"यस मेम" न बोलने पर टीचर ने क़ानून की धज्जियां उडाई

Publsihed: 31.Aug.2017, 14:57

लखनऊ | हमारे देश में एक अध्यापक को गुरु का दर्जा दिया गया है। फिर वो हमारे जीवन में हो या शास्त्र में, यहां तक की किताबों में गुरु को भगवान से भी बड़ा बताया गया है।

गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।

लेकिन क्या वाकई आज के कलयुगी गुरु इस पद के हकदार हैं, कि उन्हें ईश्वर से भी बड़ी उपाधि दी जाए। आज के कुछ कलयुगी अध्यापक अपने व्यक्तिगत जीवन का गुस्सा उन मासूमों पर निकालते हैं। जिनके मां बाप अध्यापक पर भरोसा करके अपने बच्चों को 8 घंटे तक खुद से दूर रखते हैं। ये सोचकर कि हमारे बच्चे वहां सुरक्षित हैं।

स्कूलों में विधार्थियों के साथ लगातार हो रही मार पीट की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए मुफ्त एंव अनिवार्य शिक्षा क़ानून में प्रावधान किया गया है कि कोई भी अध्यापक किसी विद्यार्थी के साथ किसी तरह की मार पीट नहीं करेगा | किशोर न्याय अधिनियम में तो मार पीट करने वाले अध्यापकों के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज कर कड़ी सजा तक के प्रावधान किए गए हैं | इस के बावजूद कई अध्यापकों ने अभी तक खुद में बदलाव नहीं किया है | आज जिस घटना के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं वो एक महिला अध्यापक की निर्दयता की है।

जानें पूरा मामला

दरअसल हाजिरी लगाने के दौरान क्लास में प्रजेंट मेम ना बोलने पर ” जोन विनी “स्कूल की टीचर रेटिका वी. ने कक्षा 3 के छात्र रितेश को 2 मिनट में 40 थप्पड़ मारे। इतना ही नहीं बच्चे का सिर ब्लैक बोर्ड से भिड़ा दिया।

ऐसे आया मामला सामने

क्लास में लगे CCTV फुटेज में यह पूरी वारदात कैद हो गई। जिसमें साफ-साफ इस टीचर की बेरहमी दिखाई दी है। प्रधानाचार्य रोनाल्ड रोड्रग्स ने टीचर को स्कूल से निकाल दिया। इस घटना की शिकायत परिजनों ने पीजीआई थाने में की है।

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