बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने ब्राह्मणो के वोट बसपा को दिला कर मायावती को फिर से मुख्यमंत्री बनवाने के लिए ब्राह्मणो को प्रभावित करना शुरु कर दिया है. मायावती जानती हैं कि अगर उसे ब्राह्मण वोट नहीं मिले तो वह किसी भी हालत में सत्ता में नहीं आ सकती. कांग्रेस ने शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री का उम्मेंदवार बना कर मायावती को गम्भीर समस्या में डाल दिया है. इस लिए सतीश को जिमम्मेअदारी दी गई है वह किसी भी तरह ब्राह्मणो लुभाए
सतीश शर्मा ने अपना अभियान शुरु करते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज को सम्मान पाने के लिए बसपा के साथ जुड़ना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि ब्राह्मण समाज यूपी में दलितों के साथ मिलकर 2017 में बसपा की सरकार बनाएगी।
सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के 14 प्रतिशत ब्राहमण अकेले सरकार नहीं बना सकते. उन्हें 24 प्रतिशत दलितों के साथ सत्ता में भागीदारी हासिल करनी होगी.
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि 2007 में ब्राह्मण-दलित समीकरण के कारण ही उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज को सत्ता में बड़ी हिस्सेदारी मिली थी. सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार कई ब्राह्मण मंत्रियों की कुर्सी छीन ली गई. वहीं सपा सरकार में गुंडागर्दी और माफियागर्दी का राज कायम है. उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी ने सुरक्षित विधानसभा सीटों पर पुराने सोशल इंजीनियरिंग फार्मूले को ही आजमाने की रणनीति बनाई है।सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि 2002 के चुनाव में बसपा को आरक्षित सीटों पर महज 16 सीटें मिली थीं। लेकिन 2007 में ब्राह्मणों के सहयोग से ये सीटें बढ़ कर 62 तक पहुंच गईं थी। मिश्र के इन तमाम बातों पर लोगों ने उंगलियां भी खूब खड़ी कीं।
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