कसाब के साथ पुरोहित भी पाक में मोस्ट वांटेड

Publsihed: 13.Feb.2009, 07:21

चौदहवीं लोकसभा का आखिरी सैशन शुरू हुआ। तो कम से कम एक मुद्दे पर कांग्रेस को राहत मिली। राष्ट्रपति का अभिभाषण खत्म ही हुआ था। पाक के होम मिनिस्टर रहमान मलिक ने मान लिया- 'मुंबई में हुए आतंकी हमले के तार पाक से जुड़े थे।' पर स्लीपिंग सेल भारत में भी थे। तार तो आस्ट्रिया, स्पेन, इटली से भी जुड़े थे। एफआईआर दर्ज करने और छह गिरफ्तारियों का भी खुलासा किया। सो सरकार दबाव की रणनीति से सफलता पर गदगद। अब विपक्ष के हमले भी उतने धारदार नहीं रहेंगे। होम मिनिस्टर के बाकी खुलासों की बात अपन बाद में करेंगे। पहले बात राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के अभिभाषण की। सवा घंटे का अभिभाषण बेहद फीका रहा। इतना काफी नहीं था। सो अपने उपराष्ट्रपति ने हिंदी की टांग तोड़ी। परंपरा- अंग्रेजी और हिंदी में अभिभाषण की। अपन को बीस साल का इतिहास तो याद। वेंकटरमण अंग्रेजी में बोलते। तो शंकर दयाल शर्मा हिंदी में। शंकर दयाल राष्ट्रपति बने। तो उपराष्ट्रपति केआर नारायणन अंग्रेजी में बोलते। नारायणन राष्ट्रपति बने। तो उपराष्ट्रपति कृष्ण कांत हिंदी में बोलते। अबके प्रतिभा पाटील हिंदी में बोलती। तो हामिद अंसारी का अंग्रेजी में ठीक रहता। सुषमा स्वराज ने सलाह भी दी थी। पता नहीं, प्रणव दा नहीं माने, या प्रतिभा पाटील। पर हिंदी की टांग जमकर टूटी।

उनने दो पैराग्राफ बोले। एक शब्द का उच्चारण भी ठीक नहीं हुआ। अपनी सुषमा स्वराज को जितना एतराज हिंदी की टांग टूटने पर। उतना ही अभिभाषण पर। उनने अभिभाषण को नीरस, उबाऊ, असत्य का पुलंदा बताया। झूठ शब्द असंसदीय। सो उनने असत्य शब्द का इस्तेमाल किया। वैसे कुछ बातें तो सचमुच हास्यस्पद रही। जैसे- युवा अपने भविष्य को लेकर बेहद आशंकित। पर राष्ट्रपति ने आश्वस्त बोला। कुछ ऐसा ही हास्यास्पद दावा नेशनल हाईवे और स्वर्णिम चतुर्भुज का हुआ। अभिभाषण में बिना किराया बढ़ाए रेलवे की आमदनी बढ़ने का जिक्र। पर वास्तव में किराए बढ़ चुके। अब हर ट्रेन के आधे डिब्बे महंगी तत्काल सेवा में। वाजपेयी राज ने हर ट्रेन में एक डिब्बा तत्काल का जोड़ा। ताकि मरीजों वगैरह को एन वक्त रिजर्वेशन मिले। पर लालू ने तो धंधा बना लिया। अब सात दिन पहले तत्काल खत्म। आज फिर लालू बड़ी-बड़ी डींग हांकेंगे। लालू कहते नहीं थकते- 'मैं पाक में भी लोकप्रिय।' हां, अपन बात तो पाक की ही कर रहे थे। आखिर ना, ना करते पाक ने आतंकी हमले पर कार्रवाई शुरू की। रहमान मलिक ने कहा- 'भारत से मिली जानकारियां नाकाफी थी। पर हम नाकाफी बताते। तो हमारी नियत पर शक किया जाता। सो हमने उतनी जानकारियों पर जांच शुरू की।' जांच शुरू हुई रबड़ की बोट में लगे ईंजन से। दुकानदार पकड़ा गया। तो खरीददार का मोबाईल नंबर मिला। पर वह कट चुका था। फिर दूसरा मोबाइल नंबर मिला। तो तार एक बैंक में पहुंचे। हमाद अमीन सादिक काबू में आया। वह पैसा ट्रांसफर करता था। पाकिस्तान से पैसा इटली ट्रांसफर हुआ। फिर वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल मुहैया कराने वाला जावेद इकबाल धरा गया। उसने यह बंदोबस्त स्पेन में किया। स्पेन में तीन ई-मेल खाते भी खोले। आस्ट्रिया के सिमकार्ड भी जुटाए। खान, रियाज भी गिरफ्तार कर लिए। लश्कर का जरार शाह, जमात-उद-दावा का लखवी भी शिकंजे में। अबू हमजा और काफा भी काबू। पर अब तीस सवालों की गेंद भारत के पाले में। तीन बोटों पर नौ आतंकी कराची से चले थे। दसवां मुंबई से जुड़ा? क्या वह भारतीय था? इतनी बड़ी मात्रा में हथियार तीन बोटों में तो नहीं आए होंगे। कुछ सिम कार्ड भारत से खरीदे गए। क्या स्लीपिंग सेल का काम कर रहे थे? पाक ने मुंबई हमले और समझौता एक्सप्रेस के तार भी जोड़ दिए। मलिक ने कहा- 'मैं नहीं कहता, करकरे ने कहा था- कर्नल पुरोहित ने समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट कराए।' सो अब कर्नल पुरोहित पाक में मोस्ट वांटेड होंगे। साथ में अपने कब्जे वाला आतंकी कसाब भी। वह तो अब पाक समेत सोलह देशों में मोस्ट वांटेड।

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