नई दिल्ली. यह अनुभवियो को किनारे करने और अनाडियो को मंत्री बनाने का नतीजा है कि पहली बार संसद में पहुंचे और मंत्री बन गए जनरल वी.के.सिंह आए दिन सरकार की किरकिरी कराने वाले बयान देते रहते हैं. पूर्व सैनिक आत्महत्या विवाद पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का अब ताजा बयान आया है.
उन्होने कहा है कि 'मैं इस विवाद में शामिल नहीं होना चाहता हूँ.' इसके आगे उन्होंने कहा कि 'मरने वाला सैनिक कांग्रेस का नेता था और कांग्रेस की टिकट पर सरपंच भी बनना चाहता था. बावजूद इसके वह एक सैनिक था और मैं उनकी मौत से दुखी हूँ.' जनरल वी.के.सिंह रक्षा मंत्रालय के मंत्री नहीं है, इस के बावज़ूद वह रक्षा मंत्रालय से जुडे सवालो में उलझ कर सेना के मुद्दे बयान दे कर मोदी सरकार को मुश्किल में डालते हैं, अब प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने उन के इस बयान को मुद्दा बना लिया है.
मीडिया से बात करते हुए वन रैंक वन पेंशन पर वी के सिंह ने कहा कि इसमें अधिकतर चीजें दी जा चुकी है. सिंह ने आगे कहा कि 'यह 40 साल पुरानी मांग थी. जिसे इस सरकार ने पूरा किया. इसमें कुछ कमियां हैं. जिसको रेड्डी कमीशन ठीक करने की पूरी कोशिश कर रहा है. अगर आप इसका इंतज़ार नहीं करेंगे तो ये गलत होगा.
बता दें कि इस से पहले वी के सिंह के पूर्व सैनिक की आत्महत्या पर बयान ने विवाद पैदा कर दिया था. उन्होंने खुदखुशी करने वाले सैनिक की मानसिक स्तिथि की जांच करने की जरुरत पर बल दिया था. सच्चाई यह है कि जिस रेड्डी कमीशन की रिपोर्ट का इंतजार कर्तने की बात वी.के.सिंह ने कही है, वह रिपोर्ट तैयार कर रक्षा मंत्रालय को सौंपी जा चुकी है और अब मंत्रालय को इसका अध्ययन कर इस पर निर्णय लेना है.
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