कोरोनावायरस में शर्मसार करने वाली खबरें

Publsihed: 02.Apr.2020, 16:18

अजय सेतिया / यह खबर शर्मसार करने वाली है कि 22 मार्च को जिन डाक्टरों , नर्सों , पुलिसकर्मियों के सेवाभाव के लिए सारा देश तालियाँ बजा रहा था , उन्हीं के साथ कुछ लोग दुर्व्यवहार कर रहे हैं |आप अंदाज लगाईए कि भारतीय जन मांस की सेवा में लगे 50 डाक्टर और नर्सें खुद कोरोना वायरस के शिकार हो चुके हैं | कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार 13 मार्च से सारे देश वासियों को सावधान कर रही है | अगर सरकार की बताई एहतियातों का पालन नहीं कर के कोई कोरोना वायरस से पीड़ित हो जाता है , तो डाक्टर उन्हें बचाने की कोशिश ही तो कर सकते हैं , बचाने की गारंटी तो नहीं ले सकते | आप की गलती का फल आप ही भोगेंगे , डाक्टर पर गुस्सा निकालने का क्या फायदा, आप को बचाने के लिए वे खुद मौत से जूझ रहे हैं |

अब तबलीगी जमात को भी कितना समझाया था | टीवी चेनलों पर वह वीडियो दिखाया जा चुका है जिसमें 23 मार्च को निजामुद्दीन थाने का थानेदार तबलीगी जमात के हेड और अन्य चार मुआज्जिज मुल्लाओं को समझाते हुए  पूछ रहे हैं कि अब बिल्डिंग में कितने लोग बचे हैं ,उन्हें बताया जाता है कि 2500 आए थे ,1500 जा चुके ,अब 1000 बचे हैं |दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 10 दिन बाद 2 अप्रेल को सभी को बिल्डिंग से निकाले जाने के बाद बताया कि 36 घंटे का सघन अभियान चलाकर सुबह चार बजे पूरी बिल्डिंग को ख़ाली करा लिया गया है | इस इमारत में कुल 2361 लोग निकले गए इसमें से 617 को अस्पताल में और बाक़ी को क्वारैन्टाइन में भर्ती कराया गया है |यानी कितना बड़ा झूठ बोला गया था |

देश भर में वापस जा चुके 5000 लोग अलहदा हैं,जिन में छह की मौत हो गई है ,कुछ अस्पतालों में भर्ती है और बाकी सब को राज्य सरकारें ढूंढ ढांढ कर जबरदस्ती क्वारैन्टाइन  में भेज रही है|क्वारैन्टाइन में भेजे गए तबलिगियों की हरकतें भी इसी समाज को शर्मसार करने वाली हैं | पहले दिन यह खबर आई थी कि जिन लोगों को बसों में भर कर क्वारैन्टाइन के लिए ले जाया जा रहा था , उन्होंने पुलिस कर्मियों और डाक्टरों पर थूकना शुरू कर दिया था | एक आध शरारती तत्व ने इसी हरकत की होती तो नजरअंदाज की जानी चाहिए , लेकिन उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार का खुलासा शर्मसार करने वाला है|

तबलीगी जमात निज़ामुद्दीन के 167 लोग बुधवार रात 9 बजकर 40 मिनट पर तुगलकाबाद क्वारैन्टाइन सेंटर भेजे गए थे | इन लोगों ने कर्मचारियों के साथ बुरा व्यवहार किया और डॉक्टरों समेत अन्य लोगों पर थूकना शुरू कर दिया|बृहस्पतिवार  सुबह खाने पीने की अनुचित मांग करते हुए  क्वारैन्टाइन सेंटर के कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया, वहां काम करने वाले सभी लोगों और डॉक्टरों पर थूकना शुरू कर दिया और अपने बिस्तर छोड़ कर हॉस्टल बिल्डिंग में घूमने लगे | ये सभी लोग धार्मिक माने जाते हैं , इन का काम इस्लाम की शिक्षाओं का प्रचार प्रसार करना है , जो कुछ इन्होने किया वह किसी भी धर्म में शिक्षा का हिस्सा नहीं हो सकता |

मौलाना साद निजामुद्दीन थाणे की उस बैठक में शामिल थे , जिस में जमात मुख्यालय में रुके हुए लोगोंकी तादाद 1000 बताई गई थी | उन्हीं मौलाना साद का वह आडियो भी लीक हो चुका है जिस में वह तबलीगियों को सम्बोधित करते हुए कह रहे हैं कि कोरोनावायरस के नाम पर मुसलमानों को मस्जिद आने और मिल कर रहने से रोका जा रहा है | अब सब भंडा फूटने के बाद वह वीडियो जारी कर अपील कर रहे हैं कि मुसलमान घरों में ही नमाज पढ़ें ,मस्जिदों में जाएं और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार के आदेशों का पालन करें |

पुलिस ,प्रशाशन और गुप्तचर एजेंसियों की नाकामियाँ तो जग जाहिर हो ही चुकी हैं|समुदाय विशेष की हमेशा वकालत करते रहने वाले तथाकथित बुद्धिजीवी प्रशाशन की इन्हीं नाकामियों को आधार बना कर तबलीगी जमात का बचाव कर रहे हैं | लेकिन शाहीन बाग़ के धरने का समर्थन करने आए सभी फ़िल्मी कलाकारों के मुहं में दही जम गया है , वे तबलीगी जमात की उस कोताही की निंदा में एक शब्द नहीं बोल रहे , जिस के कारण कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या में एक दम उछाल गया है|

 

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