नई दिल्ली। जेएनयू में आजकल कुछ अच्छा नहीं चल रहा है, कुछ दिन की शांति के बाद देश के टूकडे करने वाला राष्ट्रविरोधी गैंग फिर सक्रिय हो गया है. जेएनयू के छात्र नजीब अहमद के छह दिन से गायब होने के कारण नया विवाद खडा हुया है. स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का छात्र नजीब अहमद शनिवार से लापता है. उसके लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था. छात्र के अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद वसंत कुंज उत्तर थाना में एक व्यक्ति के अपहरण और गलत तरीके से कैद कर रखने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई.
बुधवार रात को इस वामपंथियो ने वि.वि. के वायस चांसलर और करीब 10 अधिकारियो को बंधक बना लिया. वायस चांसलर को आज मुक्त किया गया, लेकिन उन्हे मुक्त किए जाने पर वामपंथी छात्रो में परस्पर विरोध हो गया है, कि उन्हे क्यो छोडा गया.
आज स्टूडेंट यूनियन और वामपंथी अध्यापक संगठन ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर का घेराव करने की चेतावनी दी है. पहले वीसी ने बाहर आकर जेएनयू के छात्र नजीब अहमद को लेकर छात्रों और मीडिया से बात करने की कोशिश की लेकिन विरोध प्रदर्शन की वजह से वे ऐसा नहीं कर पाए. उन्होंने बस छात्रों के सामने एक रिक्वेस्ट नोट पढ़ा ताकि उन लोगों को जाने दिया जाए जिनकी सेहत बिगड़ रही है,लेकिन छात्र नहीं माने थे.जेएनयू वीसी ने कहा कि उनके साथ छात्रों ने धक्कामुक्की की. उन्होंने बताया कि समझाने के बावजूद छात्र नहीं माने. इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर से बात की और मामले पर पूरा ब्रीफ लिया।
‘कुछ लोग पढ़ाई नहीं राजनीति कर रहे हैं’
वहीं गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू ने वीसी और दूसरे अधिकारियों को बंधक बनाए जाने को गलत करार दिया है। रिजिजू ने कहा कि कुछ लोग पढ़ाई नहीं राजनीति कर रहे हैं। जेएनयू का माहौल खराब किया जा रहा है। पुलिस कानून के हिसाब से ही काम करेगी. अभी जेएनयू प्रशासन को अपना काम करना है।
15 अक्टूबर को वीसी ने दी मीडिया को सूचना
विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने 15 अक्तूबर की दोपहर को अहमद के गुम होने के बाद पहली बार मीडिया को बताया कि लड़के का पता लगाने के लिए सारे कदम उठाए गए हैं और वह परिवार के संपर्क में भी हैं। कुमार ने कहा, ‘लेकिन हम उसकी सुरक्षा के बारे में वाकई चिंतित हैं और पुलिस के साथ नियमित संपर्क में हैं और जो भी जरूरत है वो सूचना प्रदान कर रहे हैं। हमने नजीब अहमद से भी अपील की है कि अगर वह इसे पढ़ रहा है तो विश्वविद्यालय लौट आए. हम उसे सभी तरह की मदद का आश्वासन देते हैं।
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