शाहीन बाग़ बनाम जय श्री राम

Publsihed: 03.Feb.2020, 22:58

अजय सेतिया / दिल्ली में मुकाबला अमित शाह बनाम केजरीवाल हो गया है | भाजपा तो क्या कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीन्द्वार घोषित नहीं किया | भाजपा की तरफ से तो इस बार अमित शाह चुनाव लड रहे हैं , पर कांग्रेस की तरफ से न सोनिया गांधी चुनाव लड रही हैं न उन का पुत्र राहुल गांधी | क्योंकि भाजपा के दूसरे नम्बर के नेता अमित शाह ने मूंछ का सवाल बना लिया है , इसलिए भाजपा मुकाबले पर आ कर खडी हो गई है | अमित शाह के बाद योगी आदित्या नाथ ने दिल्ली में आ कर शाहीन बाग़ बनाम जय श्री राम कर दिया है | इधर योगी ने शनिवार को अपनी रैलियों में जय श्री राम का उद्घोष किया और उधर इतवार को जयश्री राम के नारे लगाती भीड़ शाहीन बाग़ पहुंच गई | धरने के खिलाफ जनता का आक्रोश बढना शुरू हो गया है , जिस से दिल्ली की हवा ध्रुविकरण की ओर बढ़ रही है | इस का नुक्सान आम आदमी पार्टी को दिखने लगा है ,इसलिए उस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि योगी को प्रचार करने से रोका जाए |

आम आदमी पार्टी को कई दिन से यह अहसास था कि शाहीन बाग़ का धरना आखिर में उन के जी का जंजाल बन जाएगा | इस लिए मनीष सिसोदिया सिर्फ एक बार गए और केजरीवाल तो एक बार भी नहीं गए | दूसरी तरफ कांग्रेस की सारी उम्मींद शाहीन बाग़ के धरने से निकलने वाले मुस्लिम वोटो पर टिकी है | इस लिए कांग्रेस ने अपनी सारी ताकत शाहीन बाग़ में झोंकी हुई है | सोनिया और राहुल गांधी को छोड़ कर बाकी सभी बड़े नेता शाहीन बाग़ हो आए हैं | अमरेन्द्र सिंह ने पंजाब से सिख भेज कर धरने पर बिठा दिए | पर कांग्रेस यह अच्छी तरह जानती है कि मुस्लिम वोटर उन के नेताओं से कहीं ज्यादा बुद्धिमान है , उस का झुकाव भले ही कांग्रेस की तरफ हुआ है , पर आखिर में जब उसे लगेगा कि कांग्रेस अखाड़े में ही नहीं है तो वह भाजपा को हराने के लिए केजरीवाल को ही वोट देगा | इस लिए कांग्रेस आखिरी हथियार के तौर पर मुसलमानों को उकसा रही है कि केजरीवाल अगर उन के समर्थक होते तो वह खुद आ कर धरने पर बैठते |

यह कह कर कांग्रेस अपनी हार तो मान ही चुकी है कि उस की मदद के बिना सरकार नहीं बनेगी | कांग्रेस के बड़े नेता पीसी चाको ने यह बिना झिझक कहा है कि कांग्रेस निर्णायक भूमिका में होगी | हालांकि कांग्रेस के कई बड़े नेता निजी बातचीत में यह कहते सुने जा सकते हैं कि इस बार भी कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगा | अगर उन की बात सच निकलती है , तो फिर त्रिशंकू विधानसभा का तो कोई सवाल ही नहीं | वैसे इस में भी कोई शक नहीं कि कांग्रेस के दो-चार उम्मीन्द्वार जीते और 2014 की तरह केजरीवाल की नैया मझधार में खडी हुई , तो कांग्रेस उस की मदद करेगी | वह भाजपा की मदद तो करने से रही | लेकिन केजरीवाल की मुसलमानों के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठा कर कांग्रेस नेतृत्व अभी तक कन्फ्यूज है कि उसे भाजपा को हराने के लिए काम करना चाहिए या आम आदमी पार्टी को हराने के लिए |

मुस्लिम वोटरों को आख़िरी समय तक अपने साथ बनाए रखने के लिए कांग्रेस केजरीवाल को बेनकाब करना चाहती है | इसलिए कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने केजरीवाल पर नरम हिंदुत्व की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि वह नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी पर अपना रुख साफ़ करें | हालांकि कांग्रेस ने खुद गुजरात विधानसभा चुनाव में सॉफ्ट हिंदुत्व अपनाया था | केजरीवाल उन की बातों में नही आने वाले , वह सोनिया-राहुल से कहीं ज्यादा चालाक हैं , उन्हें पता है कि भाजपा को हराने के लिए  मुस्लिम वोट उसी के पास आना है | लेकिन कई दिन पहले वह भी भांप चुके थे कि शाहीन बाग़ का धरना उन की पांच साल की सारी कमाई डुबो देगा , इसलिए उन्होंने धरना विरोधी हिन्दुओं को समर्थन देते हुए अमित शाह से अपील की थी कि वह धरने पर बैठे लोगों से बातचीत कर के धरना खत्म करवाएं | अमित शाह ने उलटे गेंद केजरीवाल की तरफ फैंक कर कहा था कि वह खुद शाहीन बाग़ जा कर धरना बंद करवाएं |

पीसी चाको की यह बात तो सोलह आने सच है कि केजरीवाल शाहीन बाग़ इस लिए नहीं जा रहे क्योंकि वह हिन्दू वोटरों की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहते , उन के शाहीन बाग़ जाने से ध्रुविकरण और तेज होगा , जिस का अल्टीमेट फायदा भाजपा को होगा | भाजपा और कांग्रेस दोनों उन पर यही सवाल दाग रहे हैं |

 

 

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