श्रीनगर | कश्मीर घाटी में धारा 35ए के खिलाफ दायर याचिका और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के छापों के विरोध में प्रदर्शनों की साजिश को नाकाम बनाने की कवायद के तहत पुलिस ने ईद से एक दिन पहले शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन यासीन मलिक को उनके एक अन्य साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने यासीन मलिक को उनके वरिष्ठ साथी बशीर अहमद कश्मीरी संग आबीगुजर लालचौक स्थित संगठन के मुख्यालय से गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तारी से पूर्व यासीन मलिक ने पत्रकारों से कहा कि केंद्र व राज्य सरकार अब कश्मीरियों को उनके त्योहार भी नहीं मनाने दे रही है। हमने लोगों से नमाज-ए-ईद के बाद शांतिपूर्ण तरीके से कुछ देर के लिए कश्मीर के हक-ए-आजादी के समर्थन और धारा 35ए के खिलाफ साजिशों को नाकाम बनाने के लिए एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए ¨हदोस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करने का आह्वान किया था।
एनआइए के जरिये जिस तरह कश्मीर नेताओं को दबाया जा रहा है, उस पर विरोध जताने के लिए कहा था। राज्य सरकार ने आरएसएस के एजेंडे के तहत कश्मीरियों को नमाज-ए-ईद से भी रोकना शुरू कर दिया है। इसी साजिश के तहत टीआरसी मैदान में ईद के मौके पर नमाज की अनुमति नहीं दी गई, लेकिन कश्मीरी अपने हक की लड़ाई जारी रखेंगे।
इस बीच एक अदालत ने जम्मू में पत्थरबाजी और आतंकवादी गतिविधियों के वित्त पोषण के लिए पाकिस्तान से धन लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीन कश्मीरी अलगाववादियों की न्यायिक हिरासत 27 सितंबर तक बढ़ा दी है | आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे और फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे को 28 अगस्त तक की उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद जिला न्यायाधीश पूनम बम्बाबा की अदालत में पेश किया गया था. बंद कमरे की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने तीनों अलगाववादियों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी. अदालत ने सोमवार को अन्य चार कश्मीरी अलगाववादियों - नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, रजा मेहराजुद्दीन कलवल और बशीर अहमद बट उर्फ पीर सैफुल्ला की न्यायिक हिरासत 27 सितंबर तक बढ़ा दी थी |
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 24 जुलाई को सात प्रमुख कश्मीरी अलगाववादियों नईम खान, अहमद शाह, पीर सैफुल्ला, मेहराजुद्दीन कलवल, हिलाली शाह और खांडे को श्रीनगर से और बिट्टा कराटे को दिल्ली से गिरफ्तार किया था |
आपकी प्रतिक्रिया