धर्मेन्द्र प्रधान जैसे क्षत्रपो को उभारेगी भाजपा 

Publsihed: 15.Apr.2017, 23:15

ओड़िसा विधानसभा के चुनाव सर पर नहीं | सर पर तो हिमाचल और गुजरात के चुनाव हैं | इस साल दिसम्बर में इन दोनों राज्यों के चुनाव होंगे | यानि सिर्फ छह महीने रह गए | फिर भाजपा ने अपनी कार्यकारिणी बैठक ओड़िसा में क्यों रखी | ओड़िसा विधानसभा के चुनाव तो लोकसभा के साथ अप्रेल 2019 में होंगे | अभी पूरे दो साल बाकी पड़े हैं | पर भाजपा सूत्रों पर भरोसा करें, तो सरकार चुनाव के मूड में आ गई है | अभी बुधवार को संसद का सत्र समाप्त हुआ | इस सत्र की खासियत यह रही कि एनडीए मीटिंग में 2019 के चुनाव में मोदी को प्रोजेक्ट करने का फैसला हुआ | अपन नहीं जानते कि मोदी ने एनडीए से अपने नाम की मोहर क्यों लगवाई | इस की जरूरत क्या थी | भाजपा हाई कमान को एनडीए के प्रस्ताव से क्या फर्क पड़ता है | भाजपा कोई एनडीए पर निर्भर नहीं | 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए किसी ने नहीं पूछा था | और तो और 2014 में जब लाल कृष्ण आडवाणी को प्रोजेक्ट किया गया | तब भी किसी ने एनडीए से नहीं पूछा था | अपन हैरान तो तब हुए, जब बताया गया कि एनडीए मीटिंग में 33 दल शामिल हुए | इन में से की को तो एनडीए लोकसभा की एक भी टिकट नहीं देगा | वाजपेयी के जमाने में तो एनडीए की मीटिंग यदा कदा ही हुआ करती थी | अब बिना वजय मीटिंग का मतलब साफ़ है | मोदी चुनाव मोड़ में आ गए हैं | यानि अगले दो साल अब सरकार का हर कदम चुनावी होगा | अपन ओड़िसा की कार्यकारिणी को भी लोकसभा चुनाव की तैयारी के नजरिये से ही देखते हैं | भाजपा की कार्यकारिणी हर तीन महीने बाद होती है | यानी अगली मीटिंग जुलाई में शिमला या धर्मशाला हो सकती है | उस से अगली मीटिंग अक्टूबर में अमदाबाद या सूरत में हो सकती है | मोदी का लोकसभा चुनाव मोड़ में आने का सबूत शनिवार को भुवनेश्वर की सड़कों पर मिला | जब नरेंद्र मोदी शहर में पहुँचते ही सड़क पर उतर गए |  भुवनेश्वर में पहले मोदी का रोड शो हुआ, फिर वह राजभवन  पहुंचे । अपन को पिछले 25 साल किसी प्रधानमंत्री का रोड शो हुआ याद नहीं आता | पिछले पच्चीस साल में से दस साल तो मनमोहन सिंह पीएम थे | छह साल वाजपेयी थे, जो हर कार्यकारिणी में पब्लिक मीटिंग जरूर करते थे |  अपन उन करीब करीब सभी पब्लिक मीटिंगों में रहे हैं | वाजपेयी से पहले सात साल नरसिंह राव,देवगौड़ा ,गुजराल थे | इन ने कोई  रोड शो नहीं किया | मोदी ने पिछले तीन  साल से रोड शो की झड़ी लगा राखी है | हर रोड शो मोदी की लोकप्रियता में और बढ़ोतरी कर रहा है | अब से हर तीसरे महीने जब मोदी भाजपा की कार्यकारिणी में जायया करेंगे |  तो रोड शो कार्यकारिणी का हिस्सा होगा | भुवनेश्वर के रोड शो के दौरान हजारों लोगों की भीड़ सड़क के दोनों तरफ मौजूद थी । मोदी ने गाड़ी से बाहर निकलकर लोगों का अभिनंदन किया । 2019 में भाजपा का टारगेट 400 सीटें है | जो इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस को मिली थी | वह मौत पर सहानुभूति की लहर थी | मोदी का लक्ष्य अपनी उपलब्धियों पर 400 सीटें हासिल करना है | ओड़िसा जैसे राज्य टारगेट भाजपा में सब से बड़ी बाधा हैं | सो भाजपा के निशाने पर अब ऐसे राज्य होंगे , जहा अब तक उस की दाल नहीं गली | कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा -" लोगों का कहना है कि बीजेपी का यह स्वर्णिम काल है । लेकिन बीजेपी को अभी बहुत आगे तक जाना है । जब केरल, बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में बीजेपी की सरकार होगी , उस समय मैं कहूंगा कि बीजेपी अपने स्वर्णिम काल में है । अभी हमें और मेहनत करने की जरूरत है | पार्टी का विस्तार बाकी है ।"  भुवनेश्वर में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक 20 साल बाद हो रही है । इससे पहले 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक 1997 में भुवनेश्वर में ही बैठक हुई थी । भाजपा को ओडिशा के पंचायत चुनाव में जबरदस्त सफलता मिली है | भाजपा ने विस्तार का नया एजेंडा तय किया है | इस एजेंडे के अंतर्गत ही भूले बिसरे स्वतंत्रता सेनानी ढूंढें जा रहे हैं | उन्हें या उन के परिवारों को पार्टी सम्मानित कर रही है | बड़ी तादाद में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार भाजपा से जुड़ रहे हैं | यही मोदी का कांग्रेस मुक्त भारत का लक्ष्य है | अलग-अलग प्रदेशों से आज़ादी आन्दोलन के स्थानीय हीरो ढूंढें जा रहे हैं | उन को राष्ट्रीय मानचित्र पर फिर से उभारने की रणनीति है | जिन्हें कांग्रेस ने भूला दिया था | जो अबतक किसी न किसी रूप में उपेक्षित रहे हैं | ओड़िसा में भी भाजपा पाई के विद्रोह को याद कर रही है | अंग्रेजों के खिलाफ यह विद्रोह 1817 में हुआ था | भाजपा कार्यकारिणी के दौरान पाई परिवार के वारिसों को सम्मानित करेगी |  पाई बंधुओं ने 200 साल पहले 1817 में अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका गया था | यह ओडिशा के लोगों की भावना के साथ अपने-आप को जोड़ने की कोशिश है | भाजपा दूसरा काम क्षत्रपो को उभारने का कर रही है | आज़ादी के बाद कांग्रेस में हर राज्य का ताकतवर क्षत्रप था | इंदिरा गांधी ने सब को खत्म कर दिया | कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी टूट गई और कांग्रेस एक एक कर सभी राज्यों में कमजोर होती गई | अब भाजपा हर राज्य में क्षत्रप उभारेगी | ओड़िसा का क्षत्रप धर्मेंद्र प्रधान होगा | 

 

आपकी प्रतिक्रिया