रोसैया के नाक में दम कर दिया कांग्रेसियों ने

Publsihed: 09.Jan.2010, 09:41

आंध्र में सोनिया के जन्मदिन पर लगी आग बुझी नहीं। वाईएसआर चंद्रशेखर समर्थकों का नया तांडव शुरू हो गया। यों खबर नई नहीं। पर आंध्र प्रदेश के चैनल ने नई बनाकर पेश कर दी। खबर दी- 'वाईएसआर की हैलीकाप्टर दुर्घटना एक साजिश थी। साजिश के पीछे काम कर रहा था रिलायंस का हाथ।' याद है मुकेश अंबानी को केजी बेसिन में गैस मिली थी। गैस के बंटवारे में मुकेश-अनिल की लड़ाई अभी भी कोर्ट में। पेट्रोलियम मंत्रालय तो मुकेश का मददगार। पर वाईएसआर की दलील थी- 'यह रिलायंस की नहीं। आंध्र प्रदेश की संपदा। सो आंध्र को भी हक मिले।' आखिरी दिनों में मुकेश- वाईएसआर के संबंध अच्छे नहीं थे। तो दुर्घटना करवाने की साजिश कैसे हुई। यह खबर आई है रूसी वेबसाईट 'दि एक्जाइल्ड' से।

जानकार बताते हैं- खबर दुर्घटना के वक्त भी आई थी। पर गुरुवार की रात एक चैनल ने नया खुलासा बताकर पेश किया ।  पर यह चैनल कौन सा। चैनल का मालिक कौन? वाईएसआर के बेटे जगनमोहन के चैनल साक्षी ने नहीं दी खबर। खबर दी है टीवी-5 चैनल ने। आंध्र में सब जानते हैं- चैनल में पैसा लगा है गाली जनार्दन रेड्डी का। गाली तेलुगू में वह नहीं होती। जिसे अपन हिंदी में समझते हैं। तेलुगू में गाली का मतलब है- हवा। यह गाली जनार्दन रेड्डी है कौन? कर्नाटक के वही भाजपाई मंत्री। जिनने कुछ दिन पहले येदुरप्पा के नाक में दम किया था। कर्नाटक के यह भाजपाई एमएलए-मंत्री आंध्र मूल के। अलबत्ता आंध्र की माइनिंग में वाईएसआर परिवार के पार्टनर। इसीलिए सोनिया ने आंध्र की अवैध माइनिंग की जांच शुरू कराई। रोसैया ने जांच सौंप दी है सीबीआई को। एक तीर से दो निशाने। आंध्र में जगनरेड्डी पर शिकंजा। कर्नाटक में येदुरप्पा पर निशाना। पर बात टीवी-5 खबर की। तो लोग कहते हैं- खबर टीवी-5 में दिखे या साक्षी में। बात एक ही। पर बात खबर के असर की। खबर आते ही वाईएसआर समर्थकों ने रिलायंस के खिलाफ हिंसा शुरू कर दी। पूरे प्रदेश में रिलायंस के ठिकाने निशाने पर। गुरुवार रात से शुरू हुए हमले। शुक्रवार दिनभर जारी रहे। रिलायंस का कोई दफ्तर हीं बचा होगा। जगह-जगह मुकेश अंबानी के पुतले जलाए गए। कई जगह सरकारी इमारतें और वाहन भी जलाए गए। रिलायंस ने मुंबई से बयान जारी करके सफाई दी- 'रिलायंस पर आरोप निराधार और बेतुका। हमें वाईएसआर की मौत का बेहद अफसोस। पर इस दुर्घटना से हमारा कोई लेना-देना नहीं।' पर क्या साजिश की अफवाहों पर नकेल लगेगी? दो-तीन सवाल वाईएसआर समर्थकों के जेहन में हमेशा रहेंगे। वाईएसआर के सुरक्षाकर्मी की जर्मन मेड 9 एमएम पिस्टल में तेरह गोलियां थी। पर जब पिस्टल मिली। तो उसमें छह गोलियां थी। पिस्टल का मैगजीन अब तक नहीं मिला। दुर्घटना की जांच सीबीआई के हवाले। पर सीबीआई को हेलीकाप्टर का वाइस रिकार्डर नहीं सौंपा गया। खैर बात मौत की साजिश पर नए बवाल की। अपन ने 26 दिसंबर को सही तो लिखा था- 'वाईएसआर की मौत के बाद आंध्र नित नए संकट में।' के रोसैया जबसे सीएम की कुर्सी पर बैठे। तब से टांग खिंचाई जारी। लॉ एंड आर्डर का तो बाजा बज गया। आंध्र के राजनीतिक गलियारों की सुगबुगाहट बताना भी जरूरी। पहली- तेलंगाना की आग भी जगनमोहन ने भड़काई। सोनिया के जन्मदिन पर तेलंगाना का ऐलान हुआ। तो जगनमोहन ने तेलंगाना विरोध का झंडा उठा लिया। सोनिया रायलसीमा के जगन को पैदल करने की फिराक में थी। पर जगन ने तेलंगाना विरोध का झंडा उठा बगावत कर दी। तो तटीय आंध्र और रायलसीमा के नेता हो गए। उनने बगावत कोई लुके-छिपे नहीं की। भरी संसद में नारे लगाए थे। याद है अपन ने 16 दिसंबर को लिखा था- 'मौका देख बगावती हो गए जगनमोहन रेड्डी।' खैर तेलंगाना की आग अभी धीमी नहीं हुई। अब दूसरी सुगबुगाहट- सोनिया के करीब हैं मुकेश अंबानी। सो आंध्र में वाईएसआर समर्थकों का निशाना बने हैं मुकेश। आंध्र की तो शायद साढे सति शुरू हो चुकी। हिंसा में सबसे  ज्यादा हिस्सा ले रहे हैं खुद कांग्रेसी। आंध्र के कांग्रेसी बाजी कैसे मार लें। तो अब महाराष्ट्र के कांग्रेसियों का भी खून खौलने लगा। विदर्भ के कांग्रेसियों ने भी अलग राज्य का झंडा उठा लिया। बंद-धरने-हिंसा बस शुरू होने ही वाली है।

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