भाजपा अध्यक्ष का पांच राज्यो की तैयारी का आह्वाण

Publsihed: 06.Jan.2017, 17:32

नई दिल्‍ली। दिल्ली मे आज से शुरु हुई भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी बैठक पार्टी अध्यक्ष  अमित शाह ने कहा सभी लोग पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हो जाएं. कार्यकारिणी से पहले राष्ट्रीय पदाधिकारियों और प्रदेश अध्यक्षो की बैठक दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुई. इस बैठक की अध्यक्षता बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने की.

बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी
कार्यकारिणी की शुरुआत अमित शाह ने इस बैठक की शुरुआत प्रदेश अध्यक्षों को संबोधित करके की।  इस बैठक का केंद्र बिंदु पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रणनीति तय करना रहेगा।

विपक्ष पर बोला गया हमला

बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बैठक से पहले हुई पदाधिकारियों की बैठक में शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई पर कई विपक्षी दल बाधा डाल रहे हैं। संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी जा रही है। इतना ही नहीं अमित शाह ने विपक्ष के इस रवैये को अलोकतांत्रिक करार दिया है। अमित शाह ने निकाय चुनाव की सफलता को केंद्र सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर बताया। उन्होंने नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक को केंद्र सरकार के दो प्रमुख फैसले बताया।

दुनियाभर में हो रही पीएम मोदी की चर्चा

अमित शाह ने कहा कि दुनियाभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की चर्चा हो रही है। संवैधानिक संस्थाओं और पार्टी दफ्तरों पर हमला वैचारिक रूप से लड़ पाने अक्षम लोगों की बौखलाहट बताया। बीजेपी नोटबंदी को काले धन के खिलाफ युद्ध बताकर इसके चुनाव में अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने का मन बना चुकी है। इतना ही नहीं पीओके में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक को भी चुनावी मुद्दा बनाकर बीजेपी भुनाने की तैयारी कर रही है।

पार्टी का पूरा फोकस विधानसभा चुनावों पर

दो दिन की बैठक में चुनाव में एजेंडे पर पार्टी का पूरा फोकस रहने वाला है, बीजेपी के लिए वैसे तो पांचों राज्यों के चुनाव जीतना महत्वपूर्ण है लेकिन उत्तर प्रदेश का चुनाव 2019 के लोकसभा चुनावों की दृष्टि से खासा महत्व रखता है इसलिए पार्टी उत्तर प्रदेश चुनाव को देखते हुए अपनी रणनीति तय करेगी।

कल पीएम मोदी भी करेंगे संबोधित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आखिरी दिन यानी 7 जनवरी को अपने भाषण में काले धन और भ्रष्टाचार को लेकर उठाए गए नोटबंदी के फैसले पर अपनी बात रख सकते हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा की गई जनहित के कार्यों की घोषणाओं की चर्चा भी कर सकते हैं, मोदी इस बात पर बल दे सकते हैं कि सभी को अपने अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों के बीच इन जनहित कार्यों के बारे में लोगों को बताना चाहिए।

 

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