आतंक-जंग के माहौल में जन्मदिन पर चुनावी वसूली

Publsihed: 25.Dec.2008, 06:15

अपन ने तेईस दिसंबर को जब लिखा- 'तेवर भी, तैयारियां भी, चुनावी फायदा भी।' तो अपन ने उसमें साफ लिखा था- 'शिवशंकर मेनन अखबारनवीसों से मुखातिब हुए। न तेवर दिखे, न तैयारियां।' अपन ने सही भांपा था। मंगलवार को ही मनमोहन सिंह ने कह दिया- 'जंग मुद्दा नहीं। मुद्दा आतंकवाद। जंग कोई नहीं चाहता।' पर राष्ट्रपति जरदारी-पीएम गिलानी का रवैया हाय तौबा मचाने का। बुधवार को उसका असर भी दिखा। जब नवाज शरीफ अपने कहे से पलट गए। पांच दिन पहले उनने कहा था- 'कसाब पाकिस्तानी ही है। मैंने खुद पता लगवा लिया।' पर जरदारी-गिलानी की मुहिम का असर हुआ। नवाज शरीफ ने बुधवार को यू टर्न ले लिया। बोले- 'भारत सबूत दे। तो मैं खुद जरदारी से कहूंगा- कार्रवाई की जाए।' अपन को जैसा शक था। हू-ब-हू वही हुआ। नवाज ने अपने भाई की सरकार बचाने के लिए पलटी मारी होगी।

नवाज का भाई पंजाब का सीएम। जरदारी-गिलानी ने तो धमकी दी होगी। जरनल कियानी ने भी धमकाया होगा। यों भी जब जरदारी-गिलानी पलटी मार गए। तो नवाज शरीफ किस बाग की मूली। याद है- दोनों ने आईएसआई चीफ को भेजने का वादा किया था। पर जब आर्मी चीफ कियानी ने आंखें दिखाई। तो दोनों पलटी मार गए। हू-ब-हू वही अब नवाज शरीफ ने किया। भारत हो या पाकिस्तान। राजनीतिबाज दोनों देशों के एक से। चुनाव-कुर्सी-वोटबैंक के लिए कुछ भी करेंगे। अंतुले ने किस तरह छह दिन तक सरकार की भद पिटाई। वह तो अपन ने कल लिखा ही था। अपन अंतुले को मुस्लिम नेताओं का समर्थन भी बताते रहे। उन्हीं में से एक था जेडीयू का सांसद एजाज अली। अब बीजेपी पलटवार को तैयार। यों भी बीजेपी के जेडीयू से जार्ज के जमाने जैसे रिश्ते नहीं रहने। जार्ज की जद यू और शरद यादव की जेडीयू में बहुत फर्क। शरद को खुश करने के लिए एनडीए का वर्किंग कनविनर बनाया। पर शरद अपने नरेंद्र मोदी के घोर विरोधी। सो पटरी बैठनी नहीं। बुध को बीजेपी के पदाधिकारियों की मीटिंग हुई। तो जेडीयू के खिलाफ कड़े तेवर दिखे। एजाज अली के बयान को वाहियात कहा गया। बात राजनीति में वाहियाती की चली। तो बता दें- यूपी में तो हद ही हो गई। वैसे मायावती जब-जब सीएम बनी। वसूली का धंधा परवान चढ़ा। अपन बताते जाएं- फक्कड़ से अरबपति हो चुकी मायावती। चापलूस बसपाईयों के लिए मायावती का जन्मदिन चढ़ावे का पवित्र दिन। लोकसभा चुनाव से पहले का जन्मदिन और भी महत्वपूर्ण। पंद्रह जनवरी को होगा मायावती का जन्मदिन। सो बसपा के एमपी-एमएलए वसूली को निकल चुके। जितना बड़ा अफसर। उतनी ज्यादा उगाही। बसपा नेता किसी को नहीं छोड़ते। उद्योगपति से लेकर छोटे दुकानदार तक। पेट्रोल पंप से लेक ईंट भट्टे तक। मजाल किसी की, जो ना कर दे। दिल्ली में अपने पत्रकार मित्र हैं शरद गुप्ता। उनके चचेरे भाई हैं एमके गुप्ता। यूपी के औरैया में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर। बीएसपी एमएलए शेखर तिवारी ने पचास लाख की मांग रखी। तो गुप्ता के होश उड़ गए। उनने मना किया। तो एमएलए और उनके गुरगों ने पिटाई शुरू कर दी। अधमरा कर एमके गुप्ता को थाने में फेंक गए। पुलिस अस्पताल लेकर गई। तब तक इंजीनियर के प्राण पखेरू उड़ चुके थे। यों तो शुरूआती ना-नुक्कर के बाद एमएलए की गिरफ्तारी हो गई। पर मायावती बचाने का जुगाड़ कर ही लेंगी। सो कांग्रेस, बीजेपी, एसपी ने मोर्चा खोल लिया। मुलायम बोले- 'मंत्रियों से पांच से पंद्रह करोड़ वसूलने का लक्ष्य। विधायकों से दो करोड़ का लक्ष्य।' अभिषेक मनु सिंघवी बोले- 'जन्मदिन पर मायावती फूल-माला नही, इंसान की बलि मांग रही हैं।' पर मायावती से पहले आज अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन। जिनने मुंबई पर आतंकी हमले के खिलाफ जन्मदिन मनाने से इंकार कर दिया। पर फिक्की ऑडिटोरियम में शाम को होगी नृत्य नाटिका- शिखर- 'भावनाएं एवरेस्ट की।' जो वाजपेयी की कविताओं पर आधारित। वैसे तो कोई तुलना नहीं। पर कितना फर्क है दोनों के जन्मदिन में।

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