नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने अपने एक बयान में कहा है कि “रोहिंग्या मुसलमान देश में गैरकानूनी आव्रजक है और उन्हें वापस जाना होगा।” मानवाधिकार संगठनों द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति नरमी बरतने के सवाल पर रिजिजू ने कहा कि “दुनिया हमें मानवाधिकार ना सिखाए। हमारे देश ने दुनिया में सबसे ज्यादा शरणार्थियों को जगह दी है। यह देश महान लोकतात्रिक परंपराओं वाला देश है।”
‘कानून के मुताबिक हो रहा काम’
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री रिजिजू ने रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने के फैसले की आलोचना पर कहा कि हम कानून के मुताबिक ही काम कर रहे हैं। हम पर अमानवीय होने का आरोप गलत है। बता दें कि देश में 14000 रोहिंग्या मुसलमान संयुक्त राष्ट्र से पंजीकृत हैं, जिनसे सरकार को आपत्ति नहीं है। वहीं 40000 गैरकानूनी रुप से देश में रह रहे हैं।
क्या है सरकार की चिंता
बता दें कि देश में करीब 40000 रोहिंग्या मुसलमान गैरकानूनी तरीके से रह रहे हैं। सरकार इन्हें देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा मान रही है। दरअसल कई आतंकी घटनाओं में म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों के शामिल होने की खबर मिली है। इसके साथ ही इन सताए हुए लोगों को बहकाना आसान है। खूफिया एजेंसियों की माने तो आतंकी संगठन इन शरणार्थियों को भड़काकर अपने साथ मिलाने की जुगत में है। यही कारण है कि सरकार इन्हें वापस भेजना चाहती है।
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