पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने एलान किया है कि दो दिन के भीतर जलीकट्ट का स्थाई हल निकल आएगा. कल शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पन्नीरसेलिवन ने राज्य सरकार की ओर से जारी किए जाने वाले अध्यादेश का प्रारूप सौंप दिया था. मुख्यमंत्री पन्नीरसेलिवन ने कल रात पार्टी सांसदो से विचार विमर्श किया और आज सुबह नए अध्यादेश के प्रारूप के साथ सभी अन्नाद्रमुक सांसदो को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पास भेजा , जबकि खुद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को मिलने गए थे.
केंद्र सरकार की ओर से अध्यादेश को हरी झंडी मिलने के बाद उसे राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति मंजूरी के बाद अध्यादेश राज्यपाल को भेजेंगे. राज्यपाल अध्यादेश जारी करेंगे. इस बीच आज सुबह केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी केंद्र और राज्य सरकार मिल कर हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं. इस लिए फैसले को कुछ दिन टाला जाए. सुप्रीम कोर्ट एक सप्ताह तक फैसला टालने को तैयार हो गई.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकारअध्यादेश जारी करेगी. इस से पहले पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने संकेत दिया कि कल तक नया अध्यादेश जारी किया जा सकता है, इस अध्यादेश में कोई कमी न रह जाए, इस लिए सभी पहलुओ का अध्य्यण किया जा रहा.
जल्दी में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेस में उन्होने कहा गृह मंत्रालय को आज तमिलनाडू सरकार ने अध्यादेश का एक प्रस्ताव भेजा है, ग़्रहमंत्रालय विधि मंत्रालय से सलाह मश्विरा करने के बाद प्रारूप को पर्यावरण मंत्रालय को भेजेगा. अनिल दवे ने कहा कि विभिन्न मंत्रालओ में विचार विमर्श किया जा रहा है. उन्होने कहा कि तमिलनाडू की जनता की भावनाओ का ध्यान रखा जाएगा. एक या दो दिन में फैसला हो जाएगा.
हम नही चाहते कि कोई बारिक कमी रह जाए, जिस से बाद में कानूनी दिक्कत हो. हम स्थाई हल निकाल रहे हैं. सरकार जलिकट्ट के समर्थको के साथ हैं. मैं व्यक्तिगत तौर से जलिकट्टूका समर्थन करता हूँ. इस का सांस्कृतित महत्व है, हम इस का सम्मान करते हैं. हम तैयार हैं. गृहमंत्रालय की ओर से हरी झंडी मिल जाए. मेरी गृहमंत्री से बात हुई है, उन की तरफ से अध्य्यण किया जा रहा है. तमिल नाडू के लोगो को जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी.
यूपीए सरकार के समय केंद्रीय मंत्री जय पाल रमेश ने 2011 में सब से बडी समस्या खडी की जब उन्होने क्रूएलिटी की सूची में सांड और बैल को शामिल किया था. इसे ठीक करने के लिए एनडीए सरकार ने 2014 में अध्यादेश जारी किया था, ताकि जलीकट्ट को उस प्रतिबंधित सूची से बाहर किया जाए, लेकिन उस अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हई है.
उन्होने बताया कि अटार्नी जनरल ने आज सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार हल निकालने की कोशिश कर रही है, इस लिए फैसले को एक सप्ताह के लिए टाला जाए, जिस पर कोर्ट सहमत हो गया है, इस बीच केंद्र और राज्य सरकार मिल कर दो दिन में स्थाई हल निकाल लेंगे ताकि इस बार जलिकट्ट हो सके और कानूनी अडचन न आए.
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