सैनिको के खून की भद्दी राजनीति

Publsihed: 07.Oct.2016, 21:22

राहुल गांधी का बिना सोचे समझे उछाला गया खून की दलाली का जुमला भाजपा और कांग्रेस में भद्दी राजनीति का मुद्दा बन गया है. राहुल गांधी के जुमले को किसी अन्य राजनीतिक दल ने उचित नहीं माना. लालू यादव ने तो यहाँ तक कह दिया कि राहुल गांधी को बोलना नहीं आता. राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता दी.पी.त्रिपाठी ने कहा कि जो नेता मजबूत फैसले लेते हैं, उन का कद बढता ही है और जनता में समर्थन भी बढता है. अच्छे फैसला का राजनीतिक लाभ भी मिलता है. उन्होने कहा कि क्या इंदिरा गांधी ने 1971 के चुनाव में बांग्ला देश के निर्माण को नहीं भुनाया था. 

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गांधी के बिना सोचे समझे बोले गए जुमले का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुला डाली , जिस में उन्होने मौत का सौदागर जैसा शब्द इस्तेमाल करने पर राहुल गांधी की जम कर आलोचना की. उन्होने कहा कि भाजपा ने कोशिश की कि इस मुद्दे पर राजनीति न हो, लेकिन कुछ लोगो ने सेना का अपमान किया. उन्होने कहा कि सर्जिकल स्ट्राईक की प्रेस कांफ्रेंस भी डीजीएमओ ने की थी, प्रधानमंत्री मोदी या रक्षामंत्री ने नहीं की. फिर कांग्रेसी किस पर सवाल उठा रहे हैं, किसे आशंका के दायरे में ला रहे हैं. यह निंदनीय प्रयास है. राहुल का खून की दलाली जैसे शब्द प्रयोग सेना का अपमान है. उन्होने राहुल गांधी से कहा कि  द्लाली शब्द आप के जहन में हमेशा रहता है, लेकिन यह मौका नहीं था. इस मे क्या दलाली हुई. क्या सेना की वीरता का कोई मूल्य हो सकता है.

उन्होने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार सर्जिकल स्ट्राईक हुआ है. आप याद करो  71 की लडाई में आप ने क्या कहा था, अखबार निकाल देख कर देश लो. हमारे नेताओ ने उस समय क्या कहा था, जरा अखबार निकाल कर देख ले.उन्होने कहा कि राहुल के बयान से सेना का मनोबल गिराने वाला है और देश की जनता में गुस्सा है. राहुल गांधी का बचाव करने और अमित शाह पर हमला करने के लिए कांग्रेस ने कपिल सिब्बल को मोर्चा सम्भालने भेज दिया. कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेन्स में जहाँ राहुल गांधी का यह कह कर बचाव किया कि वह गांधी परिवार से है अमित शाह पर आरोप लगाया कि सेना ने कई बार एलओसी पार कर के हमला किया जब कि अमित शाह कह रहे हैं कि सेना ने पहली बार एलओसी पार की, क्या 1965 में नहीं की थी, क्या 1971 में नहीं की थी. कपिल सिब्बल ने कहा कि अमित शाह को सेना का इतिहास ही नहीं मालूम.

कपिल सिब्बल का हमला भारी था, हालांकि अमित शाह ने यह नहीं कहा था कि सेना ने पहली बार एलओसी पार कर के हमला किया, उन्होने तो कहा था कि सर्जिकल स्ट्राईक पहली बार हुआ. कपिल सिब्बल पर हमला बोलने के लिए शाम को भाजपा ने दूसरी प्रेस कांफ्रेन्स कर के रवि शंकर प्रशाद को मैदान में उतारा. खून के जुमले पर भाजपा-कांग्रेस की जंग दोनो पार्टियो के वकीलो की जंग बन गई. पर रात होते होते रवि शंकर प्रशाद का जवाब देने के लिए कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला को दुबारा उतारा. दिन भर भाजपा कांग्रेस प्रेस कांफ्रेंसो में उलझी रही. 

 

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