अच्छी भली खाट यात्रा के आखिर में राहुल गांधी की ओर से सर्जिकल आप्रेशन पर खून की दलाली जैसा जुमला कस देने से हुए राजनीतिक नुकसान की भरपाई के लिए राहुल गांधी ने सैनिको के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को चिठ्ठी लिखी है.
चिठ्ठी में राहुल गांधी ने लिखा कि वह उस वक्त स्तब्ध रह गए जब पिछले कुछ हफ्तों में सरकार द्वारा एक्शन लेते हुए विकलांगता पेंशन को एक नए स्लैब सिस्टम में डाल दिया. जिससे विकलांग हुए सैनिकों की पेंशन में कटौती हो गई. वहीं सातवें वेतन आयोग से भी सैनिकों को निराश हाथ लगने की बात कही.
राहुल गांधी ने कहा कि वन रैंक वन पेंश पर सरकार द्वारा वाजिब कदम नहीं उठाए गए. ऐसे में मजबूरी में हमारे भूतपूर्व सैनकों को सड़कों पर उतरना पड़ा.उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक देश की रक्षा करते हुए अपने नुकसान को लेकर कोई क्लेम नहीं करने जा रहे हैं। ऐसे में यह सरकार का कर्तव्य बनता है कि उन्हें वन रैंक वन पेंशन, विकलांगता पेंशन और मुआवजा समेत सातवें वेतन आयोग को लेकर उचित लाभ दें। जिससे उनके घर और परिवार में भी दीवाली मन सके. अगर हम उन्हें और उनके परिवार को सहायता और सुरक्षा देंगे तब सैनिक सीमा पर बेफिक्र होकर दुश्मनों का मुकाबला कर सकेंगे.
मोदी को लिखे पत्र में राहुल गांधी ने कहा कि देश के सैनिक 125 करोड़ देशवासियों की रक्षा में हर दिन अपने प्राणों को दांव पर लगाते हैं। ऐसे में सरकार को केवल शब्दों से ही नहीं बल्कि एक्शन से उन्हें और उनके परिवारों को भरोसा दिलाना चाहिए कि संकट की घटी में सरकार और पूरा देश उनके साथ है.
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