अधीर हैं अधीर रंजन चौधरी

Publsihed: 02.Apr.2021, 16:00

अजय सेतिया / तीसरा दौर आते आते बंगाल का चुनाव ज्यादा दिलचस्प हो गया है | मोदी और अमित शाह के जुमले तो चुनाव में दिलचस्पी ला रहे हैं , लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी को जुमले सिखाने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर के जुमले सूख गए हैं | प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि अच्छे दिन, चाय पर चर्चा और हर हर मोदी , घर घर मोदी का जुमला उन का बनाया हुआ था , जिस ने मोदी को वास्तव में घर घर पहुंचा कर उन्हें प्रधानमंत्री पद तक पहुंचा दिया था | अपने मुहं मियाँ मिठ्ठू बनने वाले इस प्रशांत किशोर को तब राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने लपक लिया था | लेकिन वह दोनों की खाट खडी कर के मुहं छुपा कर नीतीश कुमार की शरण में चले गए थे , वहां भी वह मियाँ मिठ्ठू बनने लगे तो निकाल बाहर किए गए | इस बीच चन्द्र शेखर राब और जग्गन रेड्डी के लिए काम करने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर ने इस बार ममता दीदी को फांस लिया था | दीदी से करोड़ों करोड़ों रूपए ऐंठने के बाद भी उन्हें कोई ऐसा जुमला नहीं थमा सके कि जिस के सहारे वह चुनाव की नैय्या पार करती दिखती | असल में वह खुद ही अपने एक जुमले में फंस गए हैं कि भाजपा ने सौ सीटें जीत लीं तो वह प्रोफेशन छोड़ देंगे |

इधर मोदी और शाह हर रोज नए आकर्षक जुमले ले कर दीदी की नींद हराम किए हुए हैं | मोदी ने तीन बार दीदी ओ दीदी कह कर ममता को इतना परेशान कर दिया था कि उन्हें चुनाव आयोग के सामने जा कर रोना पड़ा | अब नंदीग्राम में वोटिंग खत्म होते ही मोदी ने तमिलनाडू से दीदी पर एक जुमला फैंक कर उन की नींद हराम कर दी | दीदी उस की शिकायत भी चुनाव आयोग को कर आई हैं कि मोदी ने आचार सहिंता का उलंघन किया है | असल में मोदी राजनीतिक हवा बनाने में माहिर हैं , इस से पहले कि ममता अपनी जीत का दावा करती , मोदी ने तमिलनाडू के मच से ही पूछ लिया -“ दीदी क्‍या आप किसी अन्‍य सीट से नामांकन फाइल करने जो रही हैं | पहले आप नंदीग्राम गई और लोगों ने आपको जवाब दे दिया है |” ममता को मोदी का जवाब देने में भी 24 घंटे लग गए , पता नहीं प्रशांत किशोर को भी वक्त पर कोई सलाह देना क्यों नहीं सूझ रहा | 24 घंटे बाद कूचबिहार जा कर ममता ने नंदीग्राम में जीतने का दावा किया |

असल में ममता मोदी से ज्यादा अमित शाह से परेशान हैं , वह हर दूसरे दिन कोई नया जुमला लेकर बंगाल पहुंचे होते हैं | अमित शाह का अब नया जुमला यह है कि दीदी 3 टी मॉडल पर सरकार चला रही हैं- तानाशाही, टोलाबाजी और तुष्टीकरण | जबकि मोदी  3 वी पर सरकार चलाते हैं- विकास, विश्वास और व्यापार | ममता ने प्रशांत किशोर को ऐसे ही जुमले गढने के लिए करोड़ों रूपए का ठेका दिया था , पर उस से अच्छी तो महुआ मोइत्रा निकली , जिस ने मोदी को पहले ही जवाब दे दिया था कि दीदी दूसरी सीट पर चुनाव जरुर लड़ेंगी , लेकिन वह सीट वाराणसी होगी | हालांकि मोदी ने इस चुनौती को कबूल कर लिया तो महुआ और ममता दोनों मुह छुपाती फिरेंगी | पर मोदी की तरफ से ममता के समगौत्र गिरिराज सिंह ने तुरंत जवाब दे दिया | उन्होंने कहा-“ 'बनारस में मोदी जी को चुनौती देना ममता दीदी और उनके कुनबे के बस की बात नहीं है | समगोत्री होने के नाते, एक बार मेरे ख़िलाफ़ कोशिश कीजिए | ”

पर अब अपन असली मुद्दे पर आते हैं | दो दौर के चुनाव में मोदी और अमित शाह भाजपा के पक्ष में हवा बनाने में कामयाब हो चुके हैं | तीसरे दौर में एक तिहाई सीटों का चुनाव हो चुका होगा | एक तिहाई का अंदरुनी आकलन करने के बाद भाजपा के नेता बंगाल में सरकार बनने की सम्भावनाओं पर गम्भीरता से सोचना शुरू करेंगे | अंदरुनी सूत्र बता रहे हैं कि 30 प्रतिशत मुस्लिम वोटों का ध्रुविकरण हो गया है और 70 प्रतिशत हिन्दू वोट हर जगह बंटे हुए हैं , जो भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं है | बाकी के छह दौर के चुनाव में हिन्दू वोटों का ध्रुविकरण न हुआ तो भाजपा बहुमत से दूर होगी | त्रिशंकू जनादेश किसी के काम का नहीं होगा | हालांकि माकपा-कांग्रेस को ज्यादा सीटें नहीं मिलनी , फिर भी त्रिशंकू की हालत में उन की भूमिका अहम होगी | अपन बार बार लिखते रहे हैं कि यह गठबंधन बाद में टूटेगा क्योंकि ममता को समर्थन देने का सोनिया का आग्रह वामपंथी नहीं मानेंगे | वामपंथी क्या खुद कांग्रेसी विधायक नहीं मानेंगे | लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी तो कतई नहीं मानेंगे | सोनिया राहुल की बात मानने की बजाए , वह कांग्रेस विधायकों को साथ ले कर भाजपा से जा मिलेंगे | जब अपन यह लिख रहे हैं तो याद करिए अभी अभी सम्पन्न हुए संसद सत्र में अपने भाषण से पहले मोदी ने कितने प्यार से अधीर रंजन को दादा कहते हुए उन का हालचाल पूछा था |  

 

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