सेना और अर्धसेनिक बलो में बडे पैमाने पर चल रहे भ्रष्टाचार की सुगबुगाहट तो हमेशा से रही है. जहाँ जहाँ सेना की छावनिया हैं, वहा वहा पेट्रोल-डीजल तक बिकने की खबरे आती रही हैं. लेकिन सरकार ने सेना में चल रहे बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार पर आंखे मूंदे रखी. यही कारण था कि शोषण का शिकार हो रहे जवान कभी सामने नहीं आए.
किसी ने हिम्मत दिखाई तो सेना और अर्धसेनिक बलो के अफसरो ने उन पर अत्याचार करने शुरु कर दिए, जिस से बाकी जवानो ने हिम्मत नहीं की. सरकार का रूख हमेशा अधिकारियो की बात सुनने का रहा है, इस लिए किसी ने बडे स्तर पर शिकायत की हिम्मत नहीं जुटाई, यह पहला मौका है कि देश में यह मौहाल बना है, जिस में यह विश्वास बना है कि भ्र्ष्टाचारियो की शामत आ गई है, इस लिए अब पहली बार जवान खुल कर सामने आ रहे हैं.
तेज प्रताप यादव ने जो रास्ता दिखाया, उस के बाद एक हफ्ते में 4 वीडियो सामने आ चुके हैं, जिन में सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ के अधिकारियो के भर्ष्टाचार की पोल खुली है, अब नरेंद्र मोदी का फर्ज बनता है कि देश की जनता को उन्होने जो भरोसा दिलाया है, उस पर खरे उतरे और एक-एक अधिकारी को कटघरे में खडा कर, अगर उन्होने उन्ही अधिकारियो या गैर सेनिक ब्यूरोक्रेसी से ही जांच करवाई तो वही होगा, जो 70 साल से होता रहा है. तेज प्रताप के पहले वीडियो के बाद बीएसएफ ने उस के चरित्रहनन की कोशिश की थी.
अब खबर आ रही है कि उच्च स्तर से आए जांच आदेश के बावजूद वीडियो जारी करने वालो की प्रताडना शुरु हो गई है.
ताजा वीडियो में लांस नायक यज्ञ प्रताप ने अपने बड़े अफसरों पर खुद को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. देहरादून में तैनात सेना के जवान यज्ञ प्रताप सिंह के मुताबिक उसने पिछले साल 15 जून को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अधिकारियों द्वारा जवानों के शोषण को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी. बाद में जब यह बात सेना के अधिकारियों को पता चली तो उसको काफी डांटा-फटकारा गया. अब उसे लग रहा है कि इसी मामले पर उसका कोर्ट मार्शल भी हो सकता है. उसे धमकाया गया है कि उस पर देशद्रोह का मुकद्दमा चला दिया जाएगा.
यज्ञ प्रताप के मुताबिक सेना में कई जगहों पर एक सैनिक से कपड़े धुलवाना, बूट पॉलिश करवाना, कुत्ते घुमवाना जैसे काम करवाना गलत है. सेना के इस जवान से सीधे प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे इस मामले में दखल दें क्योंकि उसने चट्ठी लिखकर कोई गलत काम नहीं किया है.
इस बीच सेना की ओर से इस वीडियो पर जवाब आ गया है. सेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि इतनी बड़ी फौज में किसी एक सैनिक की ऐसी शिकायत को हम ऐसे ही खारिज नहीं कर सकते. सेना में ऐसी शिकायतों के निबटारे का एक सिस्टम है और उसी के तहत इस जवान की शिकायत को भी देखा जा रहा है.
इससे पहले सीआरपीएफ के जवान जीत सिंह का वीडियो सामने आया. इसमें जवान ने प्रधानमंत्री से गुजारिश की है कि पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों को भी वे सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए जो सेना के जवानों को मिलती हैं. इनका दर्द है जब इनके भी जवान सरहद पर गोली खाते है देश के भीतर आंतकवादियों और माओवादियों से लड़ते हैं तो फिर सुविधाओं के मामले में उनके साथ भेदभाव क्यों किया जाता है.
जम्मू-कश्मीर में तैनात बीएसएफ के एक जवान का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. वीडियो में बीएसएफ जवान दावा कर रहा है कि वह सीमा पर मुश्किल हालात में ड्यूटी कर रहा है. वीडियो में दिख रहा शख्स खुद को तेज बहादुर यादव, बीएसएफ की 29वीं बटालियन का सदस्य बताता है.
इस के बाद दस साल पहले वालंटियर रिटायर्मेंट लेने वाला बीएसएफ का एक और जवान सामने आया है, जिस ने खु;लासा किया है कि बाघा बार्डर पर बीएसएफ के जवान खुद की खरीदी गई वर्दी पहने हुए होते है. अफसर तानाशाही करते हैं. जवानो से 18 घंटे द्यूटी करनी पडती है, लेकिन अगर वे आवाज उठाते हैं तो उन की प्रताडना होती है.
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