इमरान के चक्रव्यूह में नहीं फंसेगी कांग्रेस 

Publsihed: 01.Oct.2019, 00:56

अजय सेतिया / पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सोची समझी रणनीति के तहत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , भाजपा और आरएसएस के खिलाफ उसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं , जो इन तीनो के खिलाफ कांग्रेस करती है या करती रही है | इमरान खान ने अपनी बात को प्रभावशाली बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में दिए भाषण में भी कांग्रेस का जिक्र किया था , जब उन्होंने कहा- 'पिछली कांग्रेस सरकार के गृहमंत्री ने कहा था कि आरएसएस के कैंपों में आतंकी बनने की ट्रेनिंग दी जाती है।' यह जग जाहिर है कि तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने 2013 में कहा था कि उनके पास इस बात की रिपोर्ट है कि बीजेपी और संघ के ट्रेनिंग कैंप में हिंदू आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जाती है | अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और नरेंद्र मोदी की इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के आह्वान का जवाब देने के लिए इमरान ने हिन्दुओं को आतंकवादी ठहराने वाले कांग्रेस के बयान को ढाल के तौर पर इस्तेमाल किया |
पहले मणि शंकर अय्यर और बाद में नवजोत सिंह सिद्धू जैसे कांग्रेसी नेताओं ने अपनी और कांग्रेस की राजनीति के लिए पाकिस्तान के साथ प्यार की पींगें बधाई थीं | इमरान खान ने सिखों को भारत के खिलाफ भडकाने की पाकिस्तान की ट्रेक-2 रणनीति के अंतर्गत करतारपुर कारीडोर खोलने का फैसला किया था | भारत सरकार और विदेश मंत्रालय पाकिस्तान की इस साजिश को समझता था , इसलिए वह लम्बे समय से इसे ताल रहा था , अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए इमरान खान ने सिद्धू का इस्तेमाल किया , जो उस समय पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री थे | इमरान खान ने सिद्धू का इस्तेमाल क्रिकेट के दिनों की दोस्ती में बने सम्बन्धों का फायदा उठाते हुए किया | सिद्धू यह नहीं समझ पाए थे कि कूटनीति में किस प्रकार सम्बन्धों का इस्तेमाल किया जाता है , इस लिए वह  अपना राजनीतिक कैरियर लगभग खराब कर चुके हैं |   
करतारपुर कारीडोर खोलना पाकिस्तान की सोची समझी साजिश का हिस्सा है जिस का पहला मोहरा इमरान खान ने सिद्धू को बनाया था | अब दूसरा मोहरा मनमोहन सिंह को बनाने की कोशिश की , लेकिन कांग्रेस काफी सावधान हो चुकी है , क्योंकि पाकिस्तान भारत के खिलाफ हर चाल के लिए कांग्रेस के कन्धों का इस्तेमाल कर रहा है | इस से पहले संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में कश्मीर के सम्बन्ध में अपनी याचिका में भी पाकिस्तान ने राहुल गांधी के बयान का सहारा लिया था | बीबीसी वेबसाईट की एक रिपोर्ट के आधार पर राहुल गांधी ने कह दिया था कि कश्मीर में लोग सडकों पर उतर आए हैं और सेना उन्हें गोलियों से भून रही है |
इस बार जब पाकिस्तान की तरफ से करतारपुर कोरिडोर के उद्घाटन के लिए मनमोहन सिंह को बुलाने की खबर आई तो कांग्रेस ने तुरंत खंडन किया | राज्यसभा के सदस्य बनने के बाद फिर से सक्रिय हो चुके मनमोहन सिंह ने खुद कहा कि उन्हें कोई न्योता नहीं मिला है | कांग्रेस ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर न्योता आता है तो स्वीकार नहीं किया जाएगा | बल्कि मोदी की तरफ गुगली फैंकते हुए गुलामनबी आज़ाद ने यहाँ तक कहा कि अपने दस साल के प्रधानमंत्रित्व काल में मनमोहन सिंह एक बार भी पाकिस्तान नहीं गए | यह इस लिए कहा गया , क्योंकि मोदी बिना आधिकारिक बुलावे के 2015 में नवाज शरीफ को मिलने लाहौर चले गए थे | कांग्रेस ने संयुक्त राष्ट्र में दिए गए मोदी के भाषण की भी तारीफ़ की है , जिस में उन्होंने पाकिस्तान या कश्मीर का जिक्र तक नहीं किया | कांग्रेस कम से कम विदेश नीति के मामले में अपनी गलतियों से सीख रही है | 

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