नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वय सेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 19,20,21 को कोम्बयूटूर में हुई वार्षिक बैठक में हिन्दू धर्माविलम्बियों में जातिवाद और छूआछूत ख़त्म करने का अभियान शुरू करने का फैसला किया गया है |
जातिगत भेदभाव को भुलाने के मकसद से संघ लंबे समय से ‘एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान’ के फॉर्मूले पर काम कर रहा है। संघ का मकसद हिंदु वोटरों को एक छत के नीचे लाना है। इस अभियान को अब और तेज किया जाएगा | बीजेपी के चार वरिष्ठ नेता राम लाल, शिव प्रकाश सिंह, सौदान सिंह और वी सतीश तमिलनाडु में संघ की बैठक में शामिल हुए।
थिंक टैंक मिलकर 2019 के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है।
उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद संघ ने अपने प्रचारकों का फेरबदल किया है।
बैठक की मुख्त बातें
बैठक के दौरान संघ से कहा गया है कि जहां संघ की पैठ कमजोर है उसे मजबूत करने की जरूरत है। इसके लिए विशेष रणनीति पर काम किया जा रहा है। बीजेपी साउथ और नॉर्थ ईस्ट में उतनी मजबूत नहीं है। संगठन से कहा गया है कि इन राज्यों में संगठन के ढांचे को मजबूत किया जाए।
आंकड़ों के आधार पर रणनीति
बीजेपी ने संघ को चुनाव से जुड़े सभी आंकड़े उपलब्ध कराए हैं। मसलन उत्तर प्रदेश में इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करीब 45 फीसदी वोट मिला है। विपक्षियों को 55 फीसदी वोट मिला है। ऐसे में विपक्षियों के एकजुट होने पर बीजेपी पिछड़ सकती है। पार्टी अब इस रणनीति के साथ 2019 चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है।
दलित और आदिवासियों को जोड़ने की सलाह
अब तक ऐसा माना जा रहा था कि संघ का मतलब उच्च वर्गीय। बीजेपी मतलब अमीरों की पार्टी। लेकिन बीजेपी की इमेज धीरे-धीरे बदलने लगी है। संघ में भी कहा गया है कि अब संगठन को दलित और आदिवासियों से जोड़ने की जरूरत है। यहां संघ और संगठन दोनों पिछड़ रही है।
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