पोक्सो केस में स्कैच को सबूत मानने का आदर्श उदाहरण

Publsihed: 14.Jun.2017, 13:49

नई दिल्ली | कोर्ट में सुनवाई के दौरान बनाए गए रेप पीड़ित बच्ची की ओर से बनाए गए स्केच ने रेपिस्ट अंकल को सजा दिलवा दी | सत्र न्यायधीश ने बच्ची का यह स्केच अहम सबूत मां कर पोक्सो मामले में नया आदर्श उदाहरण पेश किया है | दो साल पहुले हुई इस घटना में दोषी के खिलाफ आरोप की पुष्टि मुश्किल थी, लेकिन इस स्केच को जज ने सबूत माना और आरोपी को 5 साल की सजा सुनाई | 

मूल रूप से कोलकाता की रहने वाली यह बच्ची अभी 10 साल की है. उसके पिता को शराब की लत थी और मां की मौत हो चुकी थी | पिता उसका खयाल नहीं रखते थे, जिस वजह से उसकी आंटी उसे दिल्ली ले आईं | उस वक्त उसकी उम्र 8 साल थी.  आंटी के घर रहने के दौरान अंकल अख्तर अहमद ने उसके साथ कई बार रेप किया | अख्तर को पिछले साल 4 जून को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उसके वकील ने दलील दी कि लड़की को 'सक्षम गवाह' नहीं माना जा सकता | 

वहीं, यह केस उस वक्त अप्रत्याशित रूप से बदला जब लड़की ने एक स्केच बनाया. मामले की सुनवाई के दौरान उसने पेपर पर ब्लैक कलर के क्रेयॉन से एक खाली घर को स्केच किया, जिसमें एक लड़की हाथ में गुब्बारा लिए थी. उसके पास एक कपड़ा जमीन पर गिरा हुआ था.  अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने इसे लड़की की गवाही माना. उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा, 'अगर इस ड्रॉइंग को तथ्य और केस की परिस्थिति मानी जाए, इससे यह पता चलता है कि उसके कपड़े को उतारकर उसके साथ यौन शोषण हुआ है, इसका उसके दिमाग पर असर हुआ है जो कि सबूत के रूप में पेश हुआ है.'

जज ने कहा कि यह उस घटना की व्याख्या के लिए काफी है. जज ने कहा, 'अंतः मैं पीड़िता को सक्षम गवाह मानता हूं.' लड़की को नवंबर 2014 में बस में पाया गया था. उसके शराबी पिता ने उसे बेसहारा छोड़ दिया था, उसकी आंटी उसे दिल्ली लेकर आई थी और वह उससे दूसरों के घरों में काम करवाया करती थी.  काम कराने के आलावा उसके साथ गलत व्यवहार किया जाता था. उसके अंकल उसका यौन उत्पीड़न करते थे और अंततः वह घर से भाग गई. कोर्ट ने दोषी पर 10,000 रुपये जुर्माना भी लगाया है जबकि लड़की को 3 लाख रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में मुआवजा देने के आदेश दिए हैं. 

आपकी प्रतिक्रिया