नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने शनिवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर कहा कि मोदी सरकार सब कुछ पारदर्शी तरीके से करेगी. वह इस मुद्दे पर पार्लियामेंट को भी विश्वास में लेगी. उन्होंने कहा कि कुछ वर्ग के लोग इस मामले में दुष्प्रचार कर रहे हैं कि सरकार पिछले दरवाजे से यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने का प्रयास कर रही है जो कि पूरी तरह से गलत है.
तीन तलाक को संविधान और सभ्यता के खिलाफ करार देते हुए कहा कि अब सही समय आ गया है जब देश को न्याय के सिद्धांत, समानता के अधिकार और सम्मान को ध्यान में रखते हुए इस लैंगिक भेदभाव को खत्म कर देना चाहिए.नायडू ने कहा कि तीन तलाक संविधान, लोकतंत्र के सिद्धांतों, कानून और सभ्यता के खिलाफ हैं. समाज में इस तरह के कई विचार पैदा हो रहे हैं. इस विषयों पर काफी बहस हो रही है. इन मुद्दों पर पहले ही काफी समय बीत चुका है. ऐसे में अब सही समय आ गया है जब देश को आगे बढ़कर इन भेदभाव को खत्म करने और लैंगिक न्याय व समानता लाने के लिए तीन तलाक को हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. नायडू ने यहां आगे कहा कि तीन तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाएं भी न्याय की मांग काफी दिनों से कर रही हैं. उन्होंने कहा कि देश में किसी के साथ भी किसी तरह का लैंगिक भेदभाव नहीं होना चाहिए, हां लेकिन लैंगिक न्याय होना चाहिए. संविधान के सामने सभी बराबर हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. ऐसे में कोई भी कोर्ट में अपनी चिंता को सही से रख सकता है.
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