नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी में मचे घमासान पर कांग्रेस अवसर तलाश रही है. सूत्रो के मुताबिक राहुल गांधी यू पी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सम्पर्क में हैं और इस बात का इंतज़ार कर रहे हैं कि सपा में विभाजन हो. अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस अखिलेश यादव की सपा से गठबंधन कर के चुनाव लडने की फिराक में हैं.
इसी सिलसिले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को यूपी कांग्रेस की बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्होंने विधायकों से सपा नेतृत्व के बारे में राय ली.बैठक में राहुल गांधी ने विधायकों से पूछा कि छवि किसकी बेहतर है सपा के मुखिया मुलायम या उनके बेटे की? ज़ाहिर है बदलते सियासी समीकरण में कहीं न कहीं अब कांग्रेस की गठबंधन पर नज़र है. कांग्रेस उपाध्यक्ष यूपी के विधायकों की बैठक ले रहे थे जिसमें विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर, उमाकांति, आराधना मिश्रा, गयादीन अनुरागी, बंसी पहाड़िया, राधेश्याम कनोजिया, अजय राय, संजय कपूर और विवेक सिंह समेत 17 विधायक शामिल थे. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राहुल गांधी की उत्तर प्रदेश में तीसरी यात्रा की तैयारी है.
कुछ महीने पहले प्रदेश की बैठक में राहुल गांधी ने कहा था कि सपा से गठबंधन का सवाल ही नहीं ,कांग्रेस तब हवा में उड रही थी और प्रशांत किशोर के कहने पर शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मेंदवार भी घोषित कर दिया था, लेकिन वह खुद ऐसे सवाल पूछ रहे हैं. इससे मतलब साफ है कि राहुल, सपा के साथ गठबंधन का मन बना रहे हैं. सूत्रों की मानें तो ज़्यादातर विधायकों ने राहुल के सवाल पर अखिलेश के पक्ष में जवाब दिया. जिस पर राहुल ने कहा कि वो विचार विमर्श करके अपनी राय रखेंगे. बुधवार की बैठक का मकसद वहां के नेताओं का मन टटोलना भी था.वैसे भी रीता बहुगुणा जोशी के भाजपा में शामिल हो जाने से पार्टी में माहौल कुछ खास अच्छा नहीं है. ऐसे में राहुल को बहुत सोच-समझकर कदम उठाना होगा.
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