया के सामने घटना के तथ्य रखते हुए कहा कि एक हिंसक कट्टरवादी ने ऑकलैंड के न्यू लिन उपनगर के लिनमॉल शॉपिंग सेंटर में आतंकवादी हमला किया | वह श्रीलंका का मुस्लिम नागरिक था और 10 साल से न्यूजीलेंड में रह रहा था |  पुलिस की उस पर पहले से नजर थी , क्योंकि वह आईएस आईएस समर्थक हरकतें करता रहा था | इस लिए उस की ओर से आतंकवादी वारदात किए जाने के 60 सेकिंड के अंदर उसे गोलियों से भून दिया गया | पहले से नजर रखे होने के बावजूद पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था , क्योंकि उस के खिलाफ कोई सबूत नहीं था | प्रधानमंत्री को जवाब देना पड़ा की जब उस पर निगरानी रखी गई थी तो उसे भीड़ भाड वाले क्षेत्र में क्यों आने दिया गया |
 
हालांकि न्यूजीलैंड की घटना में आईएसआईएस के आतंकी का जिक्र आया है , लेकिन दुनिया भर के सभी मुस्लिम कट्टरपंथियों  का एक ही लक्ष्य है , और वह है गैर मुस्लिमों यानी काफिरों का कत्ल-ए-आम | ओसामा बिन लादेन के जिस आतंकी संगठन अल कायदा ने अमेरिका के ट्विन टावर पर हमला किया था , उस ने अपनी आतंकी गतिविधियाँ फिर से शुरू कर दी हैं | अमरीका विफल हो कर लौटा है क्योंकि अल कायदा तो फिर से लौट आया है , जो ट्विन टावर जैसी घटनाओं की तैयारी कर रहा है | फिलहाल अल कायदा अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी पर कब्जा करने के लिए तालिबान की मदद करने पहुंच गए है , क्योंकि तालिबान कमजोर पद रहा है | पंजशीर घाटी तालिबान का डट कर मुकाबला कर रही है , मसूद और सालेह की जोड़ी ने तालिबान को नाको चने चबा दिए हैं | तालिबान भ्रामक खबरें फैला कर पंजशीर के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है | उस ने मसूद और सालेह के मरने की झूठी खबर फैलाई |
 
सिर्फ पंजशीर नहीं अलबता अफगानिस्तान के कंधार और काबुल जैसे बड़े शहरों में महिलाएं भी अपने अधिकारों के लिए सडकों पर उतरी हैं | लेकिन जैसे कि अपन पाकिस्तान और चीन की तालिबान समर्थक नियत बताते रहे हैं | पाकिस्तान ने शुक्रवार को ब्रिटेन के सामने तालिबान सरकार को मान्यता देने की बात रख कर साफ़ कर दिया कि वह तालिबान सरकार को मान्यता दिलाने के लिए लाबिंग करेगा | हालांकि ब्रिटेन ने पाकिस्तान को डांट दिया | पाकिस्तान ने अपनी नियत फिर स्पष्ट कर दी , जब उस ने ब्रिटेन के सामने अफगानिस्तान से ज्यादा कश्मीर का मुद्दा उठाया |
अपन ने बृहस्पतिवार को चीन , रूस और पाकिस्तान के तालिबान को समर्थन की बात लिखी थी | जहां आईएमएफ समेत दुनिया भर की संस्थाओं और देशों ने अफगानिस्तान को दिए जाने वाले सारे फंड रोक दिए हैं , वहीं चीन ने तालिबान सरकार के विधिवत गठन होने से पहले ही आर्थिक मदद का आश्वासन दिया है, वैसे तालिबान ने भारत से भी आर्थिक मदद माँगी है , इस के साथ तालिबान के प्रवक्ता ने कश्मीर का मुद्दा मुस्लिम मुद्दा बता कर भारत के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है |

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