अजय सेतिया/ भारतीय राजनीति में इतना घालमेल होता है कि आम आदमी की याददास्त कमजोर हो जाती है | इस लिए अपन याद दिला दें कि पी.चिदंबरम मंगलवार की शाम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर क्यों लापता हो गए और सीबीआई ने क्यों उन के घर पर लुक औउट नोटिस लगा दिया | पर इस से पहले याद दिला दें कि जब वह गृहमंत्री थे , तो कैसे उन्होंने तब के गुजरात के गृह मंत्री और आज देश के गृहमंत्री अमित शाह पर झूठे केसों में फंसा कर अपने अदालती सम्पर्कों के सहारे उनके गुजरात में प्रवेश पर रोक लगवा दी थी | पर उसी कांग्रेस राज में अमित शाह पर लगाए गए सारे आरोप गलत, झूठे और राजनीतिक साबित हुए |
पर पी. चिदंबरम पर आरोप भारत के मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह ने नहीं लगाए, न ही नरेंद्र मोदी ने लगाए हैं , जिन्हें देश का गृहमंत्री होते हुए पी.चिदम्बरम ने सारी राजनीतिक मर्यादायों को ताक पर रख कर सीबीआई से झूठे केस में फंसाने की कोशिश की थी | चिदम्बरम पर आरोप उन्हीं के मंत्री रहते हुए उन्हीं की सरकार के दौरान सीबीआई और आईडी ने लगाए थे | इस लिए राजनीतिक तौर पर अपरिपक्व कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी का यह आरोप हास्यस्पद है कि उन्हें राजनीतिक विद्वेष के कारण परेशान किया जा रहा है | सारा देश यह जान्ने को आतुर है कि मनमोहन सिंह सरकार में किस किस मंत्री ने कितना लूटा और उस का हिस्सा खान खान पहुंचता रहा है | चिदम्बरम के बाद कमल नाथ की बारी भी आने वाली है , जिन का भांजा रतुल पुरी तो अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में गिरफ्तार कर ही लिया गया है | कमल नाथ पर भी उन के केन्द्रीय मंत्री रहते हुए घोटालों की गाज गिरने वाली है |
असल में पी. चिदम्बरम के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया घोटाले का मामला 2007 में सामने आया था , तब वह वित्त मंत्री थे | हुआ यह कि आईएनएक्स मीडिया ने 13 मार्च 2007 को 4.62 करोड़ विदेशी निवेश और अन्य स्रोतों से 350 करोड़ डाऊन स्ट्रीम इन्वेस्टमेंट लाने के लिए इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) आवेदन किया था | यह इन्वेस्टमेंट मोरीशश से तीन कम्पनियों से आनी थी | एफआईपीबी की मंजूरी के लिए आईएनएक्स मीडिया के मालिक पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी ने पी.चिदंबरम से मुलाकात की थी, ताकि उनके आवेदन में किसी तरह की देरी ना हो | ऍफ़आईपीबी ने 30 मई 2007 को 4.62 करोड़ के विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी , लेकिन डाऊन स्ट्रीम इन्वेस्टमेंट का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया , क्योंकि क़ानून उस की इजाजत नहीं देता था | इस के बावजूद पी.चिदम्बरम के आशीर्वाद से आईएनएक्स ने 4.62 करोड़ की मंजूरी के बदले 305 करोड़ का विदेशी निवेश लिया और 26 करोड़ रुपए डाऊन स्ट्रीम इन्वेस्टमेंट भी लिया |
जब आयकर विभाग ने 26 मई 2008 को नोटिस जारी किया , तो इन्द्रानी मुखर्जी ने फिर पी. चिदम्बरम से मुलाक़ात की , तब उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम ने आयकर अधिकारियों से मुलाक़ात कर मामला रफा दफा करवाने का दबाव डाला | डेढ़ महीने बाद 15 जुलाई 2008 को आईएनएक्स ने कार्ति चिदम्बरम की कम्पनी एडवांटेज स्ट्रेटजिक कंसलटिंग को 10 लाख रूपए अदा किए | अब सरकारी गवाह बन चुकी इन्द्रानी मुखर्जी ने कहा है कि पी. चिदम्बरम ने 10 लाख रूपए की मांग की थी | सीबीआई इस मामले में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को भी गिरफ्तार कर चुकी है जो कथित तौर पर दलाल की भूमिका में था , वह फिलहाल जमानत पर हैं और कांग्रेस का ही लोकसभा सदस्य है | चिदंबरम को बार बार की अग्रिम जमानत के कारण अदालत की छवि भी बिगड़ रही थी | आखिर मंगलवार को हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया | सुप्रीमकोर्ट भी राहत देता दिखाई नहीं देता क्योंकि कपिल सिब्बल , सलमान खुर्शीद और विवेक तनखा की लाख कोशिशों के बावजूद बुधवार को भी सुप्रीम कोर्ट टस से मस नहीं हुई | सिब्बल की यह दलील भी बेकार गई कि चिदम्बरम कहीं भाग नहीं रहे , जो सीबीआई ने उन के घर पर नोटिस चिपका दिया है |
खबर तो यहाँ तक है कि चिदम्बरम के खिलाफ कई केस खुलने वाले हैं , जिन में से एक तो पनामा पेपर लीक का ही है , जिस में खुलासा हुआ था कि चिदंबरम किस तरह बड़ी कम्पनियों से अपने पारिवारिक ट्रस्ट प्लानिप्पा चेरिटेबल ट्रस्ट में बड़ी बड़ी रकमें लेते थे | चिदम्बरम और उन के बेटे की विदेशों में फ़ैली अर्बोब रूपए की सम्पत्ति की सूची तो कई दिनों से सोशल मीडिया पर भी घूम रही है |
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